होम /न्यूज /ऑटो /चोरी की गाय और चावल की दुकान से शुरू हुआ Hyundai का सफर, आज है विश्व की तीसरे नंबर की कंपनी

चोरी की गाय और चावल की दुकान से शुरू हुआ Hyundai का सफर, आज है विश्व की तीसरे नंबर की कंपनी

ह्युंडई की स्‍थापना की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है.

ह्युंडई की स्‍थापना की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है.

ह्युंडई के संस्‍थापक चुंग जू युंग का जन्म उत्तर कोरिया के एक गांव में हुआ, उनके पिता चावल की खेती करते थे और काफी गरीब ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

चार बार अपने घर से भागे थे ह्युंडई के संस्‍थापक चुंग.
डिलीवरी बॉय के तौर पर भी किया था काम.
कंस्ट्रक्‍शन कंपनी के तौर पर हुई थी ह्युंडई की स्‍थापना.

नई दिल्ली. चुंग जू-युंग ये नाम है देश की दूसरी और दुनिया की तीसरी सबसे ज्यादा कार बेचने वाली कंपनी ह्युंडई के संस्‍थापक की. ये कहानी है एक ऐसे शख्स की जिसने बगावत की, अपनी सोच के लिए घर ही नहीं दुनिया से लड़ा, धैर्य, अनुशासन और जुनून के साथ अरबों डॉलर की एक कंपनी खड़ी कर डाली. लेकिन क्या आप जानते हैं ये कहानी एक गाय की चोरी और चावल की दुकान से शुरू हुई थी. घर से भागने के बाद समय के थपेड़ाें को झेल कर चुंग ने वो कर दिखाया कि आज दक्षिण कोरिया का बच्चा बच्चा ह्युंडई पर नाज करता है. यही नहीं हमारे देश में हर तीसरा शख्स एक समय में ह्युंडई की ही गाड़ी चला रहा था.

चुंग का जन्म उत्तर कोरिया के एक छोटे से गांव में 1915 में हुआ था. उनके पिता एक गरीब किसान थे और चावल की खेती करते थे. उनकी मां गृहिणी थीं. उनका परिवार अतिरिक्त आय के लिए रेशम के कीड़ाें को पाला करता था. चुंग के पिता उन्हें पढ़ाना तो चाहते थे लेकिन उनके पास ज्यादा पैसा नहीं था लेकिन फिर भी उन्होंने ग्रेजुएशन की. इसके बाद वे आगे और पढ़ कर शिक्षक बनना चाहते थे लेकिन पैसे की कमी ने उनके पैर रोक दिए.

ये भी पढ़ेंः Tata ने जब बनाया था Armored Vehicle, Second World War में दुनिया ने माना था कंपनी का लोहा

दो ही विकल्प
अब चुंग के सामने दो विकल्प थे. या तो वे खेती करें या फिर घर से भाग जाएं. उन्होंने दूसरे विकल्प को चुना और घर से भाग गए. घर से निकल कर उन्होंने एक कंस्ट्रक्‍शन कंपनी में काम करना शुरू किया. इस दौरान वे 16 साल के थे. लेकिन दो महीने बाद ही उनके पिता वापस ले आए. चुंग लेकिन रुकने वालों में से नहीं थे वे 4 बार अपने घर से भागे. तीन बार उनके पिता उन्हें वापस घर ले आए.

गाय चुराई और शहर भागे
तीसरी बार चुंग ने अपने ही परिवार की गाय चुराई और इसे बेच दिया. पैसे मिलने के साथ ही चुंग ने शहर की ट्रेन पकड़ी और एक स्कूल में दाखिला ले लिया. लेकिन चुंग के पिता को इस बात का पता चल गया कि वे कहां हैं और इस बार भी उन्होंने उन्हें पकड़ लिया और घर ले आए. लेकिन चुंग रुके नहीं और चौथी बार वे घर से भाग गए और इस बार वे वापस आने के लिए नहीं निकले थे.

