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कार में कौन से फ्लूइड का क्या है काम, कैसे पता चलेगा किसको कब बदलना या टॉपअप करना है

कार में सही समय पर ऑयल चेंज करना बेहद जरूरी है.

कार में सही समय पर ऑयल चेंज करना बेहद जरूरी है.

कार में कई तरह के ऑयल और फ्लूइड्स डाले जाते हैं. इन सभी की एक लाइफ होती है. इसके बाद इन्हें बदलवाना या टॉपअप करना जरूरी ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

कार में इंजन ऑयल के साथ ही ब्रेक ऑयल और स्टीयरिंग ऑयल भी डलता है.
वहीं कूलेंट और डिस्टिल वाटर भी जरूरी हैं.
कार मेंटेनेंस के दौरान इन सभी का चेक करें.

नई दिल्‍ली. कार की मेंटेनेंस की बात आती है तो आपको मैकेनिक कई तरह के फ्लूइड बदलने की बात कह कर आपसे मोटी रकम वसूल लेते हैं. लेकिन क्या कभी आपने ये सोचा है कि कार में कितने तरह के फ्लूइड या आसान भाषा में कहें तो ऑयल डलते हैं. तो आइये आपको बताते हैं कार में कितने तरह के ऑयल डलते हैं. कार में मुख्यत इंजन ऑयल, ब्रेक ऑयल, स्टीयरिंग ऑयल डलता है. इसके अलावा कूलेंट, डिस्टिल वाटर और वाशिंग लिक्विड कार में फिल किए जाते हैं.

इन सभी फ्लइड्स का अपना एक महत्वपूर्ण काम होता है और इनकी लाइफ भी सीमित होती है. समय पर इन्हें बदलवाने से आपकी कार की लाइफ भी बढ़ती है और ड्राइविंग एक्सपीरियंस भी एन्हांस होता है. आइये जानते हैं कैसे पता चलेगा कि आपको फ्लूइड बदलवाना है…

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  • इंजन ऑयलः इंजन ऑयल का के मेन फ्लूइड्स में से एक है. ये इंजन को न केवल लुब्रीकेट करता है बल्कि उसे ठंडा रखने में भी मदद करता है. इंजन ऑयल की लाइफ कार के इंजन टाइप, इंजन ऑयल के ग्रेड और कार की रनिंग पर डिपेंड करता है. आमतौर पर पेट्रोल कारों में इंजन ऑयल 5 से 10 हजार किमी. पर चेंज करवाना होता है. वहीं डीजल इंजन में इसकी लाइफ 10 से 15 हजार किमी. की होती है. इंजन ऑयल कब बदलवाना है ये आप खुद भी चेक कर सकते हैं. कार इंजन के गेज को निकाल कर देखने पर यदि उसमें ऑयल का लेवल कम है या फिर वो ज्यादा काला और जलने की गंध दे रहा है तो तुरंत इसे बदलवाएं.
  • ब्रेक ऑयलः ब्रेक ऑयल आपकी कार में ब्रेक प्रैशर मेंटेन करने के लिए होता है. इसकी लाइफ 1 से 2 साल की होती है. ब्रेक ऑयल को चेक करने के लिए आप इसका लेवल देख सकते हैं साथ ही यदि ऑयल में काला पन दिखता है तो इसे बदलवा लें.
  • स्टीयरिंग ऑयलः पावर स्टीयरिंग में इस ऑयल की जरूरत होती है. इस ऑयल को बदलवाने का एक निश्चित समय है. आमतौर पर देखने में आया है कि इसे लंबे समय तक लोग नहीं बदलवाते हैं जिसके चलते पावर स्टीयरिंग की मोटर जल्दी खराब होती है. इस ऑयल को हर 20 हजार किमी. पर बदलवाना सही रहता है.

  • कूलेंट और डिस्टिल वाटरः कार के इंजन को ठंडा रखने के लिए कूलेंट और डिस्टिल वाटर का यूज किया जाता है. कूलेंट को हर 20 हजार किमी. पर बदलवा लेना चाहिए. इसका लेवल कम होने पर इसे टॉपअप भी करना चाहिए. कारों में डिस्टिल वाटर और कूलेंट का मिक्सचर 2:1 का होता है.

Tags: Auto News, Car Bike News

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