होम /न्यूज /ऑटो /EV सेगमेंट में 500% बिक्री बढ़ी, ZestMoney पे लेटर सुविधा बनी इसकी वजह

EV सेगमेंट में 500% बिक्री बढ़ी, ZestMoney पे लेटर सुविधा बनी इसकी वजह

ZestMoney पे लेटर सुविधा से इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री बढ़ी.

ZestMoney पे लेटर सुविधा से इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री बढ़ी.

जेस्टमनी (ZestMoney) के अनुसार सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन (Electric vehicle) के कुल कारोबार में 30% का यो ...अधिक पढ़ें

    नई दिल्ली. भारत का प्रमुख ए आई- संचालित ईएमआई वित्तपोषण और 'अभी खरीदें बाद में भुगतान करें' ('पे लेटर') प्लेटफॉर्म ने बाद में भुगतान विकल्प चुनने वाले ग्राहकों में 500% महीने की दर से वृद्धि देखी है. जेस्टमनी प्लेटफ़ॉर्म पर इलेक्ट्रिक वाहन डीलरों की संख्या जुलाई में 300 से बढ़कर नवंबर में 4,500 हो गई है. पिछले कुछ महीनों में इलेक्ट्रिक स्कूटरों की मांग बढ़ी है. क्योंकि लोग निजी वाहन रखना चाहते हैं. कोविड -19 और सामाजिक दूरी की आवश्यकता के कारण लोग अपनी परिवहन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कम लागत वाले इलेक्ट्रिक वाहनों का चयन कर रहे हैं.

    टीयर II, III और IV शहरों में बढ़ी ईवी वाहन की मांग
    जेस्टमनी ने देखा कि उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन के कुल कारोबार में 30% का योगदान देता है, उसके बाद बिहार, राजस्थान और महाराष्ट्र का स्थान आता है. ईवी स्कूटर चयन के लिए 10% महिलाओं के साथ 25-35 वर्ष की आयु के लोग खरीदारी कर रहे हैं. दिलचस्प बात यह है कि ईवी की मांग टीयर II, III और IV शहरों में बढती जा रही है, जहां कई नए- क्रेडिट ग्राहक पे लेटर समाधान की सुविधा का लाभ उठाना चाहते हैं. ये बाजार के कुल मांग का 70-80% हिस्सा हैं.

    यह भी पढ़ें: कार पार्किंग का सबसे खराब तरीका!, जिसे देखकर आप नहीं रोक पाएंगे अपनी हंसी
    लो स्पीड स्कूटर जो 25 किमी / घंटा की गति देते है और इसे परिवहन विभाग के साथ पंजीकृत कराने की आवश्यकता नहीं होती है. वित्त वर्ष 19-20 में बेचे जाने वाले सभी इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों का ये 90% रहा. कई पारंपरिक फाइनेंसर इलेक्ट्रिक स्कूटर के वित्तपोषण नहीं करते, क्योंकि उनके पास पंजीकरण संख्या नहीं होते है. लेकिन जेस्टमनी ईवी के इस सेगमेंट के लिए पे लेटर फाइनेंसिंग स्पेस में अपनी तरह का पहला वित्तपोषण सुविधा दे रहा है.

    कोरोना महामारी से निजी वाहन की ओर बढ़ा रुख
    इस बारे में टिप्पणी करते हुए, जेस्टमनी के सीईओ और सह-संस्थापक, लिज़ी चैपमैन ने कहा, 'महामारी ने सार्वजनिक परिवहन को छोड़ने के इच्छुक लोगों के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग को बढ़ाया है. जेस्टमनी में, हम इस सेगमेंट के वित्तपोषण में बड़े पैमाने पर अवसर देखते हैं, विशेष रूप से छोटे शहरों में, जहां ग्राहकों के पास पिछले क्रेडिट रिकॉर्ड या पारंपरिक क्रेडिट स्कोर नहीं होते. हमारा अभी खरीदें, पे लेटर का समाधान उन्हें लागत प्रभावी खरीदारी का अवसर देता है. इस वजह से उनके लिए यह एक शानदार वित्तीय योजना भी है. चूंकि कई लोग पहली बार क्रेडिट का लाभ उठा रहे हैं, इसलिए हम उन्हें बड़े टिकट ऋण के लिए अपने क्रेडिट स्कोर बनाने में भी मदद कर रहे हैं, जिनकी उन्हें बाद में आवश्यकता हो सकती है. ईवी उद्योग आकार ले रहा है और हम जेस्ट में दृढ़ता से विश्वास करते हैं कि कोविड-19 के बावजूद, वित्त वर्ष 20-21 ईवी खंड के लिए एक शानदार वर्ष होगा.'

    यह भी पढ़ें: Renault KIGER का टीजर हुआ लॉन्च, जानिए इसकी कीमत और लॉन्चिंग डेट

    भारत में 2025 तक ईवी मार्केट 500 बिलियन का होगा
    ग्राहक डिजिटल केवासी (ऑनलाइन या इन-स्टोर) को पूरा करके जेस्टमनी से क्रेडिट सीमा का लाभ उठा सकते हैं और खरीदारी के समय अपनी सुविधा से पुनर्भुगतान योजना चुन सकते हैं. सेवा का लाभ उठाने की प्रक्रिया पूरी तरह से कागज रहित, एंड-टू-एंड डिजिटल है और कोई मैनुअल हस्तक्षेप नहीं है. जेस्टमनी गारंटर और किसी भी प्री-क्लोजर फीस आवश्यकता को समाप्त करता है.
    ईवी के ओरिजनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स (ओईएम) के साथ उनके डीलरशिप नेटवर्क के जरिए वाहनों को फाइनेंस करने के लिए जेस्टमनी ने भागीदारी की है. कोई भी ग्राहक जो ईवी खरीदने के लिए इन अनुमोदित डीलरशिप पर जाता है, वह जेस्टमनी द्वारा दिए गए वित्तपोषण विकल्प का लाभ उठा सकता है. ईवी स्पेस में कंपनी 20 से अधिक ब्रांडों के साथ जुड़ी हुई है, जिसमें हीरो इलेक्ट्रिक, रिवोल्ट, ओकिनावा, योबीक्स, टुनवाल, बॉटरे, ईवे इंडिया शामिल हैं.

    एवेंडस कैपिटल के अनुसार, भारत में ईवी 2025 तक 500 बिलियन रुपये का बाजार बन जाएगा. सब्सिडी और कर लाभ के रूप में केंद्र सरकार की पहल इस सेगमेंट के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.

    टॉप स्टोरीज
    अधिक पढ़ें