यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु ग्रह उच्च के हों तो यह उस व्यक्ति का भाग्य भी बदल सकते हैं.
Rahu Ke Prabhav : हर व्यक्ति चाहता है कि उसे उसके भविष्य के बारे में जानकारी हो. इसके लिए वह ज्योतिष शास्त्र की मदद लेता है, लेकिन कुछ लोग ज्योतिष शास्त्र में विश्वास करते हैं और कुछ लोग विश्वास करने से कतराते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिस तरह सूर्य चंद्रमा धरती पर प्रत्यक्ष रूप से अपना प्रभाव डालते हैं, उसी तरह से ग्रह भी व्यक्ति के जीवन को प्रभावित करते हैं. ज्योतिष शास्त्र मानता है कि 9 ग्रहों में से एक राहु सबसे ज्यादा इंसान की जिंदगी में प्रभाव डालने वाला ग्रह है. राहु ग्रह को ज्योतिष शास्त्र में अशुभ ग्रह माना गया है, लेकिन यह बहुत कम लोग जानते हैं कि क्रूर ग्रह राहु हमेशा अशुभ परिणाम नहीं देते. यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु ग्रह उच्च के हों तो यह उस व्यक्ति का भाग्य भी बदल सकते हैं. भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु विशेषज्ञ पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा बता रहे हैं राहु के कुंडली में उच्च के होने से क्या प्रभाव पड़ता है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु ग्रह उच्च का है तो उसे इसके अच्छे परिणाम प्राप्त होते हैं. ऐसा व्यक्ति आध्यात्मिक क्षेत्र में सफलता प्राप्त करता है. राहु ग्रह अपने मित्र ग्रहों के साथ बलवान होते हैं. इसके विपरीत यदि कुंडली में राहु की स्थिति कमजोर है तो वह व्यक्ति को परेशान करने लगते हैं और उसे किसी भी चीज में अच्छे परिणाम प्राप्त नहीं होते.
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ज्योतिष शास्त्र मानता है कि यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु 11वें घर में हो तो वह अत्यंत शुभ होता है. ऐसा माना जाता है कि इस स्थिति में राहु ग्रह अपने जातक को धन लाभ करवाते हैं. इसके अलावा मान-सम्मान और उनकी इच्छाओं की पूर्ति भी करवाते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मकर लग्न में जन्म लेने वाले जातकों के लिए राहु अत्यंत लाभकारी माने जाते हैं. वहीं, अगर उस समय बृहस्पति 12वें घर में हो तो राहु और भी ज्यादा शुभ फल देते हैं, लेकिन ज्योतिष शास्त्र में इस स्थिति में बृहस्पति की दशा को खराब माना गया है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु ग्रह 10वें, 11वें और पांचवें स्थान पर हो तो यह उस व्यक्ति के लिए शुभ स्थिति है. माना जाता है कि जब इन स्थानों पर राहु बैठते हैं, तो उनकी दशा शुरू होती है. ऐसे में वे उच्च के होते हैं और जातकों को राजयोग का सुख प्राप्त होता है.
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यदि राहु ग्रह किसी व्यक्ति की कुंडली के छठे भाव में हो तो भी वह जातकों को शुभ फल ही देते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यह स्थिति जातकों को सभी तरह की परेशानियों से राहत दिलाती है.
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