दरभंगा. दरभंगा में कोर्ट ने हत्या के जुर्म में 7 महिलाओं को आजीवन सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. इन महिलाओं पर जमीन के विवाद में 10 साल की बच्ची को पिट-पिटकर मार डालने का जुर्म साबित हो गया. गौरतलब है कि दरभंगा व्यवहार न्यायालय में एकसाथ 7 महिलाओं को आजीवन सश्रम कारावास की सजा इसके पहले कभी नहीं सुनाई गई थी.
7 महिलाओं को आजीवन कारावास की यह सजा नवम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजीव कुमार सिंह की अदालत ने बुधवार को सुनाई है. हत्या अभियुक्तों के महिला होने को देखते हुए अभियोजन पक्ष के संचालन का दायित्व महिला अपर लोक अभियोजक रेणु झा को सौंपा गया था.
रेणु झा ने बताया कि 12 सितंबर 2009 को हायाघाट थाना क्षेत्र के छतौना गांव के योगेंद्र यादव ने अपने गांव के ही गोतिया (रिश्तेदार) 7 महिलाओं के विरुद्ध अपनी बेटी की हत्या की प्राथमिकी (कांड संख्या 86/2009) दर्ज कराई थी. प्राथमिकी में अपनी 10 वर्षीय बेटी राजबंती को घेर कर लात-घूंसे और लोहे से पीटकर जख्मी करने का आरोप इन महिलाओं पर लगाया था. मारपीट से राजबंती बेहोश हो गई थी. उसे बेहोशी की हालत में हॉस्पिटल ले जाया गया था, जहां डाक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया था.
इस मामले में अभियोजन पक्ष का संचालन करते हुए अपर लोक अभियोजक रेणु झा ने हत्या के अभियुक्तों के विरुद्ध मुकदमा साबित करने के लिए 10 गवाहों पेश किए. वहीं, बचाव पक्ष ने इस मामले में 9 लोगों की गवाही कराई. दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायाधीश संजीव कुमार सिंह ने 10 वर्षीय राजबंती की निर्मम हत्या में छतौना गांव की रहनेवाली बुच्ची देवी, मुनर देवी, मनभोगिया देवी, सीता देवी, इंदु देवी, चधुरन देवी और भुखली देवी को दफा 302 के तहत आजीवन सश्रम कारावास की सजा और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई.
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