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'लड़के और लड़कियों की शादी की उम्र हो एक समान'- दिल्ली हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट को भेजी याचिका

इस याचिका में कहा गया है कि लड़कियों की शादी करने की 18 वर्ष की न्यूनतम उम्र सीमा 'बेहद भेदभावपूर्ण' है. (प्रतीकात्मक)

इस याचिका में कहा गया है कि लड़कियों की शादी करने की 18 वर्ष की न्यूनतम उम्र सीमा 'बेहद भेदभावपूर्ण' है. (प्रतीकात्मक)

Uniform Marriage Age: दिल्ली हाईकोर्ट में दायर इस याचिका में कहा गया है कि लड़कियों की शादी करने की 18 वर्ष की न्यूनतम ...अधिक पढ़ें

नई दिल्ली. लड़के और लड़कियों दोनों के लिए शादी की न्यूनतम उम्र एक समान करने का अनुरोध करने वाली याचिका दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के पास भेज दी. दरअसल याचिकाकर्ता ने चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रह्मण्यम प्रसाद की पीठ को सुप्रीम कोर्ट के 13 जनवरी के आदेश के बारे में बताया, जिससे मौजूदा याचिका सुप्रीम कोर्ट को ट्रांसफर कर दी गई. हाईकोर्ट की बेंच ने कहा, ‘उक्त आदेश के आलोक में, मामला तत्काल सुप्रीम कोर्ट को ट्रांसफर किया जाता है. रजिस्ट्री को फौरन रिकॉर्ड सुप्रीम कोर्ट के पास भेजने का निर्देश दिया जाता है.’

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 13 जनवरी को वकील तथा भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर याचिका खुद अपने पास ट्रांसफर करा ली थी. यह याचिका दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष पेंडिंग थी, जिसमें पुरुषों और महिलाओं के लिए शादी की कानूनी उम्र समान करने का अनुरोध किया गया है.

इस मामले में केंद्र ने पहले हाईकोर्ट को बताया था कि मातृत्व की उम्र में प्रवेश करने वाली लड़कियों की न्यूनतम उम्र के मुद्दे का अध्ययन करने के लिए एक टास्क फोर्स गठित किया गया है. हाईकोर्ट ने इस याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए केंद्र सरकार को वक्त दिया था.

याचिका में कहा गया है कि लड़कियों की शादी करने की 18 वर्ष की न्यूनतम उम्र सीमा ‘बेहद भेदभावपूर्ण’ है. भारत में पुरुषों की शादी करने की न्यूनतम उम्र सीमा 21 साल है. याचिकाकर्ता ने कहा था कि यह संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत दिए समानता के अधिकार से जुड़ा मामला है.

Tags: DELHI HIGH COURT, Marriage news, Supreme Court

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