Compare between electric and CNG car: देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें आसमान पर पहुंच गई हैं. इसलिए लोग अब किफायती ईंधन वाले व्हीकलों की ओर रुख कर रहे हैं. ऐसे में लोग पेट्रोल-डीजल की जगह CNG और इलेक्ट्रिक कार खरीदना पसंद कर रहे हैं. भारत में पिछले एक साल में इलेक्ट्रिक और सीएनजी से चलने वाली कारों की बिक्री में पहले से कहीं ज्यादा बढ़ोतरी हुई है. हालांकि, इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री अभी भी देश में कुल वाहनों की बिक्री की तुलना में काफी कम है, लेकिन इसमें पिछले साल की तुलना में भारी वृद्धि देखी गई है.
पेट्रोल या डीजल कार की तुलना में सीएनजी कार को चलाने की लागत कम होती है, जबकि इलेक्ट्रिक कार के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ते हैं. दोनों के अपने-अपने फायदे और नुकसान हैं. यहां आज हम आपको इलेक्ट्रिक कार की तुलना में CNG कार के फायदे और नुकसान के बारे में बता रहे हैं
तो पहले बात करते हैं CNG कार के फायदों की
CNG कार का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपको पेट्रोल-डीजल पर डिपेंड नहीं रहना पड़ता. आप कम लागत में आसानी से ट्रेवल कर सकते हैं. हाल ही में सीएनजी की कीमत बढ़ोतरी हुई है, बावजूद इसके पेट्रोल और ईंधन की कीमतों से अब भी काफी कम है. दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत अब 95.41 रुपये है, जबकि सीएनजी की 53.04 रुपए है. इसके अलावा कार मेकर्स सीएनजी कारों पेट्रोल-डीजल पर भी चलाने का ऑप्शन देते हैं, जिससे अगर कभी कार में सीएनजी खत्म हो जाए तो पेट्रोल-डीजल का इस्तेमाल कर सकते हैं.
अब जानिए CNG व्हीकल के नुकसान
किफायती होने के बाद भी अभी भी देश भर में लोग CNG का इस्तेमाल करना कम पसंद करते हैं. इसका कारण है देश में सीएनजी स्टेशन की कमी. अब कार चलाने वालों को सीएनजी स्टेशन ढूंढने में काफी परेशानी होती है. किसी-किसी शहर में सीएनजी स्टेशन थोड़ा मुश्किल हो जाता है. इसके अलावा कार में लंबे समय तक CNG का इस्तेमाल करने से व्हीकल की परफॉर्मेंस पर असर होता है. पेट्रोल या डीजल का इस्तेमाल करते समय आउटपुट की तुलना में कार का पावर आउटपुट 10 प्रतिशत तक कम हो सकता है.
अब आते हैं इलेक्ट्रिक व्हीकल के फायदों पर
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को हाल ही में प्रोत्साहन तब मिला, जब कई राज्यों ने अपनी इंडीविजुअल इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी की घोषणा की. ये ईवी पॉलिसी खरीदारों को पेट्रोल-डीजल के बजाय इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने के लिए प्रोत्साहित करती हैं. कुछ जगहों पर EV खरीदने पर RTO शुल्क या रोड टैक्स नहीं देना पड़ता. इलेक्ट्रिक व्हीकल भी चलाने में काफी किफायती होते हैं. कई कारों में एक किलोमीटर कार चलाने की लागत एक रुपये से भी कम है. यह एक सीएनजी कार से भी सस्ता है. साथ ही इसके कार मेंटेनेंस की लागत बहुत कम होती है. इलेक्ट्रिक वाहनों को भी उनके जीरो एमिशन के कारण दुनिया भर में पसंद किया जाता है.
इलेक्ट्रिक व्हीकल के नुकसान
इतने फायदे होने के बाद भी भारत में ईवी की डिमांड पीछे रह जाती है. इसकी बड़ी वजह यह है कि इनकी ज्यादा कीमत. इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत सामान्य कारों की तुलना में ज्यादा है. यहां तक कि इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स की कीमत उनके ICE काउंटरपार्ट की तुलना में बहुत ज्यादा है. इसकी बजह है इनमें इस्तेमाल होने वाली बैटरियों की हाई कॉस्ट. इसके अलावा देश में ईवी चार्जिंग स्टेशन की कमी. अभी ईवी इस्तेमाल करने वालों के लिए चार्चिंग स्टेशन ढूंढना बड़ा काम है. अगर किसी को जगह मिल भी जाती है, तो वे अक्सर बहुत दूर और कम होते हैं. अधिकांश किफायती ईवी सिंगल चार्ज पर 400 किलोमीटर से कम की रेंज प्रदान करते हैं जो ईवी मालिकों के लिए तैयारी या ऑप्शन के बिना लंबी ड्राइव का जोखिम उठाने मुश्किल साबित हो सकता है.
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