Electric Vehicles का इंश्योरेंस इसलिए होता है महंगा, थर्ड पार्टी बीमा पर मिलती है ये छूट, जानें सबकुछ

इलेक्ट्रिक व्हीकल इंश्योरेंस.
इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए अमेरिका में थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कास्ट 21 फीसदी ज्यादा है और ब्रिटेन में 14 फीसदी ज्यादा. जबकि भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के प्रीमियम पर 15 फीसदी की छूट दी जाती है.
- News18Hindi
- Last Updated: March 15, 2021, 11:17 AM IST
नई दिल्ली. सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) की रिपोर्ट के अनुसार 2020 में देश में कुल 3,400 इलेक्ट्रिक कार और 1.52 लाख इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर खरीदे गए. वहीं 2021 में पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत और इलेक्ट्रिक व्हीकल पर सरकार की ओर से मिलने वाली सब्सिडी की वजह से इस साल EV ज्यादा बिकने की उम्मीद है. लेकिन फिर भी देश में अभी तक इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए कोई स्पेशल पॉलिसी डिजाइन नहीं की गई है. जिसकी सबसे बड़ी वजह मानी जाती है कि, रोड़ पर केवल 1 प्रतिशत के आसपास ही इलेक्ट्रिक व्हीकल्स है. ऐसे में जब आप अपने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का इंश्योरेंस कराने जाते है तो आपको कई बार ज्यादा पैसे देने पड़ जाते है. आइए जानते है इसके बारे में...
Electric Vehicles का इंश्योरेंस इसलिए होता है महंगा - इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पेट्रोल, डीजल और हाइब्रिड व्हीकल्स की अपेक्षा महंगे आते है. इसलिए EV का बीमा काफी महंगा होता है. वहीं EV में सबसे महंगा पार्ट वाहन की बैटरी होती है जो कि कुल लागत की 40 से 60 फीसदी कीमत को कवर करती है. ऐसे में जब बैटरी का प्रफोर्मेंस गिरती है तो खुद ब खुद बीमा का प्रीमियर भी कम होता जाता है. दूसरी ओर इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की ज्यादातर बॉडी प्लास्टिक की बनी होती है. इसलिए आपको own-damage insurance cover पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए.
यह भी पढ़ें: Research : सड़क किनारे पैदल चलने वालों को प्रदूषण से मिलेगी राहत, इस तरह के बैरियर से होगा बचाव
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में मिलती है छूट- इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए अमेरिका में थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कास्ट 21 फीसदी ज्यादा है और ब्रिटेन में 14 फीसदी ज्यादा. जबकि भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के प्रीमियम पर 15 फीसदी की छूट दी जाती है. यह छूट IRDA द्वारा जून 2019 में बनाए गए नियम के बाद दी जाती है.यह भी पढ़ें: Driving License : डीएल बनवाने वालों के लिए राहत, अब रविवार को भी कर सकते हैं ये काम
डिजिट इंश्योरेंस के अधिकारी आदर्श अग्रवाल के अनुसार कुछ इंश्योरेंस कंपनी own-damage insurance cover में वाहन को हुए नुकसान का कवर भी पेश करती है. वहीं ICICI लोम्बार्ड के हेड अमिताभ जैन कहते हैं, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का सेगमेंट अभी शुरुआती दौर में है. इसलिए own-damage insurance के प्रीमियम की दर कम स्पीड और इंजन संबंधित नुकसान के दावों की कमी के चलते घट सकती है.

Add-on covers - इस तरह की इंश्योरेंस पॉलिसी में कंपनी व्हीकल्स के कुछ स्पेशल हिस्सों का इंश्योरेंस मुहैया कराती है. अगर आप अपने इलेक्ट्रिक व्हीकल का इंश्योरेंस कराने जा रहे है तो आपको एक बार इंश्योरेंस कंपनी से इस तरह की पॉलिसी के बारे में जानकारी करनी चाहिए. वहीं इस पॉलिसी के लेने से आपके जेब पर नुकसान होने पर बोझ भी कम पड़ता है.
Electric Vehicles का इंश्योरेंस इसलिए होता है महंगा - इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पेट्रोल, डीजल और हाइब्रिड व्हीकल्स की अपेक्षा महंगे आते है. इसलिए EV का बीमा काफी महंगा होता है. वहीं EV में सबसे महंगा पार्ट वाहन की बैटरी होती है जो कि कुल लागत की 40 से 60 फीसदी कीमत को कवर करती है. ऐसे में जब बैटरी का प्रफोर्मेंस गिरती है तो खुद ब खुद बीमा का प्रीमियर भी कम होता जाता है. दूसरी ओर इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की ज्यादातर बॉडी प्लास्टिक की बनी होती है. इसलिए आपको own-damage insurance cover पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए.
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डिजिट इंश्योरेंस के अधिकारी आदर्श अग्रवाल के अनुसार कुछ इंश्योरेंस कंपनी own-damage insurance cover में वाहन को हुए नुकसान का कवर भी पेश करती है. वहीं ICICI लोम्बार्ड के हेड अमिताभ जैन कहते हैं, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का सेगमेंट अभी शुरुआती दौर में है. इसलिए own-damage insurance के प्रीमियम की दर कम स्पीड और इंजन संबंधित नुकसान के दावों की कमी के चलते घट सकती है.
Add-on covers - इस तरह की इंश्योरेंस पॉलिसी में कंपनी व्हीकल्स के कुछ स्पेशल हिस्सों का इंश्योरेंस मुहैया कराती है. अगर आप अपने इलेक्ट्रिक व्हीकल का इंश्योरेंस कराने जा रहे है तो आपको एक बार इंश्योरेंस कंपनी से इस तरह की पॉलिसी के बारे में जानकारी करनी चाहिए. वहीं इस पॉलिसी के लेने से आपके जेब पर नुकसान होने पर बोझ भी कम पड़ता है.