यूं तो अभी गर्मी का मौसम है और ऊनी कपड़ों से हमारा इस वक्त कोई वास्ता नहीं है. मगर जैसे ही ठंड दस्तक देगी लोग फिर से गर्म से गर्म कपड़े खरीदने की होड़ में लग जाएंगे. ऊनी कपड़ों के लिए जहां भेंड़ का ऊन ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है मगर आप जानकर दंग रह जाएंगे कि दुनिया का सबसे महंगा ऊन (World’s Most Expensive Wool) भेड़ के शरीर से नहीं, एक खास जीव के शरीर से मिलता है.
बौने कद के ऊंठ जैसे दिखने वाले लामा (Llama) जानवरों के रिश्तेदार होते हैं विकुना (Vicuna wool). ये जीव पेरू के एंडीज पर्वतमाला (Andes mountains, Peru) पर काफी पाए जाते हैं. इनका 1 मीटर ऊंचा कद और सोने की तरह चमकता शरीर इन्हें बहुत ही खास बना देता है मगर ये जीव एक और कारण की वजह से चर्चा में रहते हैं. वो ये कि इन जीवों के शरीर से ऊन मिलता है जिसे दुनिया का सबसे महंगा ऊन माना जाता है.
अनोखे जीव के शरीर से मिलता है ऊन
इस जीव के ऊन से बने कपड़े इतने गर्म होते हैं कि वो एंडीज पर्वत के 4 हजार मीटर की ऊंचाई के कठोर सर्दी के मौसम में भी इंसान को आसानी से बचा सकते हैं. 13वीं सदी के प्री-कोलंबियाई दौर में इंका साम्राज्य के लोग इस जीव के ऊन को ‘सोने के कोट’ (Golden coat) की तरह मानते थे. जीव के ऊन से राजसी सत्ता पर विराजमान लोगों के कपड़े ही बनाए जाते थे. उस दौर में भी, विकुना के शरीर से ऊन निकालना पवित्र माना जाता था. ऊन निकालने की इस प्रक्रिया को चाकू कहते थे. आज भी जीव की हत्या कोई नहीं करता. ऊन निकालने के बाद इसे छोड़ दिया जाता है.
विकुना की आबादी में होने लगी थी कमी
आपको जानकर हैरानी होगी कि पुराने वक्त में इस ऊन को काफी फायदेमंद वस्तु मानी जाती थी और इसकी तुलना सिल्क जैसी अनमोल वस्तु से की जाती थी. 1530 के दशक तक स्पैनिश लोग इस इलाके में अपना दबदबा जमाने में कामयाब हो रहे थे. उन्होंने इस जीव को चमड़ी और ऊन के लिए मारना शुरू कर दिया. आलम ये हुआ कि बड़ी संख्या में पाए जाने वाले ये जीव विलुप्त होने लगे. साल 1960 तक सिर्फ 6000 विकुना बचे थे. इसलिए पेरू सरकार ने इस जीव का शिकार करने को कानूनी अपराध घोषित कर दिया. सरकार के प्रयास से आज के वक्त में 2 लाख तक विकुना पेरू के इलाके में पाए जाते हैं.
कितनी होती है ऊन की कीमत?
आपको बता दें कि विकुना के शरीर पर ऊन उगने में लंबा वक्त लगता है. इस वजह से ऊन को काटने की प्रक्रिया 2 साल में सिर्फ 1 बार की जाती है. प्रत्येक जीव 200 ग्राम से 500 ग्राम तक ऊन देता है. अमेजिंग प्लैनेट वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार विकुना (price of Vicuna wool) का 1 किलो ऊन 31 हजार रुपये से लेकर 46 हजार रुपये तक बिकता है. सिर्फ 4 टन ऊन को यूनाइटेड स्टेट्स, जर्मनी, इंग्लैंड और इटली में एक्सपोर्ट किया जाता है.
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