अभिनव कुमार
दरभंगा. बिहार के दरभंगा जिले के हायाघाट प्रखंड में सुनहरे भविष्य के लालच में किसानों ने अशोक पेपर मिल की स्थापना में अपनी सैकड़ों एकड़ जमीन दे दी. यहां के किसानों की उम्मीद थी कि उनके क्षेत्र में जब कंपनियां लगेंगी तो स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध होगा. साथ ही, क्षेत्र का भी विकास होगा. मगर अब वो अपने आप को कोस रहे हैं कि उनकी जमीनें चली गईं, लेकिन उनका मुआवजा नहीं दिया गया.
स्थानीय सीतेश्वर यादव और मंटू यादव बताते हैं कि हमारे पापा ने इस कंपनी में अपनी जमीन दे दी, इस उम्मीद में कि यहां रोजगार उपलब्ध होगा. उस वक्त जिसकी जमीन गई थी, इस कंपनी में उसके घर के एक व्यक्ति को नौकरी दी गई थी. लेकिन यह ज्यादा दिन नहीं चल सका और कंपनी अचानक बंद हो गई. हमलोगों की जमीन चली गई और रोजगार भी चला गया. इतनी जमीन होते हुए भी हमको दूसरी जगह जाकर कमा कर के पैसा लाना होता है, तब परिवार चलता है.
वहीं, स्थानीय बुजुर्ग रामाश्रय यादव ने बताया कि उनकी भी ढाई एकड़ जमीन इस कंपनी में गई है. इस कंपनी में हम प्लंबर का काम करते थे. मेरी जो मजदूरी होती वो भी मुझे नहीं मिल सकी है.
कभी लालू यादव ने कहा था- मिल को चालू कराएंगे
यहां के स्थानीय किसान और जमीनदाताओं को सरकार से इसको लेकर उम्मीदें हैं. उनका कहना है कि जब पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव यहां एक सभा को संबोधित करने आए थे, तो उन्होंने कहा था कि इस कंपनी को चालू करवाएंगे. इससे यहां के लोगों में उम्मीद की किरण जगी है कि अब जबकि उनकी गठबंधन की सरकार बिहार में है तो अब इस कंपनी को चालू किया जाना चाहिए. ऐसे कई लोग हैं जिनकी जमीनें भी चली गईं और मेहनताना भी नहीं मिला. आज वो पैसों के लिए तरस रहे हैं. रोजगार के लिए किसी दूसरे राज्य को पलायन करने के लिए मजबूर हैं.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
Tags: Bihar News in hindi, Darbhanga news, Lalu Yadav, Land acquisition