नवजात शिशुओं की गर्भनाल से हो सकता है Coronavirus का इलाज! शोध में हुआ खुलासा

मियामी विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रोफेसर कैमिलो रिकॉर्डी के अनुसार इन स्टेम सेल से इलाज सस्ता और कारगर उपाये है
मियामी विश्वविद्यालय (Miami University) के एक अध्ययन (Research) में पाया गया कि 85 वर्ष से कम उम्र के कोरोना (Coronavirus) संक्रमति लोगों पर स्टेम सेल (Stem Cell) का उपयोग करने से कोविड-19 (Covid-19) के खिलाफ उन लोगों के बचने की संभावना दोगुनी हो गई और इस उपाये ने हर मामले में काम किया.
- News18Hindi
- Last Updated: January 7, 2021, 11:49 AM IST
कोरोनावायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) ने दुनिया के सभी देशों को लाचार कर दिया है. कुछ देशों में वैक्सीन बन चुकी है और मामलों में गिरावट आई है मजर अभी भी हालात सामान्य नहीं हुए हैं. शोधकर्ता भी अलग-अलग प्रकार के शोध कर वायरस के खात्मे के लिए प्रयासरत हैं. इस बीच एक नई रिसर्च सामने आई है जिसमें ये कहा गया है कि नवजात शिशुओं (Newly born babies) की गर्भनाल (Umbilical cord) में पाई जाने वाली स्टेम कोशिकाएं (Stem Cells) कोरोनवायरस (Coronavirus) के गंभीर मामले वाले लोगों के लिए जीवन रक्षक उपचार प्रदान कर सकती हैं.

मियामी विश्वविद्यालय के एक अध्ययन में पाया गया कि 85 वर्ष से कम उम्र के कोरोना संक्रमति लोगों पर स्टेम सेल का उपयोग करने से कोविड-19 के खिलाफ उन लोगों के बचने की संभावना दोगुनी हो गई और इस उपाये ने हर मामले में काम किया. गर्भनाल में पाए जाने वाली स्टेम सेल में ये खासियत है कि वो क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को ठीक कर सकती है. ऐसे में वो व्यक्ति के श्वसन प्रणाली को भी ठीक कर सकती हैं. वैज्ञानिकों के अनुसार गर्भनाल में इतने सेल होते हैं कि वो 10 हजार मरीजों का उपचार कर सके.
शोध से वैज्ञानिकों को मिली ये जानकारीमियामी विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रोफेसर कैमिलो रिकॉर्डी के अनुसार इन स्टेम सेल से इलाज सस्ता और कारगर उपाये है. वैज्ञानिकों ने 24 मरीजों पर ये शोध किया. इन मरीजों के श्वास प्रणाली को वायरस से संक्रमित होने के बाद काफी नुकसान पहुंचा था. ऐसे में हर व्यक्ति को दो दिन के अंतराल पर स्टेम सेल के दो इंजेक्शन दिए गये. मरीजों का सर्वाइवल रेट 91 प्रतिशत रहा. जिस मरीज की मौत हुई वो 85 साल से अधिक उम्र का था. वैज्ञानिकों ने ये भी पाया कि मरीज इस उपचार से जल्द ही ठीक हो गए. 80 फीसदी लोग एक महीने में हर लक्षण से मुक्त हो गए.

(फोटो: सोशल मीडिया)
मियामी विश्वविद्यालय के एक अध्ययन में पाया गया कि 85 वर्ष से कम उम्र के कोरोना संक्रमति लोगों पर स्टेम सेल का उपयोग करने से कोविड-19 के खिलाफ उन लोगों के बचने की संभावना दोगुनी हो गई और इस उपाये ने हर मामले में काम किया. गर्भनाल में पाए जाने वाली स्टेम सेल में ये खासियत है कि वो क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को ठीक कर सकती है. ऐसे में वो व्यक्ति के श्वसन प्रणाली को भी ठीक कर सकती हैं. वैज्ञानिकों के अनुसार गर्भनाल में इतने सेल होते हैं कि वो 10 हजार मरीजों का उपचार कर सके.
शोध से वैज्ञानिकों को मिली ये जानकारीमियामी विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रोफेसर कैमिलो रिकॉर्डी के अनुसार इन स्टेम सेल से इलाज सस्ता और कारगर उपाये है. वैज्ञानिकों ने 24 मरीजों पर ये शोध किया. इन मरीजों के श्वास प्रणाली को वायरस से संक्रमित होने के बाद काफी नुकसान पहुंचा था. ऐसे में हर व्यक्ति को दो दिन के अंतराल पर स्टेम सेल के दो इंजेक्शन दिए गये. मरीजों का सर्वाइवल रेट 91 प्रतिशत रहा. जिस मरीज की मौत हुई वो 85 साल से अधिक उम्र का था. वैज्ञानिकों ने ये भी पाया कि मरीज इस उपचार से जल्द ही ठीक हो गए. 80 फीसदी लोग एक महीने में हर लक्षण से मुक्त हो गए.