डिलीवरी बॉय का किया काम
1934 में चुंग घर से चौथी बार भागे और सीधे दक्षिण कोरिया चले गए. यहां पर उन्होंने चावल की डिलीवरी करने वाले बॉय का काम किया. धीरे धीरे वे एक चावल की दुकान के मालिक बन गए. लेकिन किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया और जापानियों ने उनकी दुकान को बंद कर दिया. इसके बाद चुंग ने एक ऑटो मरम्मत की दुकान खोली और दो लोगों को काम पर रखा. ये काम अच्छा चला और तीन साल में ही चुंग के पास 70 कर्मचारी हो गए. 1943 में सरकार ने एक बार फिर उनके कारोबार को बंद कर दिया.

Hyundai, Chung Joo yung, founder of hyundai, history of hyundai, How did Chung's rice business come to an end, Who was the founder of Hyundai, What family owns Hyundai, Who are the members of Chaebols, chung ju-yung net worth, chung ju-yung wife, chung ju-yung education, chung ju yung autobiography, chung ju-yung son, chung ju-yung cause of death, chung ju-yung age, Is Hyundai Korean or Japanese, What's better Hyundai or Kia, Which car is best in Hyundai, Is Hyundai German or Japanese, hyundai india, hyundai cars, hyundai venue, hyundai company, hyundai wiki, hyundai i10, hyundai new car, hyundai alcazar

चुंग हमेशा से एक शिक्षक बनना चाहते थे.

अब बनी ह्युंडई
जैसे घर से भागने से चुंग को रोका नहीं जा सकता था वैसे ही एक बड़ा सपना पूरा करने से भी उन्हें कोई नहीं रोक सकता था. यहीं से शुरू होती है ह्युंडई की कहानी. चुंग ने अपनी बचत के पैसों से ऑटो मरम्मत की दुकान बंद होने के चार साल बाद ह्युंडई सिविल इंडस्ट्रीज की स्‍थापना की. ये एक कंस्ट्रक्‍शन कंपनी थी. चुंग ने सरकार में अपनी पैठ बनाई और धीरे धीरे पुल व शियार्ड बनाने के सरकारी ठेके वे लेने लगे.

बढ़ता गया समूह
चुंग की मेहनत रंग लाई. उनका काम बढ़ने लगा. वे बांध, हाईवे और परमाणु ऊर्जा संयंत्रों का निर्माण करने लगे. इस दौरान चुंग को ऑटो सेक्टर में संभावनाएं दिखीं और उन्होंने कार के डिजाइन पर काम करना शुरू किया. वे मध्यम वर्ग के लिए कार का निर्माण करना चाहते थे और उन्होंने ऐसा किया भी. 8 साल की मेहनत के बाद ह्युंडई ने अपनी पहली बनाई कार को एक्सपोर्ट किया. ये कार थी ह्युंडई पॉनी जो दक्षिण कोरिया के लिए आज भी गर्व का विषय मानी जाती है.

और तेजी से बढ़ा कारोबार
चुंग का ऑटोमोबाइल डिविजन इतनी तेजी से बढ़ा कि उनके ग्रुप के बाकि काम फिके पड़ गए. एक के बाद एक कारों का निर्माण और साथ ही दुनिया भर में ह्युंडई की कारों को पसंद किया जाने लगा. इसके साथ ही ह्युंडई ने जापान की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी सुजुकी को सीधी टक्कर देना शुरू कर दिया. बाद में ह्युंडई ने लग्जरी कारों के निर्माण में भी कदम रखा और उसमें भी सफलता पाई.

आज ह्युंडई दुनियाभर में घर घर की कार के तौर पर फेमस है. इसकी कारें अपनी टेक्नोलॉजी और कंफर्ट के लिए जानी जाती हैं. चुंग का कुछ बड़ा करने के सपने को पूरा करने में उन्हें समय जरूर लगा लेकिन जब उन्होंने उसे साकार किया तो वो इतना बड़ा बन कर सामने आया कि दुनिया के ऑटोमोबाइल सेक्टर में वे बेताज बादशाह बन गए.

Tags: Auto News, Car Bike News, Hyundai, South korea

टॉप स्टोरीज
अधिक पढ़ें