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दरभंगा: 48 घंटे में कोरोना से 18 मौतें, शवों को जलाने के लिए छोटा पड़ गया श्मशान

दरभंगा में कोरोना से हुई मौत के बाद जलते शव

दरभंगा में कोरोना से हुई मौत के बाद जलते शव

Darbhanga Corona Death: बिहार के दरभंगा में कोरोना से हुई मौत के बाद कबीर सेवा संस्थान से जुड़े लोग इन शवों का अंतिम सं ...अधिक पढ़ें

दरभंगा. बिहार के दरभंगा में कोरोना (Darbhanga Corona Cases) कहर बरपा रहा है. हाल ऐसे हैं कि पिछ्ले 24 घन्टे में जहां 12 मौते हुई हैं तो वहीं 48 घंटे में 18 से भी ज्यादा मौत होने से दाह संस्कार (Funeral) के लिए बने प्लेटफॉर्म कम पड़ गये हैं. अब तक ये दृश्य बड़े शहरों में देखने को मिल रहे थे लेकिन कोरोना के कोहराम से रूह कंपा देने वाली ये दृश्य अब दरभंगा में भी देखने को मिल रही है जहां एक साथ 6 शवों की अंत्येष्टि हुई. हाल ऐसे हैं कि एक तरफ चिता की लपटें उठ रही हैं तो बगल में मुस्लिम रीति रिवाज से भी शवों को दफनाया जा रहा है.

शवों के साथ नहीं आ रहे अपने

जिला प्रशासन, नगर निगम के सहयोग से कबीर सेवा संस्थान के सदस्य बारी-बारी से विधि विधान के साथ शवों की अंत्येष्टि कर रहे हैं.पहली बार दरभंगा में एक साथ शहर के भिंगो मुहल्ले में स्थित मुक्ति धाम में 6 चितायें जलती देख लोगों का कलेजा मुंह को आ गया. एक साथ इन 6 शवों की अंत्येष्टि हृदय विदारक थी. गौतलब है कि इस अन्तिम यात्रा में एक आध शवों के साथ ही एक दो परिजन आए बाकी के शवो के साथ इनका अपना कोई नहीं आया था. यहीं संस्था के सदस्य जहां एक ओर हिन्दू रीति रिवाज से दाह संस्कार कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ मुस्लिम समाज के भी शवों को दफनाने का काम किया जा रहा है.

मानवीय रिश्ते तार-तार

दरभंगा में कोरोना महामारी के इस दौर में मानवीय रिश्ते तार-तार होते नजर आ रहे हैं. कोरोना से जिनकी मौत हो रही है उसमें ज्यादातर के परिजन अपनों के शवों को छोड़कर भाग जा रहे हैं, ऐसे शवों के अन्तिम संस्कार करने मे दरभंगा जिला प्रशासन की मुश्किलें बढ़ रही हैं लेकिन कबीर सेवा संस्थान के प्रमुख सदस्य नवीन सिन्हा और उनकी टीम  लगातार ऐसे कामों के लिए आगे आकर मिसाल पेश कर रहा है.

कबीर सेवा संस्थान ने उठा रखा है जिम्मा

कबीर सेवा संस्थान के प्रमुख सदस्य नवीन सिन्हा बताते हैं कि वो और उनकी टीम के सदस्य बारी-बारी से तमाम सुरक्षा मानकों के तहत ऐसे शवों का अन्तिम संस्कार कर रहे हैं. उन्होने अचरज व्यक्त करते हुए कहा कि जब हमलोग ऐसा कर सकते हैं तो फिर परिजन क्यों नहीं ऐसा कर सकते हैं. जिंदगी भर जिसके साथ रहे अन्तिम समय में उसे लावारिस छोड़ देना दुखद है. उन्होंने कहा कि वो लोग अबतक लगभग 50 शवों का अन्तिम संस्कार किए हैं लेकिन हमें कुछ नहीं हुआ फिर परिजन क्यों भाग रहे हैं. संस्था के मुस्लिम सदस्य मोहम्मद उमर ने बताया कि वो मुस्लिम समाज के शव को दफनाने का काम कर रहे हैं. उन्होंने भी समाज से निवेदन किया की ऐसे शवों को नहीं छोड़े बल्कि अंतिम यात्रा पर अपनों का साथ जरूर मिलना चाहिए.

Tags: Bihar News, Corona death, Corona Death Rate, Corona deaths, Darbhanga news

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