परिवार नियोजन ऑपरेशन के बाद महिला गर्भवती, मामला उपभोक्ता अदालत पहुंचा

उपभोक्ता अदालत में केस करने पहुंची पीड़िता फुलकुमारी
मुजफ्फरपुर(Muzaffarpur ) में परिवार नियोजन ऑपरेशन(Family planning operation) का एक मामला उपभोक्ता अदालत तक पहुंच गया है. ऑपरेशन कराने वाली महिला ने 11 लाख के हर्जाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव पर उपभोक्ता न्यायालय में में केस दर्ज कराया है. मामला सरकारी अस्पताल में ऑपरेशन के बाद महिला के गर्भवती(Pregnant) हो जाने का है.
- News18Hindi
- Last Updated: March 7, 2021, 6:44 PM IST
मुजफ्फरपुर(Muzaffarpur ) में परिवार नियोजन ऑपरेशन(Family planning operation) का एक मामला उपभोक्ता अदालत तक पहुंच गया है. ऑपरेशन कराने वाली महिला ने 11 लाख के हर्जाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव पर उपभोक्ता न्यायालय में में केस दर्ज कराया है. इस मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 16 मार्च तय किया गया है. मामला सरकारी अस्पताल में ऑपरेशन के बाद महिला के गर्भवती(Pregnant) हो जाने का है. मोतीपुर के महना गांव की निवासी फुलकुमारी नें वर्ष 2019 में परिवार नियोजन का ऑपरेशन करवाया था. 27 जुलाई 2019 को फुलकुमारी का ऑपरेशन मोतीपुर पीएचसी में करवाया गया था.
पहले से चार बच्चे हैं पांचवां बच्चा नही चाहिए
फुलकुमारी के पहले से चार बच्चे हैं और वह पांचवां बच्चा नही चाहती थी. लेकिन कुछ दिन पहले उसे पता चला कि वह फिर से गर्भवती है. फुलकुमारी इस पांचवें बच्चे के भरन पोषण के लिए बिल्कुल तैयार नही है. वह बताती है कि जब वह मोतीपुर पीएचसी में जाकर जानकारी दी तो उसका अल्ट्रा साउन्ड करवाया गया. रिपोर्ट में उसे गर्भवति करार दिया गया. उसके बाद से फुलकुमारी तनाव है. इसी वजह से उसनें पांचवें बच्चे लालन पालन और बेहतर भविष्य के लिए 11 लाख रुपये का हर्जाना मांग किया है.
फुलकुमारी के अधिवक्ता डॉ एसके झा बताते हैं कि यह गंभीर मामला है जिसके लिए स्वास्थ्य महकमे के सर्वोच्च पदाधिकारी भी जिम्मेदार हैं. दायर वाद में प्रधान सचिव के अलावा स्वास्थ्य सचिव परिवार नियोजन के उपनिदेशक और मोतीपुर पीएचसी के प्रभारी डॉक्टर को भी पक्षकार बनाया गया है. अधिवक्ता नें कहा है कि वे फुलकुमारी के न्याय की लड़ाई हर स्तर पर लड़ेंगे.
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पहले से चार बच्चे हैं पांचवां बच्चा नही चाहिए
फुलकुमारी के पहले से चार बच्चे हैं और वह पांचवां बच्चा नही चाहती थी. लेकिन कुछ दिन पहले उसे पता चला कि वह फिर से गर्भवती है. फुलकुमारी इस पांचवें बच्चे के भरन पोषण के लिए बिल्कुल तैयार नही है. वह बताती है कि जब वह मोतीपुर पीएचसी में जाकर जानकारी दी तो उसका अल्ट्रा साउन्ड करवाया गया. रिपोर्ट में उसे गर्भवति करार दिया गया. उसके बाद से फुलकुमारी तनाव है. इसी वजह से उसनें पांचवें बच्चे लालन पालन और बेहतर भविष्य के लिए 11 लाख रुपये का हर्जाना मांग किया है.

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