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जया किशोरी को टक्कर दे रही हैं वृदांवन से आई ये कथावाचिका, कथा सुनने के लिए लिए दूर-दूर से पहुंच रहे लोग

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बक्सर

बक्सर में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का हो रहा है आयोजन 

कथावाचिका साध्वी प्रेमा भक्ति ने कहा कि भागवत कथा से कल्याणकारी और कोई भी साधन नहीं है.व्यस्त जीवन से समय निकालकर कथा क ...अधिक पढ़ें

गुलशन सिंह/बक्सर. देश की प्रसिद्ध कथावाचिका जया किशोरी की तरह श्रीमद्भागवत कथा करने वाली वृंदावन की साध्वी प्रेमा भी इन दिनों में कथा सुना रही है. जहां हर दिन श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. यह कार्यक्रम सदर प्रखंड के हरिकिशुनपुर गांव के मां काली मंदिर के प्रांगण में पिछले चार दिनों से चल रही है. वहीं आयोजन समिति के सदस्य रवि पांडेय ने बताया कि पूरे गांव के सहयोग से मां काली मंदिर परिसर में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन हो रहा है.

वहीं इस आयोजन को सफल बनाने में गांव के मिश्रा परिवार का अहम योगदान मिल रहा है. उन्होंने बताया कि यह परिवार गांव पर न रहते हुए भी इस धार्मिक आयोजन में अपना भरपूर सहयोग दिया है. प्रभात मिश्रा कोलकाता में रहते हुए श्रीमद्भागवत कथा के लिए बड़ी धनराशि दान दिया है. जिससे यज्ञ को सम्पन्न कराने में काफी सहूलियत मिली है. इसके अलावा गांव के अन्य लोग भी सराहनीय योगदान दे रहे हैं.

प्रसिद्ध कथावाचिका जया किशोरी को टक्कर दे रही साध्वी प्रेमा
आयोजन समिति के सदस्य महावीर पांडेय ने बताया कि श्रीमद्भागवत कथा से पूरे गांव का वातावरण भक्तिमय हो गया है. उन्होंने बताया कि भगवान की कथा श्रवण कराने के लिए वृंदावन से आई साध्वी प्रेमा भक्ति के मुखारविंद से श्रीमद्भागवत कथा का अमृत पान प्रतिदिन भारी संख्या में ग्रामीण कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि देश की प्रसिद्ध कथावाचिका जया किशोरी की तरह हीं साध्वी प्रेमा भगवान की लीलाओं का विस्तार से वर्णन कर रही है. यही कारण है कि दूर-दूर से भारी संख्या में महिला व पुरुष श्रद्धालु यहां पहुंचकर हरिनाम का रसपान कर रहे हैं. वही व्यवस्थाओं को संभाल रहे डॉ. मनोज पांडेय, शैलेश पांडेय,कैलाश पति पांडेय तथा विजय खरवार ने बताया कि सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ विगत 20 मई से शुरू है. इस दौरान प्रतिदिन शाम को 5 बजे से रात 8 बजे तक कथा का आयोजन हो रहा है.

पांचवा वेद है श्रीमद्भागवत
कथावाचिका साध्वी प्रेमा भक्ति ने कहा कि भागवत कथा से कल्याणकारी और कोई भी साधन नहीं है. इसलिए व्यस्त जीवन से समय निकालकर कथा को आवश्यक महत्व देना चाहिए. भागवत कथा से बड़ा कोई सत्य नहीं है. भागवत कथा अमृत है, इसके श्रवण करने से मनुष्य अमर हो जाता है. यह एक ऐसी औषधि है, जिससे जनम-मरण का रोग मिट जाता है. भागवत कथा को पांचवां वेद कहा गया है, जिसे पढ़ सकते हैं और सुन भी सकते हैं.

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