कभी जंगल में जानवरों संग घास खाता मिला था ये 'मोगली', अब पढ़-लिखकर बन गया है बाबू
Written by:
Agency:News18Hindi
Last Updated:
ज़ंज़ीमान इल्ली (Zanziman Ellie) की कुछ समय पहले काफी चर्चा में रहा था. वो अपने घर से बार-बार जंगल (Real Life Mowgli) में भाग जाता था. अजीबोगरीब बीमारी की वजह से उसे बर्थ डिफेक्ट था लेकिन अब उसे देखने के बाद पहचान पाना मुश्किल है.
फिल्म क्रू ने बना दी बच्चे की लाइफ पर डॉक्युमेंट्री (इमेज- न्यूजफ्लैश) हमने बचपन से मोगली की स्टोरी जंगल बुक में पढ़ी है. एक ऐसा बच्चा जो जन्म से ही जंगल में रहा था. वो इंसानों की तरह कम और जानवरों की तरह ज्यादा बिहेव करता था. इसके बाद उसकी दोस्ती जानवरों से इस तरह हो गई जैसे वो उनका ही हिस्सा हो. दुनिया में ऐसे कई लोग सामने जिन्हें रियल लाइफ मोगली कहा गया. ये लोग असल जिंदगी में जानवरों के बीच रहने की वजह से उनके जैसे ही बिहेव करने लगे थे. इन लोगों को जब जंगल से पकड़ा गया तब ये जानवरों जैसे ही चार पैर पर चलते थे. इन्हीं में से एक रियल लाइफ मोगली था ज़ंज़ीमान इल्ली (Zanziman Ellie).
कुछ समय पहले जब इसकी तस्वीरें सामने आई थीं तब वो जंगल में घास खाता मिला था. वैसे इसके माता-पिता ने इसे छोड़ा नहीं था लेकिन ये खुद ही बार-बार जंगल भाग जाता था. बर्थ डिफेक्ट की वजह से ज़ंज़ीमान इल्ली का लुक दूसरे बच्चों से अलग था. गांव के लोग उसे बंदर बुलाते थे. इस वजह से सबके तानों से चिढ़कर वो घर से भाग जाता था. उसके हाव-भाव को देखने के बाद लोगों ने उसे मोगली बुलाना शुरू किया था. लेकिन अब ज़ंज़ीमान इल्ली का कायाकल्प हो चुका है.
जाने लगा है स्कूल
चर्चा में आने के बाद कई लोग ज़ंज़ीमान इल्ली की मदद के लिए सामने आए. कई मेडिकल एक्सपर्ट्स भी उसके इलाज के लिए सामने आए. अब ज़ंज़ीमान इल्ली स्कूल जाने लगा है, वो भी सूट पहनकर. उसकी मां ने अपने बेटे के इस कायाकल्प को जादुई बताया. मूल रूप से रवांडा के रहने वाले इस परिवार ने सोचा भी नहीं था कि एक दिन ज़ंज़ीमान इल्ली आम बच्चों की तरह जिंदगी जी पाएगा. जी तरह से वो रहता था और बीमारी की वजह से उसका लुक हो गया था, उसके कारन ज़ंज़ीमान इल्ली को लोगों के ताने सुनने पड़ते थे.
चर्चा में आने के बाद कई लोग ज़ंज़ीमान इल्ली की मदद के लिए सामने आए. कई मेडिकल एक्सपर्ट्स भी उसके इलाज के लिए सामने आए. अब ज़ंज़ीमान इल्ली स्कूल जाने लगा है, वो भी सूट पहनकर. उसकी मां ने अपने बेटे के इस कायाकल्प को जादुई बताया. मूल रूप से रवांडा के रहने वाले इस परिवार ने सोचा भी नहीं था कि एक दिन ज़ंज़ीमान इल्ली आम बच्चों की तरह जिंदगी जी पाएगा. जी तरह से वो रहता था और बीमारी की वजह से उसका लुक हो गया था, उसके कारन ज़ंज़ीमान इल्ली को लोगों के ताने सुनने पड़ते थे.
बनी लाइफ पर फिल्म
जब ज़ंज़ीमान इल्ली की चर्चा शुरू हुई तब एक फिल्म क्रू ने भी इस खबर को सुना. इसके बाद ये क्रू अफ्रीका पहुंची, जहां ज़ंज़ीमान इल्ली की जिंदगी पर एक डॉक्युमेंट्री बनाई गई. इस डॉक्युमेंट्री ने ज़ंज़ीमान इल्ली की लाइफ बदल दी. अब वो अपने परिवार के सार्थ ही गांव में रहता है. इसके अलावा अब वो स्कूल भी जाने लगा है. जिस बच्चे को पहले गांव वाले चिढ़ाते थे, आज उसे काफी दुलार मिलता है. आखिर मिले भी क्यों ना? उसी की वजह से उनका गांव दुनिया में मशहूर हो गया. बता दें कि ज़ंज़ीमान इल्ली का जन्म 1999 में हुआ था. लेकिन अपने लुक्स के कारण उड़ने वाले मजाक की वजह से वो ज्यादातर जंगल में ही रहा करता था.
जब ज़ंज़ीमान इल्ली की चर्चा शुरू हुई तब एक फिल्म क्रू ने भी इस खबर को सुना. इसके बाद ये क्रू अफ्रीका पहुंची, जहां ज़ंज़ीमान इल्ली की जिंदगी पर एक डॉक्युमेंट्री बनाई गई. इस डॉक्युमेंट्री ने ज़ंज़ीमान इल्ली की लाइफ बदल दी. अब वो अपने परिवार के सार्थ ही गांव में रहता है. इसके अलावा अब वो स्कूल भी जाने लगा है. जिस बच्चे को पहले गांव वाले चिढ़ाते थे, आज उसे काफी दुलार मिलता है. आखिर मिले भी क्यों ना? उसी की वजह से उनका गांव दुनिया में मशहूर हो गया. बता दें कि ज़ंज़ीमान इल्ली का जन्म 1999 में हुआ था. लेकिन अपने लुक्स के कारण उड़ने वाले मजाक की वजह से वो ज्यादातर जंगल में ही रहा करता था.
About the Author
Sandhya Kumari
न्यूज 18 में बतौर सीनियर सब एडिटर काम कर रही हूं. ऑफबीट सेक्शन के तहत काम करते हुए देश-दुनिया में हो रही ट्रेंडिंग खबरों से लोगों को रुबरु करवाना ही मकसद है. ताकि आप खुद को सोशल मीडिया की दुनिया से कटा ना महसूस...और पढ़ें
न्यूज 18 में बतौर सीनियर सब एडिटर काम कर रही हूं. ऑफबीट सेक्शन के तहत काम करते हुए देश-दुनिया में हो रही ट्रेंडिंग खबरों से लोगों को रुबरु करवाना ही मकसद है. ताकि आप खुद को सोशल मीडिया की दुनिया से कटा ना महसूस... और पढ़ें
न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
और पढ़ें