जम्मू-कश्मीर में मिले लिथियम भंडार से भारत ई-वाहनों का सबसे बड़ा उत्पादक बन सकता है.
नई दिल्ली. भारत बहुत जल्द इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicles) के उत्पादन में दुनिया का नंबर-1 देश बन सकता है। भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा कि भारत जल्द ही इलेक्ट्रिक वाहनों के मामले में आत्मनिर्भर होने के साथ-साथ दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक बन सकता है।
उन्होंने कहा कि हाल ही में जम्मू-कश्मीर में खोजे गए लिथियम भंडार (Lithium Reserve) का उपयोग करके भारत इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन में तेजी से आगे निकल सकता है। उन्होंने सार्वजनिक परिवहन के क्षेत्र में इलेक्ट्रिक वाहनों की आवश्यकता पर भी बल दिया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन परिवहन का भविष्य हैं।
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आयात पर निर्भरता होगी कम
गडकरी ने कहा कि हम हर साल लगभग 1,200 टन लिथियम का आयात करते हैं। यदि हम जम्मू-कश्मीर में खोजे गए लिथियम के भंडार का इस्तेमाल करें तो जल्द ही इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन के मामले में दुनिया के हर देश को पीछे छोड़ सकते हैं।
कार्यक्रम में गडकरी ने कहा कि भारत का ऑटोमोबाइल उद्योग वर्तमान में 7.5 लाख करोड़ रुपये का है और कुल जीएसटी राजस्व में इस क्षेत्र का योगदान अधिकतम है। उन्होंने बताया कि लिथियम महत्वपूर्ण संसाधन श्रेणी में आता है और वर्तमान में हम इसके 100 फीसदी आयात पर निर्भर हैं। हालांकि, भंडार के मिलने से अब भारत के लिए परिस्थितियां बदल सकती हैं।
उभरेंगे रोजगार के नए अवसर
गडकरी ने कहा कि यह लिथियम भंडार स्थानीय लोगों के लिए कई तरह की रोगजार की संभावनाओं को भी पैदा कर सकता है। हम अपने इनोवेटिव अप्रोच से पिछड़े क्षेत्र का विकास कर सकते हैं और साथ ही साथ रोजगार की नई संभावनाओं को भी सृजित कर सकते हैं।
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) के जी3 उन्नत अध्ययन से सलाल गांव (रियासी) में माता वैष्णो देवी मंदिर की तलहटी में प्रचुर मात्रा में अच्छी गुणवत्ता वाले लिथियम की मौजूदगी का पता चला है। बताया जाता है कि यहां तकरीबन 60 लाख टन लिथियम भंडार पाया गया है।
क्या है लिथियम का उपयोग?
इलेक्ट्रिक वाहनों में लगने वाली बैटरी को बनाने के लिए बड़े स्तर पर लिथियम का इस्तेमाल होता है। इसके अलावा बैटरी से चलने वाले अन्य उपकरणों जैसे मोबाइल, स्मार्टवॉच, लैपटॉप, डिजिटल कैमरा आदि में भी लिथियम का इस्तेमाल होता है। ऑटोमोबाइल सेक्टर की बात करें तो चीन और अमेरिका के बाद भारत दुनिया में वाहनों का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है।
इस कार्यक्रम में नितिन गडकरी ने देश में बेहतर सड़कों की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि अगर सड़कें अच्छी होंगी तो लाॅजिस्टिक कॉस्ट में भी कमी आएगी। गडकरी ने कहा कि हमारा लक्ष्य 2024 तक लाॅजिस्टिक कॉस्ट को सिंगल डिजिट में लाना है। उन्होंने उद्योगपतियों से वाहन स्क्रैपिंग में निवेश करने की भी अपील की।
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