गाने को सुनकर कथित तौर पर 100 लोगों ने आत्महत्या की है. (प्रतीकात्मक फोटो: Canva)
गानों का काम होता है इंसान की भावनाओं को संचालित करना, उन्हें संगीत के जरिए खुशी देना. जब कानों में मधुर संगीत घुसता है तो डिप्रेशन से गुजर रहे व्यक्ति को भी ऊर्जा मेहसूस होने लगती है. पर हर गाना ऊर्जा देने वाला नहीं होता. कुछ ऐसे भी होते हैं जो दुख और पीड़ा से भरे होते हैं. इतिहास में एक ऐसा गाना काफी प्रचलित हुआ जिसमें इतनी पीड़ा थी कि उसे सुनकर लोग आत्महत्या (Most suicidal song in the world) कर लेते थे. ये ‘दुनिया का सबसे मनहूस गाना’ और कथित तौर पर इस गाने को सुनकर 100 लोगों ने सुसाइड कर लिया.
हाउ स्टफ वर्क वेबसाइट के अनुसार ग्लूमी संडे (Gloomy Sunday song) गाना, दुनिया का सबसे मनहूस गाना है और कथित तौर पर इस गाने को सुनकर करीब 100 लोगों ने आत्महत्या कर ली. आपको बता दें कि ये गाना रेज्सो सेरेस और लैजलो जावोर (Rezső Seress and László Jávor) द्वारा रचित था और 1933 में इसे लिखा गया था. ग्रामोफोन तक ये गाना 1935 तक पहुंच पाया था. इस गाने को हंगेरियन सुसाइड सॉन्ग (Hungarian suicide song) के नाम से भी जाना जाता है.
#WyrdWednesday
There is an urban lenged involeing the Hungarian song”Gloomy Sunday”and it beling liked to multiple sucides but most of the deaths supposedly linked to it are difficult to verify. No studies have drawn a clear link between the song and suicide pic.twitter.com/pWmmlLzxYk— Nick Raffa (on Hiatus) (@PeiceofNick) March 16, 2022
1933 में लिखा गया था गाना
हंगरी के संगीतकार रेजसो सेरस ने इसे ग्रेट डिप्रेशन को ध्यान में रखकर लिखा था. उसी दौरान हंगरी पर फासीवाद का भी असर पड़ने लगा था. 1935 में पाल काल्मर (Pál Kalmár) ने इसे 1935 में रिकॉर्ड किया था. इस गाने में कहा गया है कि मानवता का अंत हो रहा है, ऐसे में गाने के अंदर दया की भीख मांगी जा रही है. गाने में कहा गया है कि मरे हुए लोग सड़कों पर चल रहे हैं और घास के मैदान खून से लाल हैं. बड़ी मुश्किल से गाने को रिकॉर्ड किया गया और 1935 में ही एक मोची ने बूडापेस्ट में आत्महत्या कर ली. उसने सुसाइड नोट में ग्लूमी संडे गाने की पंक्तियों का जिक्र किया. कई लोग तो ये भी दावा करते हैं कि रेज्सो सेरेस या लैजलो जावोर में से किसी एक की मंगेतर ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी और सुसाइड नोट में सिर्फ ग्लूमी संडे शब्द लिखा था.
क्यों सुसाइड कर लेते थे लोग?
कथित तौर पर 2 लोगों ने गाना सुनकर खुद को गोली मार ली थी और एक महिला ने गाना सुनने के बाद पानी में छलांग लगा दी थी. तब गाने हंगरी में बैन कर दिया गया था. गाने के रिलीज होने के काफी वक्त बाद, साल 1968 में रेज्सो सेरेस ने भी सुसाइड कर लिया था और लोगों ने दावा किया था कि वो गाने को सुनकर ही डिप्रेस था. तो क्या वाकई गाने में कुछ ऐसा था कि जिसे सुनकर लोग अपनी जान ले रहे थे या कोई और बात थी? चूंकि हाउ स्टफ वर्क एक साइंस से जुड़ी साइट है तो इसकी रिपोर्ट में इस गाने के असर को वैज्ञानिक और तार्किक ढंग से हल करने की कोशिश की गई. रिपोर्ट में बताया गया कि हंगरी में हमेशा से सुसाइड रेट ज्यादा रहे हैं और जिस वक्त गाना रिलीज हुआ था, उस समय पहले से ही लोग हताश और डिप्रेशन में थे. लोगों के पास रुपये नहीं थे, नौकरियां जा रही थीं, ऐसे में उनके सामने सुसाइड ही आसान तरीका होता था. इस कारण लोग गाने के बोल से संभवतया ज्यादा दुखी हो जाते होंगे और उन्हें लगता होगा कि वो उनके ही जीवन से जुड़ा है.
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