एलन मस्क के आने से ट्विटर में बड़े बदलाव की उम्मीद, क्‍या अब ये सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म धुल सकेगा कई आरोपों के दाग?

टेस्ला के सीईओ एलन मस्क जबसे ट्विटर के सबसे बड़े शेयरहोल्डर बने हैं, तब से चर्चा हो रही है कि इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में बदलाव आएंगे. हाल के वर्षों में टि्वटर की काफी आलोचना हुई है. भारत में भी आरोप लगते रहे हैं कि सरकार के कहने पर कई नेताओं या एक्टिविस्ट का एकाउंट सस्पेंड किया गया. मस्क के आने के बाद यह सब कैसे बदलता है, यह देखना रोचक होगा.

Source: News18Hindi Last updated on: April 6, 2022, 9:33 am IST
शेयर करें: Share this page on FacebookShare this page on TwitterShare this page on LinkedIn
एलन मस्क के आने के बाद ट्विटर में कैसे बढ़ी बड़े बदलाव की उम्मीद?
twitter elon musk

नई दिल्‍ली. दुनिया के सबसे लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में से एक ट्विटर में जल्दी ही कुछ बड़े बदलाव दिख सकते हैं. अभी यह कहना मुश्किल है कि ये बदलाव क्या होंगे लेकिन 3.8 लाख करोड़ रुपए नेटवर्थ वाले दुनिया के सबसे अमीर शख्स टेस्ला के सीईओ एलन मस्क जबसे ट्विटर के सबसे बड़े शेयरहोल्डर बने हैं, तब से इस बात की काफी चर्चा हो रही है कि मस्क इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में बदलाव लाएंगे.


ट्विटर में बदलाव इसलिए भी तय माना जा रहा है क्योंकि मस्क इसके बोर्ड में शामिल हो रहे हैं. बोर्ड में शामिल होने का सीधा मतलब है कि कंपनी के कामकाज में वे सीधे हस्तक्षेप कर सकेंगे. ट्विटर के सीईओ पराग अग्रवाल ने मंगलवार को जब ट्वीट किया कि मस्क बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में शामिल होंगे तो उनके ट्वीट को टैग करते हुए मस्क ने भी ट्वीट किया कि वे ‘पराग और टि्वटर के बोर्ड के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं ताकि आने वाले महीनों में महत्वपूर्ण सुधार किए जा सकें.’


ये भी पढ़ें – Elon Musk ने लोगों से पूछा- ट्विटर पर चाहिए ‘Edit’ बटन? CEO पराग अग्रवाल ने कही ये बात


बदलाव किस तरह के होंगे, इसकी एक झलक मस्क ने दे दी है. शेयर खरीदने के तत्काल बाद उन्होंने ट्विटर पर अपने आठ करोड़ फॉलोअर्स से पूछा कि क्या वे एडिट बटन चाहते हैं. उनके इस पोल को टैग करते हुए ट्विटर के सीईओ पराग अग्रवाल ने ट्वीट किया, “पोल के नतीजे काफी महत्वपूर्ण होंगे, इसलिए काफी सावधानी से वोटिंग कीजिए.” करीब तीन चौथाई लोगों ने एडिट बटन के पक्ष में वोट डाले हैं. टि्वटर में एडिट बटन की मांग बहुत से यूजर्स लंबे समय से करते आ रहे हैं. इसके संस्थापक और पूर्व सीईओ जैक डोर्सी ने दो साल पहले कहा था कि टि्वटर में एडिट बटन शायद कभी नहीं होगा.


कुछ दिनों पहले भी मस्क ने ट्विटर पर एक पोल आयोजित किया था जिसमें उन्होंने पूछा था कि क्या ट्विटर अभिव्यक्ति की आजादी के सिद्धांत का सख्ती से पालन करता है. जवाब में 70 फ़ीसदी लोगों ने कहा ‘नहीं’. एक और पोल में उन्होंने पूछा कि क्या ट्विटर का एल्गोरिदम ओपन सोर्स होना चाहिए तो 83 फ़ीसदी ने हां में जवाब दिया. दोनों पोल में 10 लाख से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया था.


