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अपना भोजपुरिया इलाका में चैत्र मास के शुक्ल प्रतिपदा के दिने नवरात्र शुरू होला. ई बुध के दिने होते बा. लोग पहिला दिन के पूजा- व्रत करत बाड़े. कई जगहा होली के दोसरा दिन से, त ढेर जगहा पर एही नवरात्र से नया साल शुरू मानल जाला. देश के बहुते जगह एहि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के ही साल के पहिला दिन कहल जाला. चैत्र शुक्ल प्रतिपदा यानी शुक्ल पक्ष के पहिला दिन बड़ा खास होखेला. देखल जाऊ त खाली भोजपुरिया अऊर उत्तर भारत में ही नाहीं, दक्षिण के भी कई जगहा एहि दिन के साल के शुरुआत समझल जाला.
महाराष्ट्र, केरल अउर आंध्र प्रदेश आदि जगहा पर चैत्र शुक्ल प्रतिपदा साल के शुरुआत कइसे ह, देखे के बात बा. एह अधिकतर जगह पर मानल जाला कि एही दिने ब्रह्मा जी सृष्टि के रचना शुरू कइले रहनीं. कहीं-कहीं एकरा खातिर ब्रह्मा जी के पहिला अवतार के जिक्र कईल जाला. कहल जाला कि ब्रह्मा जी के सृष्टि रचना सूर्योदय के पहिलका किरण से शुरू भईल. अब ई दिन विक्रम संवत के प्रारम्भ मानि लिहल गईल बा. अइसन मानल बा कि सम्राट विक्रमादित्य के समय कईल गणना से चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के नया वर्ष मनावला के सिलसिला शुरू भईल. साल के ई गणना राशि के अनुसार कईल गईल बा.
गुडी पड़वा,उगादि अउर चेट्टीचंड….
चैत्र महिना के शुक्ल प्रतिपदा, यानी आज 22 मार्च के ही महाराष्ट्रल में गुडी पड़वा के पर्व हवे. ई उहां के नव वर्ष के प्रारम्भ हवे. महाराष्ट्र मे भी एह दिन के भगवान ब्रह्मा के ब्रह्मांड रचना से जोड़ि के देखल जाला. एही कारन एकरा के ब्रह्मध्वज भी कहल जाला. आजु के दिने मराठी इलाकन में कवनो खंबा में पीतल के बर्तन उलटा रखिके ओकरा के गाढ़ा लाल, पीअर, चाहें केसरिया रेशमी कपड़ा अउर फूल के माला से सजावल जाला. एहमें अशोक के पत्ता भी लागेला.
नाम चाहें भले अलगा होखे, उत्तर भारत अउर महाराष्ट्रे अइसन आंध्र प्रदेश में भी युग प्रारम्भ होखे के इहे दिन मनाला. एकरा के उगादि कहल जाला. उगादि के अर्थ युग के प्रारम्भ हवे अउर आंध्र के संगे तेलंगाना, कर्नाटक में भी एकरा के भगवान ब्रह्मा के सृष्टि रचना शुरू कइला से जोड़ल जाला.
एही दिने सिंधी समुदाय के लोग चेट्टीचंड उत्सव मनावेला. सिंधी लोग आजु के दिने अपना ईष्ट भगवान झूलेलाल जी के पूजा-पाठ के संगे प्रणाम कइके नया साल के शुरुआत करेला. जम्मू कश्मीर में नवरात्र के पहिला दिने ‘नवरेह’ होखेला. नवरेह संस्कृत के शब्द नववर्ष के ही दोसरका नाम हउवे. एह दिन राज्य के हिंदू लोग बड़ा उत्साह से कई तरह के आयोजन करेला.
(डिसक्लेमर – लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैंऔर उनके निजी विचार हैं.)
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