Flex Fuel पर जल्द आएंगा नियम.
नई दिल्ली. ऑटो कंपनियों को जल्द ही ऐसे यात्री और कमर्शियल वाहनों के निर्माण के लिए कहा जा सकता है. जो प्रदूषणकारी फॉसिल फ्यूल के उपयोग को कम करने और हानिकारक एम्मिशन को कम करने के उद्देश्य से कई फ्यूल कॉन्फ़िगरेशंस पर चलते हैं. फ्लेक्स इंजनों का उपयोग करने वाले फ्लेक्सिबल फ्यूल व्हीकल (FFV) के उपयोग के लिए नए दिशानिर्देश इस वर्ष की तीसरी तिमाही (वित्त वर्ष 22) तक जारी होने की उम्मीद है. जो फ्यूल मिश्रण में निर्धारित परिवर्तनों के अनुरूप वाहनों में आवश्यक इंजन कॉन्फ़िगरेशंस और अन्य परिवर्तनों को निर्दिष्ट करेगा.
सरकार वाहनों में फ्लेक्स इंजन के निर्माण और उपयोग को बढ़ावा देने के लिए एक इंसेंटिव योजना पर भी काम कर रही है. जिसकी ज्यादा जानकारी पॉलिसी बनने के बाद ही जारी की जाएगी. पेट्रोलियम सचिव तरुण कपूर ने मीडिया को बताया कि चलने वाले वाहनों के लिए बायो-फ्यूल के उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा फ्लेक्सिबल फ्यूल व्हीकल (FFV) के उपयोग को सक्रिय रूप से देखा जा रहा है.
यह भी पढ़ें: New Tata Safari खरीदने का सुनहरा मौका, सिर्फ इतने रुपये की EMI पर लाए घर, जानें सबकुछ
FFV वाहनों का एक मॉडिफाइड वर्ज़न है जो इथेनॉल मिश्रणों के विभिन्न स्तरों के साथ गैसोलीन और डोप्ड पेट्रोल दोनों पर चल सकता है. ये वर्तमान में ब्राजील में सफलतापूर्वक उपयोग किए जा रहे हैं, जिससे लोगों को कीमत और सुविधा के आधार पर फ्यूल (गैसोलीन और इथेनॉल) स्विच करने का विकल्प मिल रहा है. वास्तव में, ब्राज़ील में बेचे जाने वाले अधिकांश वाहन FFV हैं.
भारत के लिए, FFV व्हीकल एक अलग लाभ पेश करेंगे क्योंकि वाहनों को देश के विभिन्न हिस्सों में उपलब्ध इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल के विभिन्न मिश्रणों का उपयोग करने की सुविधा मिल जाएगी. FFV वाहनों को सभी मिश्रणों का उपयोग करने और बिना मिश्रित फ्यूल पर चलने की सुविधा मिलेगी. FFV की शुरूआत के लिए व्हीकल स्टैंडर्ड, टेक्नोलॉजीज और रेट्रोफिटिंग कॉन्फ़िगरेशन को अपनाने की आवश्यकता होगी जिसे मिनिस्ट्री ऑफ़ हैवी इंडस्ट्रीज द्वारा देखा जाना होगा.
यह भी पढ़ें: Kia की अपकमिंग इलेक्ट्रिक एसयूवी टेस्टिंग के दौरान स्पॉट हुई, E-GMP प्लेटफार्म पर होगी डेवलप
ऑटो कंपनियों के लिए, FFV की शुरूआत एक और चुनौती पेश करेगी जिसका वे पहले से ही इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाने के साथ सामना कर रहे हैं. FFV लागू होने के बाद ऑटो कंपनियों के प्रोडक्शन लाइन और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर का खर्च बढ़ जायेगा. पहले से ही 10 प्रतिशत इथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल के उपयोग और बीएस-6 फ्यूल की शुरूआत ने वाहन बनाने की लागत में इजाफा किया हुआ है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
Tags: Auto, Auto News, Autofocus