अभिषेक कुमार
बांका. सरकारें सड़क बनाती हैं, लेकिन जल-जमाव के कारण कुछ साल बाद ही यह खराब या टूट-फूट जाती है. यह समस्या खास कर दलदली इलाकों में ज्यादा देखने को मिलती है. इसको देखते हुए अब बिहार की सड़कों को नैनो टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर बनाया जाएगा. बांका में इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर शहर की ओर से जमदाहा तक रोड का निर्माण कराया जा रहा है. बांका जिला मुख्यालय से संथाल परगना को जोड़ने के लिए जमदाहा होते हुए नई सड़क बनाई जा रही है. इसमें से 15 किलोमीटर तक यानी बांका शहर से जमदाहा तक नैनो टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रोड का निर्माण कराया जा रहा है.
पांच किलोमीटर बसावट वाले इलाके में पीसीसी रोड बनेगा. 20 किलोमीटर लंबी इस सड़क के निर्माण पर 23 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे. इसमें से एक किमी रोड का काम पूरा हो गया है. इस रोड के बनने से देवघर से बांका सीधे जुड़ जाएगा. साथ ही, इससे पांच किमी दूरी भी घट जाएगी. पीडब्ल्यूडी के कार्यपालक अभियंता श्रीकांत शर्मा ने बताया कि सरकार की ओर से यह निर्देश है कि इस सड़क में नई तकनीक का उपयोग किया जाए. इसके तहत ही नैनो टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है.
बांका में ट्रायल सफल रहा तो राज्य में होगा लागू
उन्होंने बताया कि इस तकनीक में रोड के बेस को गिट्टी, सीमेंट और मिट्टी के साथ तैयार किया जाता है. इससे रोड में गिट्टी का इस्तेमाल 70 प्रतिशत तक घट जाता है. बिहार में नैनो टेक्नोलॉजी इस्तेमाल कर बनाई जाने वाली यह पहली सड़क है. बांका में ट्रायल सफल रहने के बाद इसे राज्य के दूसरे हिस्से में इस्तेमाल किया जाएगा. यह टेक्नोलॉजी दलदली भूमि पर रोड बनाने के लिए उपयुक्त है. इससे कम लागत में बेहतर और टिकाऊ सड़क का निर्माण होगा. लगातार बारिश होने के बाद भी पानी सड़क में आसानी से नहीं रिसेगा. साथ ही प्रति किलोमीटर निर्माण लागत में चार से पांच लाख रुपये तक की कमी भी आएगी.
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