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Buxer News : प्रगतिशील किसान के साथ शिक्षक भी हैं मंटू राय, 4 एकड़ में कर रहे हैं पपीते की खेती

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मंटू राय चार एकड़ में पपीते की खेती कर सालाना कमा रहे हैं 16 लाख रुपए 

शिक्षक सह किसान मंटू राय ने बताया कि खेत की कमी के कारण इस बार पपीते की खेती 4 एकड़ में ही किया है.रेड बेबी और रेड लेडी ...अधिक पढ़ें

रिपोर्ट- गुलशन सिंह

बक्सर. जिले के किसान मंटू राय किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. मंटू राय हमेशा बड़े पैमाने पर तकनीकी खेती कर क्षेत्र में लोगों के लिए प्रेरणा बने रहते है. मंटू राय एक सरकारी शिक्षक भी है और शिक्षा के साथ- साथ कृषि कार्य भी करते हैं.

मंटू राय मूल रूप से जिले के डुमरांव के रहने वाले हैं. उन्होंने डुमरेजनी मंदिर के पास 4 एकड़ में पपीते की खेती की है. मंटू राय ने बताया कि पपीता की खेती कर सालाना 16 लाख तक मुनाफा कमा रहे हैं. उन्होंने बताया कि वे पपीता की खेती पिछले 5 सालों से करते आ रहे हैं. शुरुआत में 6 एकड़ में पपीते की खेती की थी. खेती में अच्छा मुनाफा हुआ तो इसकी खेती हर साल करने लगे.

प्रति एकड़ डेढ़ लाख तक आती है लागत

शिक्षक सह किसान मंटू राय ने बताया कि खेत की उपलब्धता कम होने के कारण इस बार पपीते की खेती 4 एकड़ में ही किया है. उन्होंने बताया कि रेड बेबी और रेड लेडी नस्ल के पपीते की खेती कर रहे हैं. इसकी खासियत यह है कि यह फल अच्छा देता है.

साथ ही इसका वजन भी अच्छा रहता है और स्वाद भी मीठा रहता है. उन्होंने बताया कि 1 एकड़ में 1.20 से 1.50 लाख तक लागत आता है जबकि मुनाफे की बात करें तो प्रति एकड़ तीन से चार लाख सालाना बचत हो जाता है. उन्होंने बताया कि एक पपीता का पौधा 1 क्विंटल से अधिक फल देता है. इसका बाजार भी अच्छा है और बाजार में इसको रेट भी बेहतर मिल जाती है.

एक पपीते का 4 से 5 किलो होता है वजन

मंटू राय ने बताया कि अधिकतम एक पपीता का वजन 4 से 5 किलो तक होता है. वैसे बहुत सारे ऐसे भी पपीते होते हैं जिनका वजन 2 से ढाई केजी तक जाता है. उन्होंने बताया कि इसका बीज महाराष्ट्र से और मध्य प्रदेश से मंगावाते हैं. उन्होंने बताया कि पपीता की खेती फरवरी व मार्च के महीने में होती है और अप्रैल में फल आना शुरू हो जाता है. वहीं अगस्त माह तक पपीता पकने लगता है जो अगले 6 महीने तक लगातार फलता है. उन्होंने बताया कि कुल मिलाकर खेत में डेढ़ साल तक पपीता लगा रहता है.

पपीता की खेती में आमदनी की है अपार संभावनाएं

किसान मंटू राय ने बताया कि पपीता की खेती एक अच्छा व्यवसाय है. इसमें लागत के मुताबिक मुनाफा डबल होता है. उन्होंने बताया कि अगले साल इसकी खेती और बड़े पैमाने पर करेंगे. इस दौरान उन्होंने नए किसानों से कहा कि इस खेती से जुड़ कर अच्छा मुनाफा कमाया सकते हैं. इसमें कमाई की अपार संभावनाएं हैं.

वहीं उन्होंने बताया कि नुकसान की बात करें तो इसमें वायरस जनित रोग का खतरा बना रहता है, लेकिन इससे बचा लेने पर पपीते की खेती अच्छी होती है. उन्होंने बताया कि जंगली जीवों से पपीते को बचाने के लिए खेत की फेंसिंग करवाया है. उन्होंने बताया कि अपने यहां 5 मजदूरों को परमानेंट नौकरी पर रखा है. मजदूर को 17 हजार तक प्रतिमाह वेतन देना पड़ती है.

Tags: Bihar News, Buxar news

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