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OMG! यहां हर दिन 30 हजार कुल्हड़ वाली चाय पी जाते हैं लोग, मांग पूरी करने की खातिर दिन भर चाक चलाते हैं कुम्हार

कुछ समय पहले तक लोग शौकिया तौर पर कुल्हड़ में चाय पीते थे, लेकिन अब दुकानदार कुल्हड़ में ही चाय बेचने लगे हैं. ग्राहक भी ...अधिक पढ़ें

    आलोक कुमार भारती

    भोजपुर. प्लास्टिक के कप में चाय पीने से होने वाले नुकसान के खुलासे के बाद अब कुल्हड़ में चाय पीने का चलन तेजी से बढ़ रहा है. कुछ समय पहले तक लोग शौकिया तौर पर कुल्हड़ में चाय पीते थे, लेकिन अब दुकानदार कुल्हड़ में ही चाय बेचने लगे हैं. ग्राहक भी इसमें चाय पीना पसंद करने लगे हैं. सबसे अच्छी बात यह है कि कुल्हड़ की सौंधी सुगंध चाय के टेस्ट को और भी बढ़ा देता है. बिहार के भोजपुर जिले में पहले प्रतिदिन 250-300 कप कुल्हड़ वाली चाय की बिक्री होती थी, मगर अब रोजाना यहां लगभग 30 हजार कप कुल्हड़ वाली चाय की बिक्री हो रही है. लोग चाय की चुस्की लेने के लिए चाय की दुकानों पर पहुंच रहे हैं.

    कुम्हार दुखन पंडित ने बताया कि सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक से बने कप के इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी है. इस वजह से कुल्हड़ की चाय की मांग तेजी से बढ़ी है. ग्राहकों की मांग को देखते हुए दुकानदार इसकी उपलब्धता सुनिश्चित करने में लगे हुए हैं. इससे हमलोगों को संजीवनी मिल गई है. पहले लोग सिर्फ दीपावली पर दीए व मिट्टी के बर्तन की मांग करते थे, लेकिन अब कुल्हड़ व अन्य बर्तन बनाकर परिवार का भरण-पोषण करते हैं. प्लास्टिक और कागज के ग्लासों की तुलना में अब लोग कुल्हड़ में चाय पीना ज्यादा पसंद कर रहे हैं. इससे कुम्हारों की मिट्टी के बर्तन बनाने का कारोबार एक बार फिर से पटरी पर आ गया है.

    80 रुपए सैकड़ा दुकानदार को देते हैं कुल्हड़

    मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कुम्हार समाज की माने तो एक ट्रॉली मिट्टी तालाब से निकालने में मजदूरी-भाड़ा आदि मिलाकर लगभग 3,500 रुपये का खर्च आता है. वहीं, कुल्हड़ बनाकर आग में पकाने का खर्च अलग है. कुम्हार 80 पैसे की लागत के हिसाब से दुकानदार को कुल्हड़ बेचते हैं. दुखन पंडित ने बताया कि पहले हर प्रखंड में चुनिंदा दुकान हुआ करती थी, जहां कुल्हड़ वाली चाय मिलती थी. इन जगहों पर अब अमूमन हर कोई कुल्हड़ में ही चाय की मांग करता है.

    जिले के कोइलवर स्थित चाय दुकानदार राजा ने बताया कि कुछ साल पहले तक वो प्लास्टिक और कागज के कप में ग्राहकों को चाय देते थे, लेकिन बीते कुछ वर्षों से कुल्हड़ की चाय की मांग तेजी से बढ़ी है. इसलिए अब वो कुल्हड़ में ही चाय बेचते हैं. उन्होंने बताया कि कुल्हड़ की चाय बेचने से जहां उनका फायदा होता है, वहीं कुम्हार समाज को भी इसका लाभ होता है.

    Tags: Bhojpur news, Bihar News in hindi, OMG News, Street Food, Tea

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