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मौत नहीं, जिंदगी की रफ्तार चुनें.... जानें कितनी स्पीड है सेफ और कब 12 गुना होती है एक्सीडेंटल डेथ की संभावना

कार चलाने की सही और सुरक्षित रफ्तार क्या है ये जानना बहुत जरूरी है. (सांकेतिक फोटो)

कार चलाने की सही और सुरक्षित रफ्तार क्या है ये जानना बहुत जरूरी है. (सांकेतिक फोटो)

तेज रफ्तार का रोमांच होता है लेकिन ये कभी कभी दुर्घटना को भी खुला न्यौता दे देता है. ऐसे में जरूरी है कि हम ये जान लें ...अधिक पढ़ें

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हाइलाइट्स

तेज रफ्तार के चलते हादसे की स्थिति में मौत की संभावना कई गुना बढ़ जाती है.
80 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार सबसे सुरक्षित मानी जाती है.
वहीं 100 किमी. प्रति घंटे से ऊपर की रफ्तार में मौत की संभावना कई गुना बढ़ जाती है.

नई दिल्ली. क्या केवल 5 मिनट की देर के लिए कोई अपनी जान से खिलवाड़ कर सकता है? इस सवाल को जितने लोगों से पूछा जाएगा उनका जवाब न ही आएगा. लेकिन क्या प्रैक्टिकली ऐसा होता है. इसका जवाब भी न ही है. यहां पर बात की जा रही है गाड़ी की स्पीड और उससे होने वाले खतरों को लेकर. हाल ही में आई एक रिपोर्ट से मिले आंकड़ाें ने इस बात को खुलकर सामने एक बार फिर रख दिया कि तेज रफ्तार जान को सीधा खतरा है. जैसे जैसे आपका पैर एक्सिलरेटर पर दबेगा वैसे वैसे जिंदगी की संभावनाओं पर ब्रेक लगते दिखेंगे.

एक छोटी कैलकुलेशन ने इस पूरे मसले को असानी से समझाने में मदद की है. उदाहरण के लिए यदि आप हाईवे पर 80 किमी. प्रतिघंटे की रफ्तार से गाड़ी चलाते हैं तो 25 किमी. का सफर पूरा करने में 12 मिनट का समय लगेगा और इस दौरान दुर्घटना में मौत की संभावना लगभग नहीं होगी.

हालांकि यही रफ्तार जब 136 किमी. प्रति घंटे की होगी तो आप 25 किमी. का सफर पूरा करने में आपको 7.20 मिनट का समय लगेगा और इस दौरान आप 4.57 मिनट तो बचाएंगे लेकिन हादसे के दौरान मौत की संभावनाएं 12 गुना हो जाएंगी.

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कार को सुरक्षित रफ्तार में चलाने से हादसों की संभावनाओं में काफी कमी आ सकती है. (सांकेतिक फोटो)

ऐसे समझें पूरा गणित

  • रफ्तार 80 किमी. प्रति घंटा हो तो- 25 किमी. का सफर करने में 12 मिनट का समय, हादसे में मौत की संभावना लगभग शून्य.
  • रफ्तार 88 किमी. प्रति घंटा- 25 किमी. का सफर करने में 10.54 मिनट का समय, करीब 1.6 मिनट की बचत, दुर्घटना के दौरान मौत की संभावना 1.5 गुना.
  • 96 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार- 25 किमी. के सफर में 10 मिनट का समय, दो मिनट बचेंगे, मौत की संभावना दो गुना.
  • 105 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार- 25 किमी. का सफर 9.14 मिनट में पूरा होगा. 2.46 मिनट बचेंगे और हादसे में मौत की संभावना तीन गुना होगी.
  • 112 किमी. प्रति घंटे की स्पीड- 25 किमी. का सफर, 8.34 मिनट का समय लगेगा, 3.26 मिनट की बचत होगी. हालांकि मौत की संभावना 4 गुना बढ़ जाएगी.
  • 120 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार- 8 मिनट के समय में 25 किमी. का सफर तय होगा, 4 मिनट बचेंगे, 6 गुना होगी मौत की संभावना.
  • 128 किमी. प्रतिघंटे की रफ्तार- 7.30 मिनट का समय लगेगा 25 किमी. तय करने में, 4.30 मिनट बचेंगे, 8 गुना होगी मौत की संभावना.
  • 136 किमी. प्रति घंटे की स्पीड- 7.20 मिनट में तय होगा 25 किमी. का सफर, 4.57 मिनट बचेंगे लेकिन मौत की संभावना बढ़ कर 12 गुना हो जाएगी.

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तेज रफ्तार और मौत… जानें कारण
रफ्तार और मौत की संभावना का सीधा और साइंटिफिक कारण है रिएक्‍शन और इंपेक्ट का टाइमिंग. आसान भाषा में इसे समझें तो जब आपकी रफ्तार ज्यादा होगी और किसी भी टकराव या हादसे की स्थिति में आपके रिएक्‍शन और उसके इंप्लीमेंटेशन में जितना समय लगेगा उतनी ही रफ्तार से गाड़ी दुर्घटना की तरफ बढ़ रही होगी.

खासी टेक्नोलॉजी से लैस गाड़ियों में भी मोमेंटम होता है और उन्हें रुकने के लिए एक उचित दूरी की व समय की जरूरत होती है. जब आपकी रफ्तार 80 किमी. प्रति घंटा होगी तो बड़े झटके आपकी कार की बीम्स और बॉडी सह लेंगे और आपको रुकने के लिए कम दूरी और समय लगेगा. लेकिन जब ये रफ्तार 130 किमी. प्रति घंटे के ऊपर होगी तो गाड़ी को रोकने के लिए 10 से 12 मीटर की जगह लगेगी साथ ही आपको हादसे से बचने के लिए सोचने का समय काफी कम मिलेगी. वहीं इस रफ्तार में यदि गाड़ी किसी भी चीज से टकराती है तो न बीम्स बचा सकेंगे न ही कोई और सेफ्टी इक्विपमेंट.

Tags: Auto News, Car accident

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