चीन में आधी कीमत पर बिक रही है टेस्ला की कार. (फोटो- tesla.com)
नई दिल्ली. इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी टेस्ला (Tesla) के एक फैसले ने चीनी के कार बाजार में भूचाल ला दिया है. दरअसल, कोरोना महामारी के कारण सुस्त पड़ी बिक्री में तेजी लाने के लिए कंपनी अपनी कारों को भारी डिस्काउंट पर बेच रही है. टेस्ला के इस फैसले से चीन में इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली अन्य कंपनियों की हालत खराब होने लगी है.
50% डिस्काउंट पर बिक रही हैं कारें
बिक्री को झटपट बढ़ाने के लिए टेस्ला ने पिछले साल अक्टूबर में अपनी कारों पर 14% का डिस्काउंट देने की घोषणा की थी. टेस्ला चीन की फैक्ट्री में बनी अपनी कारों को पहले से ही कम कीमत पर बेच रही है. एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन में बिकने वाली टेस्ला की कार मॉडल यूरोप में बिकने वाली उसी मॉडल की आधी कीमत पर बेची जाती है. देखा जाए तो यूरोप और अमेरिका के मुकाबले चीन में टेस्ला की कार 50% सस्ती हैं.
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इस वजह से चीन में बिकने वाली टेस्ला की कारें पहले से ही काफी कम कीमत पर बेची जा रही हैं. इलेक्ट्रिक कारों के मामले में चीन के बाजार में कम्पटीशन पहले से की अधिक है. चीन में इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली कंपनियों की भरमार है, वहीं नए स्टार्टअप्स ने इस प्रतिस्पर्धा को और मुश्किल बना दिया है.
अन्य कंपनियां भी दे रहीं छूट
कारों पर भारी छूट के वजह से अब बड़ी संख्या में ग्राहक टेस्ला की ओर आकर्षित हो रहे हैं. ऐसे में टेस्ला से मुकाबला करने के लिए अन्य कंपनियों ने भी कारों की रिटेल कीमत में भारी कटौती की है. कारों पर प्रॉफिट मार्जिन कम होने के वजह से कई कंपनियों की स्थिति खराब होने लगी है.
चीन की इलेक्ट्रिक कार स्टार्टअप एक्सपेंग इंक (Xpeng Inc.) और नियो इंक (Nio Inc.) के साथ-साथ मर्सिडीज-बेंज और फोर्ड मोटर भी अपनी इलेक्ट्रिक कारों पर 70,000 युआन (करीब 8.30 लाख रुपये) का डिस्काउंट दे रही हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, 30 से ज्यादा कार कंपनियों ने कीमतों में कटौती की है.
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टेस्ला पर होगी कानूनी कार्रवाई
चीन में इलेक्ट्रिक कार बेचने वाली अन्य कंपनियों का आरोप है कि टेस्ला फेयर ट्रेड प्रैक्टिस शर्तों का उल्लंघन कर रही है. ऐसे में कंपनियों के पास टेस्ला के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के अलावा और कोई उपाय नहीं है. पिछले सप्ताह चीन की स्टेट मीडिया के हवाले से स्थानीय सरकारों ने कहा कि वे देश में बनने वाली इलेक्ट्रिक कारों पर अब सब्सिडी की पेशकश नहीं करेंगी.
बता दें, कोरोना महामारी के बाद चीन का ऑटोमोबाइल सेक्टर मंदी के दौर से गुजर रहा है. लंबे समय से चल रहे कोविड प्रतिबंधों के वजह से चीनी उपभोक्ताओं के खर्च करने की क्षमता कम हुई है. ऐसे में इलेक्ट्रिक कारों पर सब्सिडी के हटने से कंपनियों पर दोहरी मार पड़ी है.
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