भागलपुर. नाथनगर में सिलसिलेवार तरीके से बम मिलने की घटना को लेकर पुलिस मुख्यालय सतर्क नजर आ रहा है. ADG पुलिस मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार के मुताबिक इस मामले की गंभीरता को देखते हुए भागलपुर की SSP नताशा गुड़िया खुद इस पूरे मामले की जांच कर रही हैं ताकि घटना के पीछे जिन अपराधियों का हाथ है, या फिर यह कोई आतंकी साजिश है, इसका खुलासा हो सके. वैसे ADG मुख्यालय जितेंद्र कुमार कहते हैं कि जांच के बाद ही सही नतीजे पर पहुंचा जा सकता है. दरअसल ऐसी घटना होने पर कई तरह के सवाल खड़े होते हैं ऐसे में बिना गहराई से जांच किए किसी भी नतीजे पर पहुंचना सही नहीं है.
रक्षा विशेषज्ञ ललन सिंह का कहना है कि भागलपुर और आसपास में बमों का मिलना और धमाके होना किसी बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रही है. इतना ही नही ललन सिंह टिफिन बम के कनेक्शन को इंडियन मुजाहिदीन से भी जोड़कर देख रहे हैं. इनका कहना है कि आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और झारखंड के रास्ते मछली के ट्रकों से विस्फोटक पहुंच रहा है. झारखंड में ट्रक पकड़ा गया है जो भागलपुर आ रहा था. यह भी चिंता पैदा कर रहा है.
रक्षा विशेषज्ञ ललन सिंह यह भी कहते हैं कि केन बम की क्षमता उसके अंदर विस्फोटक की मात्रा पर निर्भर करता है. केन बम चूंकि रेलवे ट्रैक के पास मिला है, उसकी क्षमता ज्यादा हो सकती है. क्योंकि केन बम को क्षमता के अनुसार बनाया जाता है जितनी जिसको जरूरत होती है. हालांकि यह जांच का विषय है की बरामद बमों की क्षमता कितनी है. ललन सिंह यह भी कहते हैं कि दिल्ली के रोहिणी कोर्ट और पटना के खेमनीचक और बांका में पहले भी केन बम बरामद किया जा चुका है. जिसको लेकर हमें सतर्क रहने की जरूरत है.
गौरतलब है कि 13 दिसंबर को नाथनगर क्षेत्र में बम विस्फोट की तीसरी घटना थी. इससे पहले भी भागलपुर के नाथनगर में ही बीते दिनों पहले जमालपुर रेल खंड के रेलवे ट्रैक के पर बम ब्लास्ट हुआ था, जिसमें एक बच्चें की मौत हुई थी. वहीं दूसरा बम ब्लास्ट 11 दिसंबर को हुआ था जिसमें 2 बच्चे बुरी तरह से घायल हो गए थे उसके बाद तीसरा बम ब्लास्ट सोमवार को हुआ था और मंगलवार को दो जिंदा बम बरामद किया गया है. इस मामले में पकड़े गए आरोपी धर्मेंद्र राम और विकास राम से पुलिस लगातार पूछताछ कर रही है.
पुलिस मुख्यालय के सूत्रों से मिली अहम जानकारी के मुताबिक बांका, दरभंगा और अब भागलपुर ब्लास्ट को एक दूसरे से जोड़कर देखा जा रहा है. खुफिया विभाग से जुड़े आधिकारिक सूत्र यह भी बताते हैं कि बिहार का सीमांचल मिथिलांचल इलाका अब आतंकियों के लिए सेफ जोन माना जाने लगा है. पहले भी कई आतंकियों को बिहार से गिरफ्तार किया गया है.. IM, ISI और लश्कर के द्वारा देश के आंतरिक सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश पहले भी की गई है और अब एक बार फिर से आशंका जताई जा रही है कि बिहार एक बार फिर से आतंकियों के राडार पर है. सुरक्षा विशेषज्ञ बताते हैं कि ये घटनाएं महज एक ट्रायल हैं क्योंकि बांग्लादेश और नेपाल के रास्ते आसानी से आतंकी देश में इंट्री कर लेते हैं.
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