रिपोर्ट: आलोक कुमार भारती
भोजपुर. कोरोना से उबरने के बाद इस बार दीपावली को लेकर सिर्फ ऑटोमेबाइल, ज्वेलर्स या होम अप्लायंस के दुकानदार ही उत्साहित नहीं हैं, बल्कि पर्व-त्योहारों के आने के इंतजार में रहने वाले कारीगर भी धनवर्षा होने की उम्मीद हैं. दीपावली और काली पूजा को लेकर कई मंदिरों में प्रतिमा का भी निर्माण किया जाता है. ऐसे में इस बार उन मूर्तिकारों को भी खूब ऑर्डर मिले हैं. इन ऑर्डरों को समय पर पूरा करने के लिए मूर्तिकार भी परिवार समेत काम में जुटे हुए हैं. आरा शहर के धरहरा, कोइलवर समेत कई इलाकों में ऐसे मूर्तिकार दिन-रात मेहनत कर भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की प्रतिमाओं को अंतिम रूप दे रहे हैं.
मूर्ति के अनुसार रखा गया रेट
मूर्तिकार प्रेमचंद भगत ने बताया कि पिछले साल की अपेक्षा इस वर्ष प्रतिमाओं की मांग बढ़ी है. कोरोना काल के दौरान हमारी कमर टूट गई थी. लेकिन इस वर्ष अच्छा ऑर्डर मिला है. हमारे पास 2 हजार से लेकर 9 हजार रुपए तक की प्रतिमा है. लगातार ऑर्डर बढ़ रहा है. इससे ऐसा मसहूस हो रहा है कि इस बार दीपावली पर उनके घर भी धन की वर्षा होगी. इन्होंने बताया कि मिट्टी से बनाई जा रही मूर्तियों पर रंग-रोगन का काम भी शुरू हो गया है. जो मूर्तियां तैयार हो गई हैं, उन्हें सुखाया जा रहा है, ताकि उनका रंग निखर सके. इन कारीगरों के साथ उनके परिवार की महिलाएं और बच्चे भी मूर्ति बनाने के कार्य में उनका हाथ बंटा रहे हैं.
क्या कहते हैं पुजारी
पुजारी बुधन बाबा बताते हैं कि दीपावली के त्यौहार पर मिट्टी से निर्मित लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों का पूजन करना शुभ माना जाता है. लोगों को मिट्टी से बनाई गई मूर्तियों का ही पूजन करना चाहिए.
इन्हीं मान्यताओं को देखते हुए इस बार मिट्टी से निर्मित लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों की मांग काफी बढ़ी हुई है.
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