होम /न्यूज /बिहार /औरंगाबाद देव सूर्य मंदिर: सूर्य कुंड में स्नान से ठीक हो गयी थी राजा ऐल की ये गंभीर बीमारी! जानें सूर्य नगरी की धार्मिक मान्यताएं

औरंगाबाद देव सूर्य मंदिर: सूर्य कुंड में स्नान से ठीक हो गयी थी राजा ऐल की ये गंभीर बीमारी! जानें सूर्य नगरी की धार्मिक मान्यताएं

औरंगाबाद सूर्य मंदिर में मेले की तैयारी पूरी.

औरंगाबाद सूर्य मंदिर में मेले की तैयारी पूरी.

Bihar News:औरंगाबाद के सूर्यनगरी देव में 4 दिवसीय छठ मेले की आज से शुरुआत हो रही है. इसको लेकर प्राचीन सूर्य मंदिर तथा ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

औरंगाबाद के देव में 4 दिवसीय छठ मेले की आज से होगी शुरुआत.
प्राचीन सूर्य मंदिर तथा पवित्र सूर्य कुण्ड सज- धज कर हुआ तैयार.
व्रतियों के स्वागत को लेकर जिला प्रशासन ने की सारी तैयारियां पूरी.
डीएम सौरभ जोरवाल ने कहा-श्रद्धालुओं को नहीं होगी कोई दिक्कत.

रिपोर्ट-संजय सिन्हा
औरंगाबाद.
लोक आस्था के महापर्व छठ के मौके पर औरंगाबाद की सूर्यनगरी देव में लगने वाले चार दिवसीय चैती छठ मेले की आज से शुरुआत हो जाएगी. छठ व्रतियों तथा श्रद्धालुओं के स्वागत को लेकर जिला प्रशासन ने अपनी सारी तैयारियां पूरी कर ली हैं. वहीं, देव का पौराणिक सूर्यमंदिर और उसके साथ साथ पवित्र सूर्यकुंड भी सज- धजकर तैयार हो चुका है.

डीएम सौरभ जोरवाल खुद इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं. छठ पूजन में व्रतियों को कोई तकलीफ नहीं हो, इसे लेकर हर पहलू पर नजर रखी जा रही है और जहां जैसी जरूरत महसूस की जा रही है, उसे अमल में लाया जा रहा है. जिलाधिकारी ने बताया कि व्रतियों की सुविधा के लिए इस बार कुछ बदलाव किए गए हैं. सूर्य मंदिर तथा सूर्य कुंड तालाब तक जाने-आने के लिए नया मार्ग भी तैयार कराया गया है ताकि भीड़ को नियंत्रित रखा जा सके.

विदित हो कि देव में जो प्राचीन सूर्य मंदिर है वह त्रेतायुगीन है, जिसका जिक्र प्राचीन धर्म ग्रंथों में भी है. इसे राजा इला के पुत्र ऐल ने बनवाया था, जो कुष्ठ रोग से ग्रसित थे.धार्मिक ग्रंथों में ऐसा उल्लेख है कि इसी सूर्य कुण्ड में स्नान करने से राजा ऐल का कुष्ठ रोग समाप्त हो गया था. जिसके बाद ऐल ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था.

यहां भगवान भास्कर अपने तीनों यानी उदयाचल, मध्याचल तथा अस्ताचलगामी स्वरूपों में विराजमान हैं और ये मूर्तियां भी उसी सूर्य कुण्ड में दबी पड़ी मिली थीं. ऐसी मान्यता है कि देव पहुंचकर जो कोई भी सच्चे मन से भगवान भास्कर को पूजा अराधना करता है. सूर्यनारायण उसकी मनोकामना अवश्य पूरी करते हैं.

हालांकि,पुरातत्वविदों के मुताबिक यह मंदिर सातवीं शताब्दी का है और इसे सुरक्षित रखने के लिए इसके संरक्षण की दरकार है. बहरहाल, व्रतियों के स्वागत को लेकर जिला प्रशासन ने सारी तैयारियां पूरी कर ली हैं और डीएम सौरभ जोरवाल ने श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होने के लिए आश्वस्त किया है.

Tags: Aurangabad, Bihar Chhath Puja, Bihar News, Chhath Mahaparv, Chhath Puja

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