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पांव लागीं मलिकार ! बंगाल के मुखमंतरी ममता बनर्जी के कांग्रेस वाला यूपीए अब तनिको नयिखे सोहात. उनका विपक्षी दल के नया महाजोट चाहीं. यूपीए अब ना रहल- उनका ई कहला के मतलब इहे भइल कि विपक्षी दल के नया गंठजोरउल होई, जवना में अगुअई कांग्रेस के ना रही. कांग्रेस एकरा पर बिदकल बिया. ममता बनर्जी विरोधी दल के महाजोट बनावे के पख में बाड़ी, बाकिर कांग्रेस के अगुआई में बनल यूपीए उनका पसंद नइखे. बंगाल में पानी पियवला के बाद गोवा, मेघालय, असम, त्रिपुरा का संगे देस भर में ऊ कांग्रेस के बर्बाद करे के अभियान पहिलहीं से चला रहल बाड़ी. बीजेपी भी पहिलहीं से कांग्रेस मुक्त भारत के बात करत आइल बिया. हमरा त एकर मतलब इहे बुझाता मलिकार कि कांगरेस के सफाया में ममता बनर्जी बीजेपी के मदद कर रहल बाड़ी ! पांड़े बाबा आज भोरे कांगरेस पुरान लेके बइठल रहनी हां. उहां के बतकही में बड़ा रस मिलेला. एतना नीक कवनो खबर के समझाई ले कि अनपढ़ो-गंवार के माथा में दनदना के ढूक जाला. रउरा से का छिपावे के बा, हमहूं त करिया अच्छर भइंस बराबर हईं. एगो बात माने के परी कि पांड़े बाबा के बतकही सुन-सुन के अब हमरो गेयान तनी हो गइल बा.
पांड़े बाबा कहत रहुवीं कि ममता दीदी मुखमंतरी बनला के बाद पहिले पहिल दिल्ली गइली त विपक्षी दल के नेता लोग से भेंट कइली. दू दिन पहिले बंबई गइल रहली हा. ओइजा कई गो नेता आ पढ़ल-लिखल लोगन के जमात से भेंट कइली. सभका के ऊ इहे समझावे के कोसिस कइली कि भाजपा के भगावल जरूरी बा. ई तबे हो पाई, जब सगरी विपक्षी लोग एक हो के भाजपा से लड़े. एही में ऊ एगो अइसन बात कह गइली, जवना से कांगरेस के खटिया खड़ा हो जाई. कांगरेस पहिले विपक्षी दल के यूपीए बनवले रहे. ओकर सरकारो चलल. अब ममता कहत बाड़ी कि यूपीए के कवनो माने मतलब अब नइखे रह गइल. एकरा जगहा पर नया गंठजोरउल विपक्षी दल के होखे के चाहीं. ऊ घुमा फिरा के राहुल गान्ही आ सोनिया गान्ही के नीचा देखावे के इशारा कइली.
पांड़े बाबा कहत रहुवीं कि सांच बात ई बा कि ममता बनर्जी बंगाल में तीसरका बेर जीतला के बाद अब परधानमंतरी के सपना देखे लागल बाड़ी. एही से ऊ एतना छटपटाइल बाड़ी. उनका बुझाता कि कांगरेस देस के सबसे पुरान पाटी ह. विपक्ष में ऊ संगे रही त ओकरे लोग परधानमंतरी के दावेदार होई. काहें ना पहिलहीं से ओकर खटिया खड़ा क दिहल जाव. एही से ऊ देस भर में कांगरेस के कमजोर करे के कोसिस में लागल बाड़ी. ऊ दिल्ली घूम अइली, बंबई घूम अइली, अब यूपी आ अउरियो जगहा जाये के पलान बनवले बाड़ी. हवा-पानी खूबे बन्हले बाड़ी. ऊ अइसन नेता लोग से भेंट करत फिरत बाड़ी, जे अपना इलाका के बड़वर बा. शरद पवार, उद्धव ठाकरे के बेटा भा पढ़ल लिखल समाज में जावेद अख्तर, मेधा पाटकर जइसन लोग से भेंट कइली. उनकर सलाहकार कवनो परशांत किशोर बाड़े.
उहो ममता खातिर खूबे जोर लगवले बाड़े. पांड़े बाबा कहत रहुवीं कि परशांत किशोर जवना पाटी के संगे सलाहकार बन के सटेले, ओकरा के जीतवा के रहे ले. बंगाल के वोट में ऊ ममता बनर्जी के संगे रहले आ बीजेपी के सगरी कूद-फान पर पानी फेर दिहले. एकरा बाद त उनहूं के पूछ ममता के संगे बढ़ गइल बा. उनकरा बतकही के लोग भाव देबे लागल बा. थोरहीं दिन पहिले ऊ एगो अइसन बात कह दिहले रहले, जवना से हड़बोंग मचल रहले. ऊ कहले रहले कि मोदी भले परधानमंतरी ना रहस, बाकिर अगिला कई साल ले बीजेपी के हरावल-हटावल मुसकिल बा. अब त उहो ममता के संगे कांगरेस पर डेढ़-मेढ़ बोले लागल बाड़े. राहुल-सोनिया के बारे में भी उनकर बतकही सोझ नइखे होत.
