रिपोर्ट : आशीष कुमार
पश्चिम चम्पारण. सरकार की कुछ योजनाएं ऐसी हैं, जो हृदय रोग से पीड़ित बच्चों के लिए जीवनदायिनी योजना के रूप में देखी जा रही है. इनमें सबसे ऊपर बाल हृदय योजना है. दरअसल, यह कार्यक्रम मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत संचालित है. जिसका लाभ उठाकर आर्थिक रूप से पिछड़े परिवार के लोग अपने हृदय रोग से पीड़ित बच्चों का मुफ्त में इलाज कराते है. ऐसा ही कुछ पश्चिम चम्पारण जिले के बेतिया में देखने को मिला, जहां पूरे जिले से दर्जनों बच्चों को डॉक्टरों की देखरेख में इलाज के लिए पटना भेजा गया.
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला समन्वयक रंजन कुमार ने बताया कि जिले से कुल 10 बच्चों का चयन किया गया है. सभी बच्चे हृदय के किसी न किसी विकार से जूझ रहे हैं. इनमें बगहा से 3, नरकटियागंज से 3, मझौलिया से 2 तथा सिकटा से 2 बच्चों का चयन किया गया है. किसी की उम्र डेढ़ वर्ष है, तो किसी की 15 वर्ष. सभी बच्चों को उनके अभिभावक के साथ 3 बड़े एंबुलेंस की मदद से पटना इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी में इलाज हेतु भेजा जा रहा है. सफर के दौरान चिकित्सकों की टीम उनके साथ रहेगी. पटना में इलाज के बाद चिकित्सक यह निर्धारित करेंगे कि किस बच्चे को सर्जरी के लिए अहमदाबाद भेजना है और किसका अभी प्राथमिक उपचार होना है.
उचित इलाज के लिए भेजा गया पटना
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के मेडिकल ऑफिसर डॉ. केडी राय ने बताया कि बेतिया ब्लॉक स्थित जिला चिकित्सा समिति में मौजूद सभी बच्चों को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत चलंत चिकित्सा दल के जरिए चिन्हित किया गया है. एसीएमओ डॉ. रमेश चंद्रा के अनुसार इन सभी बच्चों को उनके माता-पिता के साथ ही 3 बड़े एंबुलेंस के जरिए सोमवार रात 9 बजे डायग्नोसिस हेतु पटना भेजा जाएगा. इस दौरान बच्चों समेत सभी के खाने-पीने की उचित व्यवस्था भी की गई है. साथ ही देखरेख हेतु चिकित्सकों की टीम भी उपलब्ध कराई गई है. खास बात यह है कि बाल हृदय योजना के जरिए चयनित इन सभी बच्चों के इलाज में अभिभावक का एक रुपया भी खर्च नहीं होना है.
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