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CNG Cars चलाना हो जाएगा और भी सस्ता, मारुति ला रही है सीएनजी कार के लिए ये टेक्नोलॉजी

सीएनजी की तरह ही बायोगैस से कार चलाने की टेक्नोलॉजी डवलप कर रही है मारुति सुजुकी. (image-canva)

सीएनजी की तरह ही बायोगैस से कार चलाने की टेक्नोलॉजी डवलप कर रही है मारुति सुजुकी. (image-canva)

मारुति सुजुकी डवलप कर रही है ऐसी टेक्नोलॉजी जिससे बायोगैस की मदद से चल सकेंगी कारें, बायोगैस को सीएनजी कारों में इस्तेम ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

गाय के गोबर से बायोगैस का निर्माण कर उसे फ्यूल के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा.
इसके लिए सुजुकी ने नेशनल डेयरी डवलपमेंट बोर्ड और बनास डेयरी के साथ एमओयू साइन किया है.
इस परियोजना से ग्रामीण क्षेत्रों का विकास होगा.

Cow Dung Biogas : दुनियाभर में ऐसा ईंधन खोजने की कोशिश हो रही है, जिससे जीरो पॉल्यूशन हो. ऐसी स्थिति में बड़ी-बड़ी कंपनियां भारतीय परंपराओं और सिद्धातों को भी देख-परख रही हैं. भारत में गाय को हमेशा से ऊंचा दर्जा दिया गया है. कहा जाता रहा है कि गाय से प्राप्त हुई एक-एक चीज उपयोगी है, जैसे कि दूध, गोबर और मूत्र. अब तकनीकी स्तर पर भी यह साबित होता नजर आ रहा है. जापान की कंपनी सुजुकी की भारतीय सब्सिडियरी कंपनी मारुति ने गाय के गोबर से चलाने वाली कार उतारने की बात कही है. सुजुकी अब ऐसी ही एक टेक्नोलॉजी पर काम कर रही है.

एक रिपोर्ट के अनुसार भारतीय कार बाजार में मारुति सुजुकी के सीएनजी वाहनों का हिस्सा करीब 70 प्रतिशत है. ऐसे में यदि बायोगैस से मारुति सुजुकी के सीएनजी मॉडल्स को चलाया जा सकेगा तो ये एक रिवॉल्यूशन के तौर पर सामने आएगा. इसके लिए अब कंपनी बायोगैस को किसी भी तरह से सीएनजी के कंटेंपररी लाने की कोशिश की जा रही है. इसके लिए कंपनी नई टेक्नोलॉजी को डवलप कर रही है.

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कंपनी ट्रेडिशनल फ्यूल पर निर्भरता को कम करने के लिए लगातार इलेक्ट्रिक, फ्लैक्स फ्यूल और बायोगैस के प्रोजेक्ट्स पर अपना ध्यान लगा रही है. बढ़ते पॉल्यूशन और महंगी टेक्नोलॉजी से निपटने के लिए कंपनी ने बायोगैस प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू किया है. बायोगैस काे गाय के गोबर से बनाया जाता है, ऐसे में हमारे देश में इसको प्रोड्यूस करने में समस्या नहीं आएगी. देश के गांवों में डेयरी अपशिष्ट की मात्रा ज्यादा होती है और इसकी मदद से बायोगैस का निर्माण आसानी से किया जा सकता है.

सुजुकी बायोगैस को इसी के साथ आने वाले समय में अफ्रीका, आसियान और जापान सहित कई देशों में शुरू करने और निर्यात करने की योजना भी बना रही है.

डवलपमेंट में होगा बड़ा योगदान
कंपनी के अनुसार इंडिया में बायोगैस न केवल कार्बन एमिशन को कम करने में योगदान देगा बल्कि आर्थिक तौर पर भी विकास को बढ़ावा देगा. साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में एक बड़ा योगदान होगा. कंपनी ने बताया कि इसके लिए सुजुकी ने भारत सरकार के नेशनल डेयरी डवलपमेंट बोर्ड और बनास डेयरी के साथ एमओयू भी साइन किया है. साथ ही टेक्नोलॉजी के डवलपमेंट के लिए कंपनी ने जापान में गाय के गोबर से बायोगैस बना बिजली उत्पादन करने वाली कंपनी फुजिसन असागिरी बायोमास में भी निवेश किया है और उनके साथ मिल कर टेक्नोलॉजी को बनाने पर काम चल रहा है.

Tags: Auto News, Car Bike News, Maruti Suzuki, Petrol and diesel

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