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वैज्ञानिक शोध के लिए दी थी पति की बॉडी, कर दी गई आर्मी के हवाले! डेड बॉडी की हालत जान रो पड़ी पत्नी

पति की लाश को विज्ञान के लिए दिया था मगर उसे कहीं और बेच दिया गया. (प्रतीकात्मक फोटो: Canva)

पति की लाश को विज्ञान के लिए दिया था मगर उसे कहीं और बेच दिया गया. (प्रतीकात्मक फोटो: Canva)

स्टीव हैंसेन (Steve Hansen) नाम के एक शख्स ने तय किया था कि मरने के बाद वो अपने शरीर को डोनेट कर देगा. साल 2012 में उनक ...अधिक पढ़ें

मरने के बाद इंसान अपने सगे-संबंधियों को सम्मानजनक विदाई देना चाहता है. लोग विधी-विधान से अंतिम संस्कार करते हैं, अपनी-अपनी मान्यताओं के अनुसार पार्थिव शरीर को दफनाते हैं या फिर जला देते हैं. पर कई बार कुछ लोग मरने से पहले ही अपना शरीर ऑर्गन डोनेशन के लिए दे जाते हैं. कुछ लोग उसे विज्ञान के हवाले भी कर देते हैं, मगर ऐसा करने के बाद लाश की क्या हालत होती है, ये कोई नहीं जान पाता. अमेरिका में भी एक व्यक्ति ने ऐसा ही किया था मगर जब उसकी पत्नी (Woman find husband body sold) को उसकी लाश की स्थिति के बारे में पता चला तो वो फूट-फूटकर रोने लगी.

यूनीलैड वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार स्टीव हैंसेन (Steve Hansen) नाम के एक शख्स ने तय किया था कि मरने के बाद वो अपने शरीर को डोनेट कर देगा. साल 2012 में उनकी मौत हुई थी. यूनिफॉर्म एनाटॉमिकल गिफ्ट एक्ट के तहत अमेरिका में लोग ऐसा करते हैं. जब ऐसा होता है तो मरने से पहले व्यक्ति को या मरने के बाद उसके परिवारवालों को सूचित किया जाता है कि उसके शरीर का इस्तेमाल वैज्ञानिक रिसर्च या ऑर्गन डोनेशन के लिए किया जाएगा. बिना उनकी इजाजत के ऐसा नहीं किया जा सकता.

लाश की हो रही काला बाजारी
हालांकि, एफबीआई एजेंट पॉल जॉनसन का कहना है कि ऐसा नहीं होता, देश में लाशों का एक बड़ा कारोबर (Dead bodies sold in USA) चल रहा है और उनकी काला बाजारी होती है. उन्होंने सीबीएस न्यूज से बात करते हुए कहा कि परिवारों को गुमराह किया जाता है और लाश को शोध या शिक्षा में इस्तेमाल करने की बात कहकर कहीं और बेच दिया जाता है.

शोध के लिए बॉडी देने को तैयार हुईं जिल
ऐसा ही स्टीव के साथ भी हुआ. उनकी मौत लिवर सिरोसिस की वजह से हुई थी, इस वजह से डॉक्टरों ने कहा कि था कि उनके ऑर्गन नहीं डोनेट किए जा सकते हैं. तब अस्पताल प्रशासन ने उनकी पत्नी जिल से कहा था कि वो शरीर को विज्ञान और शोध के लिए दे दें. जिल ने सोचा कि अगर उनके पति के शरीर से चिकित्सा के क्षेत्र में कोई उपलब्धि हासिल होती है तो ये बड़ी बात है. उन्होंने ज्यादा शराब पीकर लिवर खराब किया था, लोगों को पता चलेगा कि शराब पीने से क्या होता है. लाश को बायोलॉजिकल रिसर्च सेंटर, एरिजोना में भेजा गया पर वहां से उसे डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस में बेच दिया गया. इस बारे में जिल को कोई जानकारी नहीं दी गई.

बिना बताए ही बेच दी गई लाश
जिल को काफी वक्त बाद पता चला कि उनके पति को एक प्लेन क्रैश टेस्ट में पुतले की तरह इस्तेमाल किया गया जिसमें विस्फोट में प्लेन को उड़ाना था. रिसर्च सेंटर के फाउंडर स्टीफन गोर ने उस बॉडी को बिना जिल की इजाजत के बेचा था. जिल ने बताया कि जब उन्हें इस बारे में पता चला तो वो पूरी तरह से टूट गईं. वो बार-बार अपने मृत पति से माफी मांग रही थीं और पति के चीथड़े हो चुके शरीर के बारे में सोचकर ही उनकी रूह कांप जा रही थी. इसके बाद स्टीफन को जेल की सजा भी हो गई थी मगर एफबीआई एजेंट का कहना है कि ऐसे मामले अमेरिका में काफी हो रहे हैं.

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