भारतीय क्रिकेट टीम में जसप्रीत बुमराह का बेस्ट रिप्लेसमेंट क्या हो सकता है? यह वो सवाल, जो पिछले दो सप्ताह में सबसे अधिक बार पूछा गया है. फैंस से लेकर एक्सपर्ट तक यही बात कर रहे हैं. कुछ सवाल के स्वर में तो कुछ आलोचना के अंदाज में. एक धारणा सी बनती जा रही है कि बुमराह के बिना जीत मुश्किल है. भारत जैसी टीम के साथ ऐसी धारणा बनाना ना सिर्फ गलत है, बल्कि बचकाना भी है. इस बात में कोई शक नहीं कि बुमराह हमारी टीम के सबसे बेहतरीन गेंदबाज हैं. टीम के प्रदर्शन पर उनके नहीं होने का असर भी पड़ेगा. लेकिन सिर्फ असर. इसे असर को हार-जीत तक ले जाना क्रिकेट का मजाक उड़ाना है, जो एक टीम गेम है.
अगर मुझसे पूछा जाय कि टीम इंडिया में जसप्रीत बुमराह का बेस्ट रिप्लेसमेंट क्या हो सकता है? तो मैं इसके जवाब में कोई एक नाम नहीं लूंगा. वजह बताता हूं. पहली वजह- बुमराह का कोई रिप्लेसमेंट नहीं है. बुमराह का रिप्लेसमेंट सिर्फ बुमराह ही हैं. वैसे भी किसी भी खिलाड़ी का 100 फीसदी रिप्लेसमेंट नहीं होता. नहीं हो सकता. दूसरी वजह- किसी भी खिलाड़ी का रिप्लेसमेंट ढूंढ़ते वक्त यह ख्याल रखा जाता है कि टीम में उसकी भूमिका क्या है. इत्तफाक से बुमराह की टीम में भूमिका दोहरी है. वे जितना असरदार नई गेंद से हैं, उतना ही पुरानी गेंद से. शायद यही वो बात है, जिसने भारतीय चयनकर्ताओं और टीम मैनेजमेंट को सिरदर्द दे दिया.
मोहम्मद सिराज दूसरा नाम है, जो बुमराह के रिप्लेसमेंट के लिए सबसे अधिक बार लिया गया. सिराज के पक्ष में यह बात जाती है कि वे ऑस्ट्रेलिया में पहले अच्छा प्रदर्शन कर चुके हैं. उन्हें जब और जहां मौका मिला, उन्होंने खुद को असरदार साबित किया. अभी दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज में भी उन्होंने नई गेंद से कमाल का खेल दिखाया. फिर भी शमी के बाद ही उनका नाम लेना चाहूंगा. वजह अभी तक के खेल में शमी तुलनात्मक रूप से पुरानी गेंद से ज्यादा असरदार हैं. दूसरा अगर सिराज टीम में चुने जाते हैं और किसी वजह से भुवनेश्वर कुमार प्लेइंग इलेवन से बाहर होते हैं तो भारतीय पेस अटैक में एक भी सीनियर गेंदबाज नहीं रह जाएगा. यह वो स्थिति है, जिसका विरोधी टीम फायदा उठा सकती हैं.
शार्दुल ठाकुर भी ऑस्ट्रेलिया जा रहे हैं. कई लोगों को लग सकता है कि शार्दुल भी बुमराह का रिप्लेस कर सकते हैं. लेकिन ऐसा नहीं है. शार्दुल को भेजे जाने के पीछे एक अन्य कारण है. दरअसल, हाल के दिनों में भारत ही नहीं, दुनिया के कई खिलाड़ी चोटिल हुए हैं. बीसीसीआई भी इस बात को लेकर सतर्क है. इसीलिए शार्दुल को ऑस्ट्रेलिया भेजा जा रहा है. ताकि अगर कोई भी तेज गेंदबाज चोटिल हो जाय तो उसे रिप्लेस करने के लिए ऑस्ट्रेलिया में ही खिलाड़ी रहे. जहां तक बुमराह को रिप्लेस करने की बात है तो शार्दुल इस मामले में शमी और सिराज से पीछे हैं.
पूर्व भारतीय क्रिकेटर और कोच. 1985 से 1987 तक भारत के लिए खेल चुके लालचंद राजपूत फिलहाल जिम्बाब्वे के कोच हैं.
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