लाल चकत्ता अपनी जगह बदल रहा था. (Photo-New England Journal of Medicine)
गंदगी की सफाई करते समय हम अक्सर लापरवाही कर जाते हैं. कई बार हाथ तक नहीं धोते. उन लोगों के लिए तो और भी मुश्किल है जो सीवर और नालियों की सफाई में दिन रात लगे रहते हैं. लेकिन यह लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है. यकीन नहीं आता तो इस शख्स की कहानी पढ़ लीजिए. शरीर पर लाल चकत्ता दिखाई दिया, जो समय-के साथ-साथ अपनी जगह बदल रहा था. जांच की गई तो पता चला कि त्वचा के नीचे कीड़ा था.
न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में पब्लिश स्टडी के मुताबिक, स्पेन में 64 साल का एक शख्स सीवर की सफाई करके लौटा तो उसे हाथ में खुजली होने लगी. कुछ ही देर बाद खुजली वाली जगह लाल चकत्ता दिखने लगा. उसे लगा कि शायद कोई कीड़ा चल दिया होगा. अपने आप ठीक हो जाएगा. लेकिन कुछ ही देर बाद चकत्ता जगह बदलने लगा. शख्स ने लाइट जलाकर देखा तो त्वचा के अंदर कीड़े छटपटा रहे थे. वह डर गया. क्योंकि उसने ऐसा कभी देखा नहीं था. आमतौर पर जब भी चकत्ता होता है तो एक जगह रहता है. दवा लगाने से ठीक भी हो जाता है, लेकिन यह कभी आगे तो कभी पीछे खिसकता जा रहा था. शख्स ने तुरंत मैड्रिड के मेडिकल कॉलेज में दिखाया. पता चला कि त्वचा के नीचे खास तरह का कीड़ा है.
संक्रमण से मौत तक संभव
न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, डॉक्टरों ने इन चकत्तों के चारों ओर पेन से निशान बनाए जिससे इन बढ़ते चकत्तों को ट्रैक किया जा सके. 24 घंटे बाद फिर से देखा तो पेन से बनाए निशानों के अंदर लाल चकत्ते गायब थे. यह हाथ में कई जगह फैल गए थे. जांच के बाद पता चला कि ऐसा स्ट्रांगाइलोइड्स स्टेरकोरेलिस (Strongyloides stercoralis) नाम के पैरासाइट की वजह से हुआ. रैश असल में लार्वा थे, जो मरीज की त्वचा के नीचे चल रहे थे. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, इस तरह के कीड़े गंदगी में तेजी से फैलते हैं. आंतों में पहुंच जाते हैं और लार्वा का उत्पादन शुरू कर देते हैं. यहां तक कि इंसानों के अंगों को निष्क्रिय कर देते हैं. यानी इनके संक्रमण से मौत तक हो सकती है.
रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर थी
डॉक्टरों के मुताबिक, मरीज सीवेज सफाई का काम वर्षों से कर रहा था. गंदगी की वजह से वह इस परजीवी के संपर्क में आया होगा. क्योंकि मानव मल के गंदे पानी में स्ट्रांगाइलोइड्स स्टेरकोरेलिस पाए जा सकते हैं. चूंकि उसे पहले कैंसर की तरह की एक बीमारी थी और लंबा इलाज चलने की वजह से उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो गई थी. इसलिए यह संक्रमण तेजी से उसे चपेट में ले लिया. अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी सीडीसी की सलाह है कि इस तरह के इंफेक्शन से बचना है तो सीवेज से बचना चाहिए.
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