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जेएनयू की VC के बयान पर आगबबूला हुई हिन्दू महासभा, कहा- भगवान की जाति देखने वाले को इलाज की जरूरत

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर शांतिश्री धुलिपुड़ी पंडित के बयान को लेकर घमासान मच गया है.

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर शांतिश्री धुलिपुड़ी पंडित के बयान को लेकर घमासान मच गया है.

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर शांतिश्री धुलिपुड़ी पंडित ने कहा है कि मानव विज्ञान की दृष्टि से कोई भी देव ...अधिक पढ़ें

नई दिल्ली. हिन्दू देवी-देवताओं को लेकर दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर शांतिश्री धुलिपुड़ी पंडित के बयान को लेकर घमासान मच गया है. शांतिश्री पंडित ने कहा है कि मानव विज्ञान की दृष्टि से कोई भी देवता ऊंची जाति से नहीं हैं. कोई भी भगवान ब्राह्मण नहीं है. सबसे ऊंचे क्षत्रिय हैं.

शांतिश्री के इस बयान पर हिंदू महासभा के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि ने हमला बोला है. उन्होंने कहा, ‘जाकी रही भावना जैसी हरि मूरत देखी तैसी… जैसी भावना होती है लोग वैसी ही रूप में भगवान को देखते हैं. ईश्वर को जाति के रूप में देखना उनकी व्यक्तिगत मानसिक समस्या है. उन्हें इलाज की आवश्यकता है, क्योंकि भगवान सबके हैं वह किसी जाति विशेष के नहीं हैं.’

चक्रपाणि ने कहा, ‘सनातन धर्म में भगवान की कोई जाति नहीं है. सिर्फ वर्ण व्यवस्था है और भगवान ब्राह्मण वैश्य क्षत्रिय शूद्र सबके हैं. भगवान की जाति को लेकर जेएनयू के वाइस चांसलर कम से कम अपना ध्यान ना दें.’

उन्होंने कहा कि जेएनयू तो आए दिन सनातन धर्म के खिलाफ बोलता रहता है. उन्होंने कहा, ‘एक वाइस चांसलर का इस तरीके का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है. उनके इस बयान पर कार्रवाई होनी चाहिए. इसके लिए जांच की जरूरत है कि कहीं ऐसा तो नहीं जानबूझकर इस तरीके का बयान देकर समाज में टकराव पैदा करने की कोशिश हो रही है.’

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि देवी देवताओं की निंदा करने के लिए भी एक कानून बनाया जाए ताकि लोग इस तरीके के बयान देने से बचें.

बता दें कि जेएनयू की वीसी शांतिश्री ने सोमवार को कहा था, ‘आप में से अधिकांश को हमारे देवताओं की उत्पत्ति को मानव विज्ञान की दृष्टि से जानना चाहिए. कोई भी देवता ब्राह्मण नहीं है, सबसे ऊंचा क्षत्रिय है. भगवान शिव अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति से होने चाहिए क्योंकि वह एक सांप के साथ एक श्मशान में बैठते हैं और उनके पास पहनने के लिए बहुत कम कपड़े हैं. मुझे नहीं लगता कि ब्राह्मण श्मशान में बैठ सकते हैं.’

Tags: Delhi news, Jnu, Lord Shiva

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