जिम्बाब्वे की टीम 2019 में पहली बार वर्ल्ड कप के लिए क्वालिफाई नहीं कर सकी. टीम का प्रदर्शन बेहद खराब रहा था. इसके बाद मुझे जिम्बाब्वे टीम के साथ बतौर कोच जुड़ने का मौका मिला. वहीं से टीम को तैयार करने की कहानी शुरू हुई और आज टीम ने टी20 वर्ल्ड कप में बड़ा उलटफेर करते हुए पाकिस्तान को मात दी. अब उसके सेमीफाइनल में पहुंचने की राह मुश्किल हो गई है, जबकि हमारी उम्मीद बढ़ी हुई है. पाकिस्तान को हराना, मैं उलटफेर नहीं मानता. हम उन्हें घर में टी20 मैच में हरा चुके थे. इतना ही नहीं हम सीरीज जीतने के नजदीक भी पहुंच सके थे. हालांकि अनुभव की कमी के चलते ऐसा नहीं हो सका था.
1990 के आस-पास जिम्बाब्वे के पास ग्रांट फ्लावर, एंडी फ्लावर जैसे दिग्गज खिलाड़ी थे. हम बड़ी टीमों को टक्कर भी दे रहे थे. लेकिन 2000 के बाद टीम के प्रदर्शन में गिरावट आने लगी. लेकिन मौजूदा वर्ल्ड कप में खिलाड़ियों के प्रदर्शन से एक बार फिर हम पुराना रुतबा हासिल करने की ओर हैं. टीम में सीन विलियम्स, सिकंदर रजा, क्रेग इरविन जैसे सीनियर खिलाड़ी हैं तो दूसरी ओर ब्रैड इवांस, गरावा सहित कई युवा खिलाड़ी हैं, जो टीम को आगे ले जाने के लिए तैयार हैं. पाकिस्तान के खिलाफ मैच की बात करें, तो किसी भी टीम के लिए अंतिम ओवर में 11 रन बनाना आसान नहीं रहता है.
मैच के दौरान जिम्बाब्वे ने फील्डिंग के अलावा अच्छी गेंदबाजी भी की. 94 रन पर 6 विकेट झटकने के बाद भले ही मोहम्मद नवाज और मोहम्मद वसीम ने 34 रन की साझेदारी की. लेकिन उनके लिए भी रन बनाने मुश्किल हो रहे थे. हमें पता था कि एक विकेट गिरेगा, तो खेल बदल जाएगा. हुआ भी वैसा ही. नवाज के आउट होने के बाद उतरे शाहीन अफरीदी एक गेंद पर 3 रन नहीं बना सके. पर्थ के विकेट की बात करें, तो यहां अच्छा बाउंस था और हमारे तेज गेंदबाजों ने इसका भरपूर फायदा उठाया.
अंतिम ओवर इवांस डाल रहे थे. पहली 3 गेंद पर 8 रन बन गए थे. मैं गेंदबाजों से हमेशा यही कहता हूं कि आप चीजें सामान्य रखो. अगर आप अधिक साेचोगे, तो अपने प्लान पर ठीक ढंग से काम नहीं कर पाओगे. अंतिम 3 गेंद पर उसने उसी पर अमल किया और इसका टीम को फायदा भी मिला. आप किसी भी टीम को एक रात में नहीं बदल सकते. लेकिन अब पाकिस्तान को हराने के बाद दूसरी टीमों का नजरिया भी हमें लेकर बदलेगा और वे हमें गंभीरता से लेंगे.
यह वर्ल्ड कप काफी अहम रहने वाला है. अब आईपीएल के अलावा बड़ी टीमों के साथ भी हमें अधिक से अधिक मैच खेलने का मौका मिलेगा. यह हमारी सालों की मेहनत का नतीजा है. अब टीम के 2 मैच नीदरलैंड्स और बांग्लादेश से होने हैं. हम उनके खिलाफ मैच और सीरीज भी जीत चुके हैं. ऐसे में अगर हम यहां जीत दर्ज करने में सफल रहे तो सेमीफाइनल अधिक दूर नहीं है. भारत के खिलाफ भी उतरना है. हालांकि अभी बल्लेबाजी में सुधार की गुजांइश है. हम इसके लिए कुछ ही खिलाड़ियों पर निर्भर करते हैं.
इस टी20 वर्ल्ड कप को आप उलटफेर वाला वर्ल्ड कप कह सकते हैं. वेस्टइंडीज की टीम सुपर-12 में जगह नहीं बना सकी. आयरलैंड ने इंग्लैंड को हराया. ऐसा इसलिए है क्योंकि ऑस्ट्रेलिया में हर कुछ बदला हुआ है. यहां के बड़े मैदान पर चौके-छक्के से रन बनाना आसान नहीं है. आपको रन बनाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है. कुल मिलाकर हम अभी बहुत आगे ही नहीं सोच रहे. लेकिन सेमीफाइनल की उम्मीद छोड़ी भी नहीं है.
पूर्व भारतीय क्रिकेटर और कोच. 1985 से 1987 तक भारत के लिए खेल चुके लालचंद राजपूत फिलहाल जिम्बाब्वे के कोच हैं.
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