आईफोन बनाने वाली कंपनी फॉक्सकॉन अब इंडिया में अपना प्लांट लगाने जा रही है. (फोटो साभार सीएनबीसी)
नई दिल्ली. पिछले कुछ सालों में कई बड़ी कंपनियों ने इंडिया को एक बड़े प्रोडक्शन हब के तौर पर देखना शुरू कर दिया है. खासकर इलेक्ट्रिक कंपोनेंट्स बनाने वाली कंपनियों का ध्यान अब चीन से हटकर इंडिया की तरफ हो गया है. अभी तक इलेक्ट्रॉनिक्स की ग्लोबल सप्लाई चेन फिलहाल पूरी तरह से चीन, उसकी स्थितियों और नीतियों पर निर्भर कर रही है. इसी बात को लेकर कुछ अमेरिकी ब्रांड्स खासकर एप्पल अब चीन में बैठे अपने स्पलायर्स को कहीं और अपनी फैसलिटी को शिफ्ट करने की बात कर रहे हैं. इसका फिलहाल बड़ा उदाहरण फॉक्सकॉन है जो एप्पल फोन मैन्युफैक्चरर और इलेक्ट्रिक कंपोनेंट सप्लायर है. फॉक्सकॉन की जैंगजोऊ में एक बड़ा प्लांट है जिसमें दो लाख के करीब कर्मचारी हैं. अब कंपनी बेंगलुरू में अपना प्लांट लगाने जा रही है जिससे यहां पर भी करीब 1 लाख नौकरियों के बनने की उम्मीद है.
ताईवानी कंपनी फॉक्स कॉन बेंगलुरू में 300 एकड़ की जमीन पर 700 मिलियन डॉलर का इंवेस्टमेंट कर नया प्लांट स्थापित करने जा रही है. जानकारी के अनुसार कोरोना के चलते जैंगजोऊ प्लांट में कंपनी का प्रोडक्शन काफी प्रभावित हुआ था. जिसके बाद दूसरे देशों में अपना प्लांट लगाने का निर्णय लिया गया.
EV भी होंगी मैन्युफैक्चर!
फॉक्स कॉन के इंडिया में अपने प्लांट को शिफ्ट करने को लेकर कयास लगाया जा रहा है कि जल्द ही एप्पल और फॉक्सकॉनी की इलेक्ट्रिक कार का प्रोडक्शन भी इंडिया में ही शुरू हो सकता है. फॉक्सकॉन ने अपनी ईवी मॉडल सी को पहले ही शोकेस किया था, जो पहले ताईवान में लॉन्च की जाएगा. साथ ही कंपनी ने 2021 में ईवी डवलपमेंट और प्रोडक्शन के लिए युलॉन ग्रुप से भी जॉइंट वेंचार किया था. अब ये माना जा रहा है कि इस ईवी का निर्माण या इससे जुड़े कुछ पार्ट्स की मैन्युफैक्चरिंग इंडिया में बनने वाले नए प्लांट में हो सकती है.
EV का बड़ा बाजार
इंडिया इलेक्ट्रिक व्हीकल खासकर कारों का बड़ा बाजार बन कर उभरा है, यही कारण है कि फॉक्सकान इंडिया में अपनी ईवी को डवलप कर सकता है. आने वाला समय में इलेक्ट्रिक क्रॉसओवर और छोटी व बजट ईवी के लिए ज्यादा अच्छा होगा जिसका सीधा फायदा कंपनी को इंडिया में मिलने की उम्मीद है.
इंडिया ही क्यों
इंडिया को लगातार बड़ी कंपनियों प्रोडक्शन हब के तौर पर देखने लगी हैं. उसका सबसे बड़ा कारण यहां का वर्क एनवायरमेंट और सस्ते एंप्लाइज के साथ ही बड़े बाजार का होना है. साथ ही पॉलिटिकली साउंड होने और अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी जैसे बड़े और शक्तिशाली देशों से अच्छे संबंध होने के चलते इंडिया में कंपनियां अपने प्लांट लगाने के लिए आगे आ रही हैं. जिससे भविष्य में उनकी सप्लाई और मैन्युफैक्चरिंग पर कोई असर न पड़े.
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