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OMG : इस गांव में नहीं है कोई बेरोजगार, हर एक व्यक्ति के पास उपलब्ध है रोजगार

नागौर को  विश्व मे कृषि उपकरणों के लिए जाना जाता हैं. नागौर का एक ऐसा  गांव जो कृषि उपकरणों के लिए जाता है. बुटाटी गांव ...अधिक पढ़ें

रिपोर्ट-कृष्ण कुमार

नागौर. नागौर के एक ऐसे गांव के बारे मे बताते हैं कि जिसके लगभग हर घर मे रोजगार उपलब्ध है, क्योंकि यहां पर कृषि उपकरण में जई व चौसीगी व छः सीगी व अन्य छोटे अन्य उपकरण बनाये जाते हैं. लगभग 5000 आबादी वाले गांव मे हर व्यक्ति के पास रोजगार है.

क्यों है प्रसिद्ध

नागौर के बुटाटी गांव कृषि उपरकणों के लिए प्रसिद्ध है. बुटाटी को कृषि उपकरणों का मिनी हब कहा जाता है. यहां पर कृषि उपकरणों में लकड़ी की जई, जेड़ी दो सींग, चार सींगा, छः सींगा, आठ सींगा, दस सींगा व बाहर सींगा जई व जड़ी बनाई जाती हैं. जो अपनी मजबूती व विशेष बनावट के लिए जानी जाती हैं.

कैसे करते हैं तैयार
जई व जेङी दो सींग से लेकर 12 सींगा तक बनाने वालो उपकरणों के लिए भरतपुर व दौसा से गागोन पेड़ की लकड़ी मंगवाकर बनाए जाते हैं. इस लकड़ी की खासियत है कि यह किसी भी संरचना में ढ़लने में सक्षम होती है. कृषि उपकरणों को संरचना देने के लिए लकड़ी को गर्म करके जेसीबी के पंजे के आकार की संरचना दी जाती है. इस लकड़ी की खासियत है कि यह बेहद मजबूत होती है. उसके बाद लकड़ी के बड़े डंडे मे जोड़कर उसे चमड़े से मजबूती से बांध दिया जाता है. लकड़ी को चिकनाई देखकर उसे आकर्षक व सुंदर संरचना में ढा़ल देते हैं.

जई का उपयोग
जई /जेड़ी/ दो सींग से लेकर 12 सींग के उपकरण का उपयोग कृषि कार्य जैसे खेत में बाड़ बनाना जई के माध्यम से खेत में से कांटे व लकड़ी को हटाना, मूंग मोठ इत्यादि इकठ्ठा करना और खेती के अन्य कार्यों मे उपयोग करते हैं .इसके अलावा लूग झाड़ने व अनेक कार्यों में उपयोग लिया जाता है.

बना स्थानीय लोगों  का रोजगार
बुटाटी मे जई उद्योग केंद्र लोगों का एक रोजगार का साधन है. बुटाटी गांव में लगभग 400 से 500 घरों में लकड़ी के कृषि उपकरण बनाने का कार्य किया जाता है. जो सीजन में 350 रूपये और ऑफ सीजन में 250 रूपये में बेचा जाता है. ठेकेदारों के माध्यम से प्रदेश भर में तथा मध्य प्रदेश गुजरात उत्तर प्रदेश इत्यादि में व्यापार किया जाता है. जई उद्योग चलाने वाले भंवरलाल ने बताया साल में एक बड़े  उद्योग में  लगभग 20 से 25 लाख रुपए का व्यापार हो जाता है तथा अपने घर में काम करने वाले कारीगरों  की  सालाना आय 1.50से 2 लाख रुपये के बीच होती है.
यहां पर है  जई मार्केट
नागौर के बुटाटी गांव में लकड़ी के उपकरणों का मार्केट स्थित है. जो अजमेर नेशनल हाईवे से शुरू होकर चतुरदास जी महाराज के मंदिर तक फैला हुआ है.

Tags: Nagaur News, Rajasthan news

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