रिपोर्ट – कृष्ण कुमार
नागौर. जब भाव सेवा का हो तो, उम्र नहीं देखी जाती. आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों के पास खुद के लिए समय नहीं है और ऐसे वक्त में आप सामाजिक सरोकार और धार्मिक कार्यों में अपना कीमती समय और आर्थिक सहयोग करते हैं, तो यह बात आपको औरों से अलग बनाती है. यह सेवा भाव तब खास बन जाता है, जब आपकी उम्र करीब 100 वर्ष के आसपास पहुंच चुकी हो. जी हां नागौर जिले की वसुंधरा कॉलोनी में रहने वाली तीजू देवी की कहानी कुछ ऐसी ही है, जो कि इस उम्र में भी गौ सेवा कर अपना धर्म निभा रही है.
50 वर्ष से कर रही हैं दान
तीजू देवी ने बताया कि गौसेवा करना हिन्दू धर्म में सबसे बड़ा धर्म माना जाता है. मैंने गौ सेवा करना मेरी माता से सीखा. मैं हर साल अपनी बचत करके गौ सेवा के लिए दान करती हूं. मैं पिछले पचास वर्षों से गौसेवा के लिए दान कर रही हूं. मेरा मानना है कि गायों की सेवा करने से आत्मा व मन को शांति मिलती है.
लोगों को किया प्रेरित
स्थानीय लोगों ने बताया कि माताजी इस उम्र में भी गायों की सेवा के लिए कार्य कर रही हैं. इससे हमें सीख मिलती है कि हमें भी मूकबधिर व नासमझ पशु पक्षियों की सेवा करनी चाहिए.
वसुंधरा नगर समिति ने किया सम्मान
स्थानीय वसुंधरा नगर कालोनी निवासी 97 वर्षिया वृद्धा श्रीमती तीजू देवी शर्मा ने अपनी साल भर की बचत गौसेवा में समर्पित करने की इच्छा अपने पुत्रों पारसमल व मदनलाल से की. पुत्रों ने स्थानीय गौ चिकित्सालय के संरक्षक मोहनसिंह चौहान, संस्थापक पूरणमल कुमावत, चिकित्सक दीनदयाल, रवि प्रजापत को वसुंधरा नगर आमत्रित किया और अपने आवास पर लगभग 11 हजार रूपये की थैली भेंट की.
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Tags: Nagaur News, Rajasthan news
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