पटना. पूरे विश्व के साथ भारत में भी कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन (Omicron) के बढ़ते मामले ने सरकार की चिंताएं बढ़ा दी हैं. इसके साथ ही कोरोना की तीसरी लहर (Corona Third Wave) की आहट भी सुनाई देने लगी है. देश के कई प्रदेशों में कोरोना के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. बिहार में भी कोरोना वायरस (Bihar Coronavirus) का संक्रमण एक बार फिर से तेजी से फैलने लगा है. हाल ही में बिहार के नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (NMCH) में कोरोना विस्फोट हुआ है. मेडिकल कॉलेज में कोरोना संक्रमण के 84 नए मामले सामने आए हैं. इसके बाद से ही शासन से लेकर प्रशासन तक में हड़कंप मचा हुआ है. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि राज्य में लॉकडाउन (Lockdown) तरह की पाबंदियां लगाई जा सकती हैं. हालांकि, इस पर अभी तक इस पर अंतिम फैसला नहीं लिया गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में मंगलवार को क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की महत्वपूर्ण बैठक होगी, जिसमें अहम फैसले लिए जा सकते हैं.
बिहार में कोविड की स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि पिछली बार की तरह ही इस बार भी कोरोना के मामले अचानक तेजी से बढ़ रहे हैं. यह बड़ा ही दुखद है. सभी जिलों से रिपोर्ट मंगाई गई है. मंगलवार की शाम को फिर जिलों की रिपोर्ट लेकर हमलोग बैठक करेंगे। मंगलवार की बैठक में बिहार में पाबंदियों और रोक पर निर्णय लेंगे.
सीएम नीतीश कुमार ने सोमवार को जनता दरबार में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि एहतियात को लेकर सरकार के द्वारा पहले से ही पांच जनवरी तक की गाइडलाइन जारी की जा चुकी है. अब पूरे बिहार से कल शाम तक की रिपोर्ट लेने के बाद मंगलवार को पांच जनवरी के आगे के लिए फैसला लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि जनता दरबार में शामिल होनेवालों की पहले जिलों में कोरोना की जांच की जाती है. 186 लोग आए थे, जिनमें यहां की जांच में छह व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. खान-पान की व्यवस्था देखने वाले भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. इसको लेकर हम सभी को अलर्ट रहना पड़ेगा.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अभी तक बिहार में कोरोना संक्रमण कंट्रोल में था, जिसके कारण हमलोग कई तरह के कार्यक्रम कर रहे थे. अब अचानक इसमें वृद्धि देखी जा रही है तो पूरी स्थिति की समीक्षा कर आगे का फैसला लिया जाएगा. सरकारी कार्यालयों समेत सभी जगहों पर कोरोना की जांच की जा रही है. पिछले आठ-दस दिनों में कोरोना के मामले में थोड़ी वृद्धि देखी गई, लेकिन अभी अचानक मामले में तेजी से बढ़ोतरी होने लगी है.
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी जांच में कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं. उनके एक मुख्य राजनीतिक सहयोगी ने सोमवार को यह जानकारी दी. मांझी के नेतृत्व वाले हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री गया जिले में अपने गांव में सुरक्षित हैं. रिजवान ने कहा, ‘‘मांझी कुछ समय से अस्वस्थ हैं. रविवार को उन्होंने अपने परिवार के करीबी सदस्यों और निजी सचिव के साथ जांच कराई. कुल 18 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है.’’
रिजवान ने बताया कि मांझी (77) के अलावा, जिन लोगों की कोविड-19 जांच रिपोर्ट ‘पॉजिटिव’ आई है उनमें उनकी पत्नी शांति देवी, बेटी पुष्पा मांझी, पुत्रवधू दीपा मांझी और निजी सचिव गणेश पंडित शामिल हैं. दीपा मांझी के पति संतोष सुमन हैं, जो राज्य में नीतीश कुमार सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री गया जिले में अपने गांव महकार में हैं. पटना के बाद गया जिले में कोराना वायरस संक्रमण की सर्वाधिक वृद्धि हुई है. मांझी विधानसभा में इमामगंज (सुरक्षित) सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.
पटना सिटी के अगमकुआं स्थित नालंदा मेडिकल कॉलेज में कोरोना के 84 मामले सामने आने से स्थानीय प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है. दरअसल, कोरोना जांच के लिए एनएमसीएच में कैंप लगाया गया था. इसमें 194 छात्रों की जांच की गई थी. इनमें से 84 छात्रों की RT-PCR रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. एनएमसीएच के अधीक्षक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने 84 मेडिकल छात्रों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने की पुष्टि की है. गौरतलब है कि बीते शनिवार को जांच के लिए 69 सैंपल लिए गए थे, जिनमें 12 जूनियर डॉक्टरों की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई थी. इनमें से 5 मेडिकल छात्रों को एनएमसीएच में भर्ती कराया गया है.
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