भागलपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस के अजित शर्मा ने भारतीय जनता पार्टी के रोहित पांडेय को 1,113 मतों से हराया. भागलपुर विधानसभा में हमेशा से चुनाव में वोटिंग धर्म और जाति के आधार पर होने की बातें कही जाती है लेकिन कोरोना काल में हो रहे इस बार के चुनाव में कुछ खास होने की उम्मीद जताई जा रही है.
की सात विधानसभा सीटों में तीन सीट (सुल्तानगंज, नाथनगर, गोपालपुर) पर जदयू, दो (भागलपुर, कहलगांव) पर कांग्रेस व दो (बिहपुर, पीरपैंती) पर राजद का कब्जा है. बांका जिले की पांच सीटों में दो (बेलहर, कटोरिया) पर राजद, दो (अमरपुर, धोरैया) पर जदयू एवं बांका पर भाजपा के विधायक है. 2019 में नाथनगर सीट पर हुए उपचुनाव में जदयू ने अपनी इस सीट को बचा लिया था, पर बेलहर की सीट को राजद ने जदयू से छीन लिया.
भागलपुर विधानसभा सीट का समीकरण इस बार बदला-बदला दिख रहा है. इस सीट पर वर्तमान में कांग्रेस का कब्जा है और अजीत शर्मा विधायक हैं. ऐसे में उनका चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है. सबसे अधिक माथापच्ची एनडीए में है. भाजपा, जदयू व लोजपा के कई दावेदार इस बार मैदान में उतरने को बेताब हैं. इनमें अधिकतरयुवा चेहरे हैं. सब अपने-अपने आका के संपर्क में हैं. वैसे, यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन बाजी मारता है. फिलहाल तो सब कुछ संभावनाओं पर ही टिका है.
इस जिले की अर्थव्यवस्था कृषि और छोटे व्यवसाय पर निर्भर है. गंगा के मैदानी क्षेत्र होने के कारण जिले की मिट्टी बहुत उपजाऊ है. जिले में उगाए जाने वाले प्रमुख फसलें हैं.
इस जिले को बिहार का रेशम नगरी या सिल्क सिटी ऑफ बिहार कहा जाता है. ये जिला रेशम उद्योग के कारण पूरे भारत में प्रसिद्ध है. यहां रेशम के कीड़े द्वारा प्रसिद्ध तसर रेशम का उत्पादन होता है. तसर रेशम से बनी सारी और भागलपुरी साड़ी विश्व भर में प्रसिद्ध है.
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FIRST PUBLISHED : September 23, 2020, 19:39 IST