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जब सड़क पर निकल आए थे 50 जंगली जानवर, जनता में मच गया था हड़कंप, बचाव के लिए करना पड़ा था कत्लेआम!

इसे सबसे बड़ा जानवरों का शूटआउट माना जाता है जिसमें एक ही रात में कई जानवरों को मौत के घाट उतार दिया गया था. (प्रतीकात्मक फोटो: Canva)

इसे सबसे बड़ा जानवरों का शूटआउट माना जाता है जिसमें एक ही रात में कई जानवरों को मौत के घाट उतार दिया गया था. (प्रतीकात्मक फोटो: Canva)

ये कहानी है अमेरिका के ओहियो (Ohio zoo escape) में जैंजिविले की. जानवरों के आतंक की इस घटना को 'Zanesville massacre' के ...अधिक पढ़ें

इंसान और जानवर में भले ही काफी फर्क हो मगर उन्हें भी इस धरती पर रहने का उतना ही हक है जितना हमें है. जानवरों की दुनिया जंगल हैं, उनके घर पेड़-पौधों के बीच हैं पर इंसान ने उन्हें नष्ट कर उनसे उनके घर छीन लिए हैं. ऐसे में जंगली जानवर भी शहरों की ओर चले आते हैं. या तो वो इंसानों का शिकार करते हैं और या फिर इंसान उनका कत्लेआम कर देते हैं. इतिहास में इसी तरह के एक कत्लेआम (Ohio Zanesville massacre) का जिक्र है जो अमेरिका में घटा था जिसने पूरे शहर में हाहाकार मचा दिया था.

ये कहानी है अमेरिका के ओहियो (Ohio zoo escape) में जैंजिविले की. जानवरों के आतंक की इस घटना को ‘Zanesville massacre’ के नाम से जाना जाता है. साल 2011 में घटी इस घटना के बारे में जानकर आज भी लोगों की रूह कांप जाती है. ये घटना 18 अक्टूबर 2011 की शाम 5 बजे से शुरू होती है. जैंजिविले में टेरी थॉम्पसन नाम का एक शख्स रहा करता था जो कोलंबस जू में काम करता था और वहां का एक्सपर्ट था. कर्ज, टूटती शादी और अवैध हथियार के कई मामले भी उसके ऊपर थे. 18 अक्टूबर के दिन टेरी हथियार के मामले में 3 हफ्ते बाद जेल से छूटा था. वो पत्नी की बेवफाई से काफी परेशान था इसलिए उसने आत्महत्या करने का मन बनाया. पर उससे पहले उसने तय किया कि अपने 73 एकड़ फार्म में कैद जंगली जानवरों को वो रिहा कर देगा. उसे जंगली जानवर पालने का बहुत शौक था. उसके पास शेर, चीता, बाघ, भालू, बंदर आदि जैसे कई जीव थे.

दर्जनों जानवर हुए थे रिहा
उसने उस शाम 18 बाघ, 17 शेर, 2 भेड़िये, 8 भालू, 3 कूगर, बबून और मकाक बंदर को अपने फार्म से रिहा कर दिया और उसके बाद खुद को गोली मार ली थी. जानवर जैसे ही रिहा हुए, उन्हें पड़ोस के फार्म में रह रहे लोगों ने देखा और तुरंत ही पुलिस को फोन कर दिया. पुलिस को पहले भी घोड़ों के रिहा होने की सूचना मिल चुकी थी इसलिए वो हैरान नहीं हुए पर इस बार जब पड़ोसियों ने जानवरों के बारे में बताया तो वो दंग रह गए. उन्हें लगा कि जानवर रिहायशी इलाकों में घुस जाएंगे तो लोगों की जान को खतरा हो जाएगा. इसलिए उन्होंने तय किया कि जो भी जानवर दिखाई देगा, उसे तुरंत ही गोली मार दी जाएगी.

ढूंढ-ढूंढकर पुलिस ने किया शिकार
अंधेरा हो चुका था और उसमें जंगली जानवरों को खोजना और भी ज्यादा मुश्किल हो गया था. इसलिए सबसे पहले पुलिस ने लोगों को अलग-अलग माध्यमों से सूचित किया कि जानवर खुले घूम रहे हैं और फिर शिकार पर निकल गए. बहुत से लोग इस घटना पर सवाल खड़ा करते हैं कि पुलिस उन जानवरों को बेहोश भी कर सकती थी पर इतने जानवरों को बेहोश करना मुश्किल था, इसलिए पुलिस के अनुसार उन्हें मारना ही एक मात्रा विकल्प था. उस पूरी रात पुलिस ने जानवरों का कत्लेआम किया और खुले हुए 56 जानवरों में से 50 को मौत के घाट उतारा गया. कुछ जानवरों को पकड़ लिया गया और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया वहीं एक बंदर नहीं मिला जिसके लिए माना जा रहा था कि उसे शेर खा गए. सुबह होते-होते उत्पात खत्म हो चुका था. पुलिस ने इतनी गोलियां इस्तेमाल की कि उन्हें अतिरिक्त भी मंगवाने की जरूरत पड़ी थी. इस घटना के बाद ओहियो में कानून बना कि एक्सॉटिक जानवरों को फार्म में ना रखा जाए.

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