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पॉइंट ब्लैंक पर लगी गोली, फिर भी बच गया शख्स! कहानी उस आदमी की जिसके माथे पर जिंदगीभर के लिए बना गड्ढा!

गोली लगने के बाद सभी को लगा कि शख्स की मौत हो गई, पर वो जिंदा हो गए. (बाईं फोटो: @historyinmemes/Twitter; दाईं फोटो: प्रतीकात्मक Canva से)

गोली लगने के बाद सभी को लगा कि शख्स की मौत हो गई, पर वो जिंदा हो गए. (बाईं फोटो: @historyinmemes/Twitter; दाईं फोटो: प्रतीकात्मक Canva से)

ट्विटर अकाउंट 'हिस्ट्री विड्स' पर इतिहास से जुड़े रोचक किस्से बताए जाते हैं. हाल ही में इस अकाउंट पर जेकब मिलर (Jacob M ...अधिक पढ़ें

आपने एक कहावत तो सुनी होगी, जाको राखे साइयां मार सके कोय. जब परमात्मा इंसान की रक्षा करते हैं, तब उसके दुश्मन चाहे जितनी भी कोशिश क्यों ना कर लें, वो बाल भी बांका नहीं कर सकते हैं. ऐसा ही एक अमेरिकी सैनिक के साथ भी सालों पहले हुआ था और इतिहास में उसका नाम दर्ज हो गया. सैनिक को पॉइंट ब्लैंक (Soldier shot on point blank alive) पर गोली मारी गई थी. माथे पर, नाक के ठीक ऊपर वाली जगह को पॉइंट ब्लैंक कहते हैं. इस जगह पर गोली लगने से इंसान का बच पाना नामुमकिन है. पर इस सैनिक के साथ करिश्मा हुआ. यहां गोली लगने के बावजूद भी वो बच गया.

ट्विटर अकाउंट ‘हिस्ट्री विड्स’ पर इतिहास से जुड़े रोचक किस्से बताए जाते हैं. हाल ही में इस अकाउंट पर जेकब मिलर (Jacob Miller) नाम के एक व्यक्ति के बारे में बताया गया है जो माथे पर गोली लगने के बावजूद भी बच गया था. ये घटना 1863 की है. तब जेकब मिलर 9वीं इंडियाना इंफैंट्री (Indiana Infantry) में यूनियन आर्मी के सिपाही थे. सिविल वॉर के दौरान उनके माथे पर गोली मारी गई थी. उन्होंने कई जंग में हिस्सा लिया था पर ‘Battle of Chickamauga’ के दौरान जब उन्हें गोली लगी तो उनके कैप्टन ने मान लिया कि वो मर चुके हैं, पर मिलर कुछ दिन बाद होश में आ गए. उन्होंने 1911 में अपने इस अनुभव के बारे में लोगों को बताया था.

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मस्केट बॉल इस तरह की होती है जो पुराने जमाने की बंदूक में गोली के तौर पर डाली जाती थी. (फोटो: Canva)

माथे पर लगी गोली
मिलर ने बताया कि दुश्मन ने उनके ऊपर बंदूक से हमला किया था. पुराने वक्त में गोली के रूप में मस्केट बॉल हुआ करती थीं. वो सीधे जाकर मिलर के माथे में घुस गई. उन्हें एहसास हुआ कि उनकी एक आंख अपने सॉकेट से खिसक गई है. उन्होंने टूटी हुई हड्डियों को खिसकाकर बाईं आंख को सॉकेट में फिट किया और एक कपड़े को बैंडेज बनाकर माथे पर बांध लिया जिससे उनकी आंख सुरक्षित रहे. इसके बाद वो जंग के बीच से निकले और 24 किलोमीटर भागते हुए अस्पताल पहुंचे जहां उनका ऑपरेशन हुआ.

88 साल की उम्र तक जिंदा रहे मिलर
डॉक्टरों ने पाया कि अगर वो पूरी मस्केट बॉल की गोली को बाहर निकालेंगे तो वो उनके लिए जानलेवा साबित होगा. इस वजह से उन्होंने सिर्फ एक तिहाई गोली को बाहर निकाला और आगे चलकर अपने आप बाकी की गोली भी निकल आई. मिलर की चोट पूरी तरह कभी भी नहीं भरी और लोगों को लगा कि उसकी मौत जल्द ही हो जाएगी. पर उन्होंने सबको गलत साबित करते हुए लंबी जिंदगी बिताई. उनकी मौत 88 साल की उम्र में हुई. पर उनके माथे पर जीवनभर के लिए गड्ढा बन गया जिसकी वजह से वो पहचाने गए.

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