मेरी आवाज़ ही पहचान है, गर याद रहे … जी हां सुर कोकिला की उपाधि पाने वाली लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) की आवाज़ ही उनके व्यक्तित्व को परिभाषित करती थी. उनकी व्यक्तिगत ज़िंदगी और उससे जुड़ी तमाम बातें उनकी मीठी आवाज़ और चढ़ते-उतरते सुरों के आगे फीकी हो जाती थीं. आज हम आपको लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) ही ज़िंदगी से जुड़े हुए कुछ ऐसे तथ्य बताएंगे, जिनके बारे में आपको शायद नहीं पता होगा.
भारत रत्न लता मंगेशकर के कंठ में स्वयं सरस्वती का वास था. जितनी मीठी आवाज़ उनकी 14 वर्ष की आयु में थी, वही मिठास उनके आखिरी गाने तक कायम रही. वे दुनिया भर में अपनी इस खासियत के लिए मशहूर रहीं. चलिए जानते हैं उनकी ज़िंदगी के 10 अनसुने राज –
उन्होंने अपने पिता की मृत्यु के बाद 1942-1948 तक करीब 8 फिल्मों में बतौर अभिनेत्री भी काम किया था. उन्होंने फिर मराठी फिल्म किट्टी हसल से अपने सिंगिंग करियर की शुरुआत की थी. हालांकि उनका ये गाना रिलीज़ नहीं हुआ.
लता मंगेशकर का मशहूर गीत ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ पहले डुएट सॉन्ग था, जिसे उन्हें अपनी बहन आशा भोसले के साथ गाना था.
यूं तो लता मंगेशकर ने 1990 के दशक तक तमाम अभिनेत्रियों को अपनी आवाज़ दी, लेकिन माना जाता था सायरा बानू पर उनकी आवाज़ सबसे ज्यादा फिट बैठती थी.
राज्य सभा के सदस्य के तौर पर नामित होने के बाद वे खराब स्वास्थ्य के चलते कभी भी सदन में नहीं जा सकीं और उन्होंने बतौर मेंबर ऑफ पार्लियामेंट एक भी रुपये सैलरी के तौर पर नहीं लिए.
जीवन भर अविवाहित रहीं लता मंगेशकर का नाम रजवाड़े राज सिंह डूंगापुर से जुड़ता रहा, हालांकि उन्होंने कभी भी इस बात को नहीं स्वीकार किया.
प्रसिद्ध गायिका नूरजहां ने 14 वर्ष की आयु में ही लता मंगेशकर का गीत सुनने के बाद कहा था कि वे आगे चलकर विश्व विख्यात होंगी.
पाकिस्तानी गायक बड़े गुलाम अली ने लता मंगेशकर का गीत ‘ये ज़िंदगी उसी की है’ सुनने के बाद प्रतिक्रिया के तौर पर कहा था – ‘कमबख्त कभी बेसुरी ही नहीं होती.’
वीर-ज़ारा फिल्म के लिए गाना गाने के लिए लता मंगेशकर ने पैसे नहीं लिए थे. फिल्म की रिलीज़ के बाद यश चोपड़ा ने उन्हें मर्सिडीज़ कार गिफ्ट में भिजवाई थी.
लता मंगेशकर हीरे-पन्नों का भी काफी शौक था. 1948 में उन्होंने अपने लिए हीरे की अंगूठी बनवाई थी. वे सोने की पायल पहना करती थीं.
लता मंगेशकर को जासूसी उपन्यासों और मिठाइयों का शौक था. वे जलेबी, गुलाबजामुन और सूजी का हलवा पसंद था. इसके अलावा गोलगप्पे और नींबू का अचार भी उनकी पसंदीदा चीज़ों में शुमार था.
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