शाम के 7 बजे कमांडर का फोन आया और घर में कोहराम मच गया

शहीद रतन ठाकुर के परिजन
सात बजे शाम को कंपनी कमांडर का फोन आया. उन्होंने रतन का फोन नम्बर मांगा. पिता और पत्नी का नाम पूछा और उनके शहीद होने की खबर दी.
- News18 Bihar
- Last Updated: February 15, 2019, 9:08 AM IST
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में शहीद हुए 37 जवानों में बिहार के दो सपूत भी शामिल हैं. मसौढ़ी के संजय कुमार सिन्हा और भागलपुर के कहलगांव निवासी रतन कुमार ठाकुर ने देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए. भागलपुर के कहलगांव के मूल निवासी शहीद रतन कुमार ठाकुर सीआरपीएफ की 45वीं बटालियन में तैनात थे.
घर में पत्नी राजनंदिनी देवी और चार साल का बेटा कृष्णा है. राजनंदिनी फिर से मां बनने वाली हैं. पिता निरंजन कुमार ठाकुर ने कहा शाम को बेटे के फोन का इंतजार हो रहा था तब तक उधर से सात बजे शाम को कंपनी कमांडर का फोन आया.
ये भी पढ़ें- बेटी की शादी तय करने के लिए घर आने वाले थे शहीद संजय
उन्होंने रतन का फोन नम्बर मांगा. पिता और पत्नी का नाम पूछा और उनके शहीद होने की खबर दी. खबर के सुनते ही पूरे घर में कोहराम मच गया.
शहीद रतन कुमार ठाकुर का परिवार मूल रूप से कहलगांव के आमंडंडा थाना के रतनपुर गांव का रहने वाला है. लेकिन अभी भागलपुर शहर के लोदीपुर मोहल्ले में किराए के मकान में रहता है.
रिपोर्ट- राहुल ठाकुर
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घर में पत्नी राजनंदिनी देवी और चार साल का बेटा कृष्णा है. राजनंदिनी फिर से मां बनने वाली हैं. पिता निरंजन कुमार ठाकुर ने कहा शाम को बेटे के फोन का इंतजार हो रहा था तब तक उधर से सात बजे शाम को कंपनी कमांडर का फोन आया.
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शहीद रतन कुमार ठाकुर
शहीद रतन कुमार ठाकुर का परिवार मूल रूप से कहलगांव के आमंडंडा थाना के रतनपुर गांव का रहने वाला है. लेकिन अभी भागलपुर शहर के लोदीपुर मोहल्ले में किराए के मकान में रहता है.
रिपोर्ट- राहुल ठाकुर
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