तालिबान के शासन में चैन से बंधी महिलाओं की यह तस्वीर फेक है. (फोटो- सोशल मीडिया)
जब अफगानिस्तान (Afghanistan) की सत्ता को पलटकर आतंकी संगठन तालिबान (Taliban) ने देश की सत्ता पर कब्जा किया तो पूरी दुनिया में सिहरन पैदा हो गई. मगर तालिबान राज से सबसे ज्यादा डर अगर किसी को है तो वो हैं अफगानिस्तान की महिलाएं (Women of Afghanistan). बीते रविवार को जब काबुल से एयर इंडिया की फ्लाइट दिल्ली (Delhi) पहुंची तो एक अफगान महिला (Afghan Girl) भी उससे भारत आई. दिल्ली एयरपोर्ट के बाहर महिला से जब मीडिया ने बात की तो महिला फूट-फूट कर रोने लगी. सारी बातों में से उसकी एक बात सबसे दर्दनाक थी वो ये कि अफगानी महिलाओं (Afghan Women) के सारे अधिकार खत्म कर दिए जाएंगे.
महिलाओं को जंजीर से जकड़ने की फेक फोटो वायरल
उस महिला समेत अफगानिस्तान की हर महिला इस बात से वाकिफ है कि तालिबानियों के राज में उनका क्या हश्र होना है. साल 1996 से 2001 तक अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा था. तब उन्होंने शरिया कानून (Sharia Law) लागू कर रखा था. इस वजह से महिलाओं को तालिबानी शासन का दर्द पता है. इस बीच सोशल मीडिया पर एक फोटो तेजी से वायरल हो रही है जिसमें एक शख्स बुर्का पहने 3 महिलाओं (Burqa-clad Women) को लोहे की मोटी चेन से बांधकर (Man Chained Women) ले जाता नजर आ रहा है. सोशल मीडिया पर इस फोटो के माध्यम से ये बताया जा रहा है कि तालिबानी राज में महिलाओं का जीवन कैसा हो जाता है. उन्हें जानवरों की तरह बांधकर रखा जाता है. मगर ये फोटो फेक है. जी हां, सही पढ़ा आपने. ये फोटो एडिटेड है. असल फोटो में कोई चेन मौजूद नहीं है. फैक्ट चेकिंग वेबसाइट ऑल्ट न्यूज ने खोज निकाला है कि ये फोटो इंटरनेट पर 10 साल से मौजूद है और असल फोटो में कोई चेन नहीं है.
तालिबान के राज में महिलाओं को झेलनी पड़ती हैं ये समस्याएं
आपको बता दें कि महिलाओं पर तालिबान ने बहुत ही अजीबोगरीब कानून लागू किए थे जिनसे उनकी जिंदगी नर्क की तरह होती जा रही थी. महिलाओं को सड़क पर बिना किसी पुरुष के साथ, जो उसका सगा हो, सड़क पर निकलने कि अनुमति नहीं थी. अगर वो सड़क पर निकल रही है तो उसे बुर्का पहनना आवश्यक था. इसके अलावा महिलाओं को ऊंची हील के जूते पहनने की मनाही थी क्योंकि महिलाओं के चलने की आवाज किसी पुरुष को सुनाई नहीं देनी चाहिए नहीं तो वो उससे उत्तेजित हो सकते हैं. कोई महिला अगर बाहर कुछ बोलती है तो उसकी आवाज किसी अंजान आदमी को नहीं सुनाई देनी चाहिए. हर इमारत के ग्राउंड फ्लोर और फर्स्ट फ्लोर की खिड़कियों को पेंट करने का फरमान भी दिया गया था जिससे कि कोई भी औरत अपने घर से बाहर ना नजर आए. महिलाओं की बेहद कम उम्र में जबरन शादी करा दी जाती थी और महिलाओं को सेक्स स्लेव यानी यौन इच्छाओं को पूरा करने के लिए महिलाओं को दासी बनाकर रखा जाता था.
तालिबान ने दिया भरोसा, महिलाओं को मिलेगा उनका हक
अब जैसे ही तालिबान का फिर से वर्चस्व अफगानिस्तान में हो चुका है, महिलाओं को अपनी चिंता सता रही है. दूसरी ओर इस बार तालिबान ने ऐलान किया है कि वो महिलाओं को उनके कुछ अधिकार देंगे. उन्हें घर से अकेले निकलने की अनुमति दी जाएगी. इसके साथ ही वो पढ़ाई भी कर सकेंगी और काम भी कर सकेंगी मगर उन्हें हिजाब पहनना पड़ेगा. तालिबान के प्रवक्ता ने एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा कि पहले महिलाओं को पत्थर से मारकर सजा देने की प्रथा को खत्म कर दिया जाएगा और सजा की प्रथा कोर्ट के जरिए ही दी जाएगी.
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