पहली बार एस्ट्रोनॉमर्स ने खोज निकाली मरती हुई गैलेक्सी, धीरे-धीरे खत्म हो रही नए तारे बनाने की क्षमता

खगोलविदों ने ऐसी गैलेक्सी ढूंढ निकाली है जिसको लेकर वो हैरत में पड़ गए हैं.
खगोलविदों (Astronomers) के मुताबिक ये गैलेक्सी (Galaxy) दूसरी गैलेक्सी से टकराई होगी जिसके कारण ये घटना घट रही है. खगोलविदों ने अंदाजा लगाया है कि इसी प्रक्रिया के बाद से ही कोई भी गैलेक्सी नए तारों का निर्माण बंद कर देती है.
- News18Hindi
- Last Updated: January 14, 2021, 10:30 AM IST
खगोलविदों (Astronomers) ने एक ऐसी घटना के बारे में पता लगाया है जिसके कारण वो लोग हैरान हैं. दरअसल इन एस्ट्रोनॉमर्स ने दूर की एक गैलेक्स के खत्म होने के बारे में जानकारी दी है. इस घटना से जुड़े शोध को नेचर एस्ट्रोनॉमी में पब्लिश किया गया है. ये शोध डरहम विश्वविद्यालय के अंतरराष्ट्रीय खगोलविदों ने किया है.
यूरोपीयन सदर्न ऑब्जर्वेट्री ने अंतरिक्ष से जुड़ी इस घटना के बारे में अपनी रिसर्च को प्रकाशित किया है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि एटाकामा लार्ज मिलिमीटर और सब मिलिमीटर एरे रेडियो टेलिस्कोप से ये पता लगाया गया है कि काफी दूर स्थित एक गैलेक्सी (Dying Galaxy) से तारों को बनाने की प्रक्रिया में निकलने वाली गैस काफी तेज निकल रही है. इसका रेट इतना ज्यादा है कि अभी तक ये गैस आधी निकल चुकी है. ये इजेक्शन एस्ट्रोनॉमर्स को चौंका रहा है. इस गैलेक्सी से अब तक 10,000 सूर्य के बराबर की गैस हर साल बाहर निकल रही है. इसका अर्थ ये हुआ कि नए तारों को बनाने के लिए उस गैलेक्सी को जिस गैस की जरूरत है वो खत्म होती जा रही है.
खगोलविदों के मुताबिक ये गैलेक्सी दूसरी गैलेक्सी से टकराई होगी जिसके कारण ये घटना घट रही है. खगोलविदों ने अंदाजा लगाया है कि इसी प्रक्रिया के बाद से ही कोई भी गैलेक्सी नए तारों का निर्माण बंद कर देती है. इस रिसर्च में खगोलविदों की टीम को लीड कर रहीं एनाग्रासिया ने इस घटना पर टिप्पणी करते हुए कहा कि ये हमने पहली बार देखा है जब तारों को बनाने वाली इतनी बड़ी गैलेक्सी जो कहीं दूर मौजूद है जो ठंडी गैस के निकलने के कारण खत्म होने वाली है.
इस रिसर्च में बताया गया है कि इस घटना के बारे में तब पता चला जब गैस निकलने के साथ ही एक टाइडल टेल बन गई. ये अंतरिक्ष में तारों और गैस से बनी एक रेखा होती है जो तब बनती है जब दो गैलेक्सी एक दूसरे से जुड़ती हैं. ये टाइडल टेल इतनी धुंधली होती है कि दूसरी गैलेक्सी में नजर नहीं आती है.
यूरोपीयन सदर्न ऑब्जर्वेट्री ने अंतरिक्ष से जुड़ी इस घटना के बारे में अपनी रिसर्च को प्रकाशित किया है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि एटाकामा लार्ज मिलिमीटर और सब मिलिमीटर एरे रेडियो टेलिस्कोप से ये पता लगाया गया है कि काफी दूर स्थित एक गैलेक्सी (Dying Galaxy) से तारों को बनाने की प्रक्रिया में निकलने वाली गैस काफी तेज निकल रही है. इसका रेट इतना ज्यादा है कि अभी तक ये गैस आधी निकल चुकी है. ये इजेक्शन एस्ट्रोनॉमर्स को चौंका रहा है. इस गैलेक्सी से अब तक 10,000 सूर्य के बराबर की गैस हर साल बाहर निकल रही है. इसका अर्थ ये हुआ कि नए तारों को बनाने के लिए उस गैलेक्सी को जिस गैस की जरूरत है वो खत्म होती जा रही है.
A galaxy caught dying? @ALMAObs sees a distant galaxy ejecting nearly half of its star-forming gas at a rate equivalent to 10,000 Suns worth of gas a year, causing the galaxy to lose its fuel to make new stars.Credit: @ESO /M. Kornmesser https://t.co/JXduGUEoya pic.twitter.com/QHqfoNmTCR
— ESO (@ESO) January 11, 2021
खगोलविदों के मुताबिक ये गैलेक्सी दूसरी गैलेक्सी से टकराई होगी जिसके कारण ये घटना घट रही है. खगोलविदों ने अंदाजा लगाया है कि इसी प्रक्रिया के बाद से ही कोई भी गैलेक्सी नए तारों का निर्माण बंद कर देती है. इस रिसर्च में खगोलविदों की टीम को लीड कर रहीं एनाग्रासिया ने इस घटना पर टिप्पणी करते हुए कहा कि ये हमने पहली बार देखा है जब तारों को बनाने वाली इतनी बड़ी गैलेक्सी जो कहीं दूर मौजूद है जो ठंडी गैस के निकलने के कारण खत्म होने वाली है.
इस रिसर्च में बताया गया है कि इस घटना के बारे में तब पता चला जब गैस निकलने के साथ ही एक टाइडल टेल बन गई. ये अंतरिक्ष में तारों और गैस से बनी एक रेखा होती है जो तब बनती है जब दो गैलेक्सी एक दूसरे से जुड़ती हैं. ये टाइडल टेल इतनी धुंधली होती है कि दूसरी गैलेक्सी में नजर नहीं आती है.