कांगरेस के जनम आजादी के लड़ाई खातिर भइल आ आजादी मिलला के बाद उहे सरकार बनवलस. पांड़े बाबा कहत रहुवीं कि गान्ही बाबा कहले रहनी कि कांगरेस आजादी के लड़ाई खातिर बनल रहे. जब आजादी मिल गइल त अब ओकर कवनो मतलब नइखे. अब ओकरा के खतम क देबे के चाहीं. उनकर बात केहू ना मानल आ कांगरेस सरकार बना लिहलस. एने सात साल से दिल्ली के गद्दी पर ऊ नइखे. ओकरा पहिले त ओकरे राज रहे. सांच कहल जाव त कांग्रेस के ना, नेहरू खानदान के राज देस में रहे. एतना पुरान पाटी दिल्ली से बेदखल त भइबे कइल, जहां सगरी एस्टेट में ओकर कबो सरकार होत रहे, अब खाली छत्तीसगढ़, राजस्थान आ पंजाब में ओकर सरकार बा. महाराष्ट्र, झारखंड आ तमिलनाडु में कांग्रेस गठबंधन के सरकार में शामिल बिया. एकर एतना दुर्गत हो गइल कि अब केहू का ओकरा के हुमकी देबे भा ओकरा पर हुचुकी पारे में कवनो देर नइखे लागत. सांच कहल जाव त कांगरेस के हाल अबरा के लुगाई वाला हो गइल बा.
अगिले साल यूपी, पंजाब, गोवा, उत्तराखंड, मणिपुर, गुजरात आ हिमाचल परदेस में चुनाव होखे वाला बा. एही बीचे कांगरेस छोड़ दोसरा दल में जाये के सिलसिला शुरू हो गइल बा. कांगरेस छटपटा रहल बिया. सांच कहीं त ओकरा पर नेहरू खानदान के कब्जा अब लोग के सोहात नइखे. अगिला साल यूपी, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा, मणिपुर, हिमाचल प्रदेश में वोट बा त 2023 में राजस्थान, मध्य प्रदेश आ छत्तीसगढ़ में चुनाव होखे वाला बा. 2024 में लोकसभा के चुनाव माथा पर चढ़ले बा. कांगरेस के हाल कइसन होई, ई एही से बूझ जाये के चाहीं कि ममता बनर्जी आ शरद पवार जइसन विपक्षी नेता लोग ओकरा जड़ में नून डाले में जुट गइल बा. कांगरेस छोड़ के भागल लोग ओकर कबर खोदे में त लागले बा.
ममता के निशाना पर खाली कांगरेसे नइखे, उनका सबसे बेसी चीढ़ राहुल-सोनिया से बा. ऊ त इहो इशारा में कह दिहली कि जेतना मजबूती से बीजेपी से कांग्रेस के लीडरिशप के लड़े के चाहीं, ओतना ऊ नइखे क पावत. एह से अब कवनो यूपीए ना रह गइल. अब नया गठबंधन (बांग्ला में महाजोट) बनी. ऊ त राहुल पर इसारा में इहो कह दिहली कि कुछ अइसन पाटी बाड़ी सन, जवना के नेता लोग कुछो नइखे करत. आधा टाइम त ओकर विदेस घूमे में बीतत बा. जे खाली अपने बारे में सोची, ऊ बीजेपी के कइसे हरा पाई. ममता के सुर में सुर मिला के उनकर सलाहकार परशांत किशोर कहले बाड़े कि जवन पाटी दस साल में 90 परसेंट चुनाव हार गइल होखे, ओकर नेता विपक्षी दल के गठबंधन के नेता कइसे हो सकेला. एकर माने साफ बा कि राहुल-सोनिया के कबूल करे के विपक्षी लोग तैयार नइखे. ममता आ उनकर सलाहकार के एह तरह के बतकही पर कांगरेस के नेता लोग बिदकल बा. मने मन कुरबुराता.
जवन होखे, हमरा त सगरी बतकही सुनला के बाद इहे बुझउवे मलिकार कि कांगरेस के साफ करे में फूल छाप पाटी पहिलहीं से लागल रहल हिया. अब ममता भी ओही काम में लाग गइल बाड़ी. माने भाजपा के मनसा पूरा करे में ऊ घुमा-फिरा के मददे करत बाड़ी. एही के नू कहल जाला- जवन रोगिया के भावे, उहे बैदा फरमावे !
राउर, मलिकाइन
(ओमप्रकाश अश्क स्वतंत्र पत्रकार हैं. आलेख में व्यक्त विचार उनके निजी हैं)
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