मस्क अतीत में ट्विटर के बड़े आलोचक रहे हैं. पिछले महीने उन्होंने यहां तक कहा था कि वे नया सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म खड़ा करने पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं. तब उन्होंने एक ट्वीट में लिखा था कि टि्वटर एक ‘पब्लिक टाउन स्क्वायर’ की तरह है जो अभिव्यक्ति की आजादी के सिद्धांत का पालन नहीं करता है. मस्क ट्विटर के भले आलोचक रहे हैं, लेकिन वे इसका भरपूर इस्तेमाल भी करते हैं. उनके आठ करोड़ फॉलोअर्स हैं. इतने फॉलोअर दुनिया में किसी और कंपनी के सीईओ के नहीं हैं.


मस्क ने शुक्रवार को अमेरिकी शेयर बाजार के रेगुलेटर सिक्युरिटीज एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) को ट्विटर के शेयर खरीदने की जानकारी दी थी. विशेषज्ञ मान रहे हैं कि ट्विटर के मुकाबले नई कंपनी खड़ा करना और उसे ट्विटर जितना लोकप्रिय बनाना अधिक मुश्किल होता. इसलिए उन्होंने ट्विटर के ही शेयर खरीदने का फैसला किया.


मस्क ने टि्वटर में 9.2 फ़ीसदी शेयर खरीदा है. इसके बाद वे इसके सबसे बड़े शेयरहोल्डर बन गए हैं. मस्क के शेयर खरीदने के बाद दो दिन में ट्विटर के शेयर 30 फ़ीसदी बढ़ गए. अमेरिका में नियम है कि अगर कोई निवेशक किसी कंपनी के 5 फ़ीसदी या अधिक शेयर खरीदता है तो उसे एसईसी को जानकारी देनी पड़ती है. मस्क ने अपनी फाइलिंग में ट्विटर के शेयर खरीदने का कारण या आगे की योजना का कोई खुलासा नहीं किया है. मस्क के बाद कुछ एक्टिविस्ट इन्वेस्टर भी ट्विटर में हिस्सेदारी खरीद सकते हैं और कंपनी के कामकाज में बदलाव लाने के लिए दबाव डाल सकते हैं.


टि्वटर में इसके संस्थापक और पूर्व सीईओ जैक डोर्सी की शेयर होल्डिंग 2.3 फ़ीसदी ही है. उन्होंने पिछले साल नवंबर में अचानक इस्तीफा दे दिया था. उनकी जगह भारतीय मूल के पराग अग्रवाल सीईओ बनाए गए जो पहले कंपनी में चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर थे.


ये भी पढ़ें – WhatsApp पर जल्द आएगा नया अपडेट! बिना सेव किए गए नंबर से चैटिंग करना होगा आसान, जानें कैसे


पराग को सीईओ बनाए जाने के बाद एलन मस्क ने ट्वीट किया था कि गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, आईबीएम, पाउलो अल्टो नेटवर्क्स जैसी कंपनियों के एग्जीक्यूटिव भारत में पले-बढ़े हैं. उन्होंने यह भी लिखा कि अमेरिका को भारतीय प्रतिभा से काफी फायदा मिल रहा है. लेकिन कई रोज बाद ही उन्होंने नया ट्वीट किया जिसमें अग्रवाल की तुलना पूर्व सोवियत संघ के नेता जोसेफ स्टालिन से की.


हाल के वर्षों में टि्वटर की काफी आलोचना हुई है. हर राजनीतिक विचारधारा के लोगों ने उसके काम करने के तरीके का विरोध किया है या आलोचना की है. कुछ लोगों का मानना है कि इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने गलत सूचनाओं को रोकने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए. कुछ लोग इसके किसी के विचारों पर सेंसर लगाने का भी विरोध करते हैं. भारत में भी उस पर आरोप लगते रहे हैं कि उसने सरकार के कहने पर कई नेताओं या एक्टिविस्ट का एकाउंट सस्पेंड कर दिया. मस्क के आने के बाद यह सब कैसे बदलता है, यह देखना रोचक होगा.

(डिस्क्लेमर: ये लेखक के निजी विचार हैं. लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता/सटीकता के प्रति लेखक स्वयं जवाबदेह है. इसके लिए News18Hindi उत्तरदायी नहीं है.)
ब्लॉगर के बारे में
सुनील सिंह

सुनील सिंहवरिष्ठ पत्रकार

लेखक का 30 वर्षों का पत्रकारिता का अनुभव है. दैनिक भास्कर, अमर उजाला, दैनिक जागरण जैसे संस्थानों से जुड़े रहे हैं. बिजनेस और राजनीतिक विषयों पर लिखते हैं.

और भी पढ़ें
First published: April 6, 2022, 9:33 am IST

टॉप स्टोरीज
अधिक पढ़ें