1996 से 2001 तक अफगानिस्तान में महिलाओं के स्पोर्ट्स पर पहले से बैन लगा हुआ था (इमेज- AFP)
तालिबानियों ने अपनी सरकार बनाने से पहले इस बात का ऐलान किया था कि उनके राज में महिलाओं (Women In Afganistan) को बराबर का हक दिया जाएगा. उनपर कोई जुल्म नहीं ढाया जाएगा. लेकिन कुछ ही दिनों में इन कोरी बातों की असलियत सामने आ गई. इस देश में जहां सरकार में किसी महिला को जगह नहीं दी गई वहीं स्कूल-कॉलेज में लड़कियों को परदे के पीछे पढ़ाया जा रहा है. अब तालिबान ने देश की महिला खिलाड़ियों (Sports For Women Banned) पर बैन लगा दिया है. यहां अब महिलाएं स्पोर्ट्स नहीं खेल पाएंगी. इसके पीछे वजह दी गई है महिलाओं को इस्लाम में बदन ना दिखाने वाले कपड़े पहनने का फरमान.
तालिबान ने अफगानी महिलाओं के स्पोर्ट्स खेलने पर बैन है. इस टेरर ग्रुप ने कंफर्म किया कि ये खबर सही है. उनके मुताबिक, इस्लाम में महिलाओं को अपना चेहरा और बॉडी कवर रखना होता है. अगर वो स्पोर्ट्स खेलेंगी, तो ऐसा नहीं हो पाएगा. इस वजह से उन्हें स्पोर्ट्स खेलने से रोक लिया गया है. जिहादियों ने अभी सभी महिलाओं को घर पर ही रहने को कहा है. अफगानिस्तान के नए डिप्टी कल्चर मिनिस्टर अहमदुल्लाह वासिक ने महिलाओं के स्पोर्ट्स खेलने पर पाबन्दी की खबर को कंफर्म किया है.
क्रिकेट पर पहला निशाना
वासिक ने ऑस्ट्रेलियाई ब्रॉडकास्टर SBS को दिए इंटरव्यू में कहा कि अफगानी महिलाओं को अब क्रिकेट खेलने की इजाजत नहीं है.इस खेल में ऐसे मौके आते हैं जहां महिलाओं को अपना चेहरा या अन्य बॉडी पार्ट दिखाना पड़े. लेकिन इस्लाम में इसकी इजाजत नहीं है. इस वजह से महिलाओं को अब अफगानिस्तान में क्रिकेट या अन्य तरह के स्पोर्ट्स को खेलने की इजाजत नहीं है.
महिलाओं को आजादी की असलियत लीक
अफगानिस्तान में शुरुआत में तालिबानियों ने प्रेस से बातचीत में दावा किया था कि अब इस्लाम के कानून के मुताबिक़ महिलाओं को आजादी दी जाएगी. उन्हें पढ़ाया जाएगा और सरकार में जगह दी जाएगी. लेकिन धीरे-धीरे इन दावों की पोल खुल गई. सोशल मीडिया पर सामने आई खबरों से पता चला कि यहां महिलाओं को टीशर्ट जींस पहनने पर कोड़ों से पीटा जा रहा है. इतना ही नहीं, अगर कोई महिला नेलपेंट लगाए दिख जा रही है तो उसकी अंगुलियां काट ली जा रही है. फिलहाल यहां सरकार में किसी महिला को शामिल ना करने को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन में महिलाओं को पकड़कर जेल में बंद किया जा रहा है.
पहले भी नर्क भोग चुकी हैं महिलाएं
अफगानी महिलाओं के लिए तालिबान के रूल में ऐसे नियम नए नहीं लग रहे हैं. इसके पहले भी 1996 से 2001 तक तालिबान के राज में अफगानिस्तान में महिलाएं नर्क भोग चुकी हैं. तब भी महिलाओं को स्पोर्ट्स खेलने की इजाजत नहीं थी. इसके साथ ही उन्हें रेप और टॉर्चर से गुजरना पड़ता था. अब सालों बाद लौटे तालिबानी राज में फिर से महिलाओं को इन जुल्मों का डर सताने लगा है.
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Tags: Afganistan, Taliban Government, Taliban punishment, Taliban rule in Afghanistan, Talibani Punishment
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