सांसद विवेक ठाकुर से हुई गफलत, खाद मंत्री का लेटर भेजा खाद्य मंत्री के दफ्तर, जानें पूरा माजरा

पत्र में हुई गड़बड़ी के बाद सांसद विवेक ठाकुर ने ट्विटर पर सफाई दी. (pic courtesy-@_vivekthakur )
Begusarai News: राज्यसभा सांसद विवेक ठाकुर (Vivek Thakur) ने बेगूसराय जिले के बरौनी खाद कारखाने का नामकरण डाॅ. श्रीकृष्ण सिंह के नाम करने को लेकर एक पत्र खाद मंत्री की बजाय खाद्य मंत्री को भेज दिया. गड़बड़ी समझ में आने पर उन्होंने ट्वीट कर सफाई भी दी.
- News18 Bihar
- Last Updated: January 21, 2021, 10:07 PM IST
बेगूसराय. राज्यसभा सांसद विवेक ठाकुर (Vivek Thakur) ने बेगूसराय जिले के बरौनी खाद कारखाने का नामकरण डाॅ. श्रीकृष्ण सिंह के नाम करने को लेकर एक पत्र केंद्रीय खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल को भेजा. इस खत को उन्होने अपने ट्विटर (Twitter) अकाउंट पर भी यह शेयर कर दिया. मामला खाद कारखाने के नामकरण का था, इसलिए विवेक ठाकुर को यह पत्र केंद्रीय रसायन व उर्वरक मंत्री सदानंद गौड़ा को भेजना चाहिए था. कुछ ही देर में सांसद विवेक ठाकुर को अपनी गलती का अहसास हुआ तो उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि 'खाद्य' की जगह खाद व उर्वरक पढ़ा जाए.
दरअसल, बिहार के बेगुसराय जिले में बरौनी खाद कारखाने के निर्माण की मंजूरी केंद्र सरकार से जनवरी 1967 में मिली. 350 एकड़ में बने इस कारखाने का शिलान्यास मई 1970 में तत्कालीन राज्यपाल नित्यानंद कानूनगे ने किया. कारखाने का उद्घाटन नवंबर 1976 में तत्कालीन केंद्रीय उद्योग राज्य मंत्री एपी शर्मा ने किया. 2002 में उत्पादन बंद होने का हवाला देकर इस खाद कारखाने को बंद करने की घोषणा कर दी गई.
तो इस वजह से सांसद ने लिखा था खत
खाद कारखाने के पुनर्निर्माण की घोषणा 2015 में मोदी सरकार में रसायन व उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने किया था. 31 मार्च 2016 को केंद्रीय कैबिनेट से कारखाने को दोबारा शुरू करने की मंजूरी भी मिल गई थी. कारखाने के पुनर्निर्माण का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर चुके हैं. यह खाद कारखाना पूरी तरह से प्राकृतिक गैस पर आधारित होगा.ये भी पढ़ें: Ayodhya News: राम मंदिर निर्माण की हलचल तेज, तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का दावा- जल्द होगा डिजाइन पर फैसला
विवेक ठाकुर का कहना है कि बिहार के पहले मुख्यमंत्री डाॅ. श्रीकृष्ण सिंह की कोशिशों से यह खाद कारखाना बना था. लिहाजा, जनभावनाओं का ख्याल रखते हुए कारखाने का नामकरण डाॅ. श्रीकृष्ण सिंह बरौनी खाद कारखाना किया जाना चाहिए.
दरअसल, बिहार के बेगुसराय जिले में बरौनी खाद कारखाने के निर्माण की मंजूरी केंद्र सरकार से जनवरी 1967 में मिली. 350 एकड़ में बने इस कारखाने का शिलान्यास मई 1970 में तत्कालीन राज्यपाल नित्यानंद कानूनगे ने किया. कारखाने का उद्घाटन नवंबर 1976 में तत्कालीन केंद्रीय उद्योग राज्य मंत्री एपी शर्मा ने किया. 2002 में उत्पादन बंद होने का हवाला देकर इस खाद कारखाने को बंद करने की घोषणा कर दी गई.
तो इस वजह से सांसद ने लिखा था खत
खाद कारखाने के पुनर्निर्माण की घोषणा 2015 में मोदी सरकार में रसायन व उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने किया था. 31 मार्च 2016 को केंद्रीय कैबिनेट से कारखाने को दोबारा शुरू करने की मंजूरी भी मिल गई थी. कारखाने के पुनर्निर्माण का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर चुके हैं. यह खाद कारखाना पूरी तरह से प्राकृतिक गैस पर आधारित होगा.ये भी पढ़ें: Ayodhya News: राम मंदिर निर्माण की हलचल तेज, तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का दावा- जल्द होगा डिजाइन पर फैसला
विवेक ठाकुर का कहना है कि बिहार के पहले मुख्यमंत्री डाॅ. श्रीकृष्ण सिंह की कोशिशों से यह खाद कारखाना बना था. लिहाजा, जनभावनाओं का ख्याल रखते हुए कारखाने का नामकरण डाॅ. श्रीकृष्ण सिंह बरौनी खाद कारखाना किया जाना चाहिए.