रिपोर्ट- शिवम सिंह
भागलपुर. आजकल के कैदी इतने स्मार्ट हो गए हैं कि मोबाइल जेल में लाने के एक से एक तरकीब ढूंढते रहते हैं. पर पुलिस इनसे ज्यादा स्मार्ट है. ताजा मामला नवगछिया अनुमंडल कारा के एक विचाराधीन बंदी का है. व्यवहार न्यायालय में पेशी के बाद लौटते वक्त अपने मल द्वार में मोबाइल व चार्जर केवल छिपाकर उपकारा में प्रवेश करने का प्रयास किया. लेकिन मेटल डिटेक्टर से जांच के बाद जेल के वरीय पदाधिकारियों के आदेश पर अनुमंडलीय अस्पताल में बंदी का एक्सरे कराया गया, तो पता चला कि बंदी के मलाशय (रेक्टम) में मोबाइल और चार्जर का केबल है.
शौच करवाकर मोबाइल और चार्जर का दो केबल निकाला
इसके बाद चिकित्सकों के प्रयास से शौच करवाकर मोबाइल व चार्जर का दो केबल निकाला गया. विचाराधीन बंदी नवगछिया थाना क्षेत्र के महद्दतपुर निवासी रहीम आलम है. यह कैदी रकम लेन-देन के मामले में लगभग 6 माह से अनुमंडल कारा में है. सोमवार को रहीम पेशी के लिए दोपहर करीब 12 बजे अनुमंडल कारा से नवगछिया न्यायालय गया था. जहां कुछ देर के लिए उसे कोट हाजत में भी रखा गया था. शाम साढ़े चार बजे उसे पुनः जेल में प्रवेश करने के लिए जेल गेट पर लाया गया. जहां तलाशी के क्रम में मेटल डिटेक्टर से चेक करने पर पता चला कि उक्त बंदी के पास धातू का कुछ सामान है. लेकिन तलाशी के बाद भी सुरक्षाकर्मियों को कुछ नहीं मिल पा रहा था. एक्स-रे कराने पर मोबाइल व चार्जर के दो केबल पाए गए.
कैदी ने बताया हाजत में मोबाइल और चार्जर उसे मिला
कैदी ने बताया कि हाजत में मोबाइल और चार्जर उसने लावारिस अवस्था में देखा तो खा लिया था. तीनों समान मलाशय में फंसा हुआ था. जबकि चिकित्सकों ने बताया की संभावना है कि मल द्वार के रास्ते से ही सामानों को मलाशय तक पहुंचाया गया होगा.मुख के रास्ते समान मलाशय तक आने में काफी वक्त लगता है. नवगछिया अनुमंडल कारा के जेल अधीक्षक तारीक अनवर से जब इस मामले पर फोन से बात की गई तो उन्होंने इसकी पुष्टि की है.
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